नई दिल्ली: जानलेवा बीमारी हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है. साल 1967 में नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक बारूक सैमुअल ब्लमबर्ग ने हेपेटाइटिस बी वायरस की खोज की थी. Baruch Samuel Blumberg के सम्मान में उनके जन्मदिन 28 जुलाई के अवसर पर World Hepatitis Day मनाया जाता है.
लिवर में आ जाती है सूजन
हेपेटाइटिस लिवर का एक संक्रमण है जिसके परिणामस्वरूप लिवर में सूजन होती है. हेपेटाइटिस मुख्यतः खराब लाइफस्टाइल और शराब पीने के कारण होता है. हेपेटाइटिस एक वायरस से होने वाला रोग है. यदि सही समय पर हेपेटाइटिस का पता ना लगे और इलाज न किया जाए तो यह लिवर को धीरे-धीरे कमजोर करता है जिसके परिणाम स्वरुप लिवर धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है. हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी गंभीर श्रेणी की बीमारी है, ये लिवर को इस कदर प्रभावित करते हैं कि यदि समय पर इनका इलाज ना हो तो लिवर कैंसर, लिवर सिरोसिस और लीवर फेल होने की संभावना बढ़ जाती है. हेपेटाइटिस मुख्यतः पांच प्रकार का होता है, हेपेटाइटिस A, B, C, D और E.
WHO का बड़ा ऐलान
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शनिवार को दक्षिण पूर्व एशिया के देशों से वायरल हेपेटाइटिस बी और सी की रोकथाम, टीकाकरण, निदान और उपचार तक यूनिवर्सल पहुंच प्रदान करने के प्रयासों को तत्काल बढ़ाने का आह्वान किया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक बयान में कहा कि रोकथाम योग्य और इलाज योग्य होने के बावजूद, ये पुराने संक्रमण तेजी से गंभीर बीमारियों का कारण बन रहे हैं. यह तेजी से लिवर कैंसर, सिरोसिस और लिवर की विफलता से होने वाली मौतों की वजह बन रहे हैं. भारत में हेपेटाइटिस की बीमारी बहुत तेजी से बढ़ी है. WHO की 'ग्लोबल हेपेटाइटिस रिपोर्ट 2024' के मुताबिक, भारत हेपेटाइटिस प्रॉब्लम के मामले में चीन के बाद दूसरे नंबर पर है. लिवर इंफेक्शन की वजह से हर वर्ष दुनिया में 13 लाख लोगों को जान गवांनी पड़ती है.
लीवर कैंसर से हो रही सबसे ज्यादा मौतें
वैश्विक स्वास्थ्य निगरानी संस्था ने कहा कि लिवर कैंसर आज कैंसर से होने वाली मौतों का चौथा सबसे बड़ा कारण है, और पुरुषों में कैंसर से होने वाली मौतों का दूसरा सबसे आम कारण है. लगभग 75 प्रतिशत लिवर सिरोसिस हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण के कारण होता है. वर्ष 2022 में, इस क्षेत्र में 70.5 मिलियन लोग वायरल हेपेटाइटिस बी और सी से पीड़ित थे. प्रारंभिक परीक्षण और उपचार से हेपेटाइटिस सी का इलाज किया जा सकता है और हेपेटाइटिस बी को लिवर सिरोसिस और कैंसर का कारण बनने से रोका जा सकता है.यह उन पूर्वानुमानों को उलटने में मदद कर सकता है कि दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में लीवर कैंसर की दर 2050 तक दोगुनी होकर सालाना 200,000 से अधिक मौतों तक पहुंच जाएगी.
हेपेटाइटिस बी और सी से हो रही प्रतिदिन 3500 मौतें
WHO दक्षिण-पूर्व एशिया के क्षेत्रीय निदेशक साइमा वाजेद ने कहा कि हमारे पास वायरल हेपेटाइटिस को रोकने, उसका निदान करने और उसका इलाज करने के लिए ज्ञान और उपकरण हैं, फिर भी क्रोनिक हेपेटाइटिस बी और सी से पीड़ित लोग अभी भी उन सेवाओं तक पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं जिनकी उन्हें जरूरत है. हमें प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा स्तर पर समुदायों के करीब समान सेवाएं देने के प्रयासों में तेजी लाने की जरूरत है. वैश्विक स्तर पर, हेपेटाइटिस बी और सी संयुक्त रूप से प्रतिदिन 3500 मौतें होती हैं, जिसमें हर दिन 6000 लोग वायरल हेपेटाइटिस से संक्रमित होते हैं. दुनिया भर में अनुमानित 254 मिलियन लोग हेपेटाइटिस बी और 50 मिलियन लोग हेपेटाइटिस सी से पीड़ित हैं. बहुत से लोगों का निदान नहीं हो पाता है और निदान होने पर भी. साथ ही सेवाएं प्राप्त करने और उपचार प्राप्त करने वाले लोगों की संख्या बेहद कम रहती है.
साल 2022 में 1.3 मिलियन लोगों की गई थी जान
वर्ष 2022 में, लगभग 1.3 मिलियन लोगों की वायरल हेपेटाइटिस से मौत हो गई जो तपेदिक से होने वाली मौतों के बराबर है. वायरल हेपेटाइटिस और तपेदिक 2022 में कोविड-19 के बाद संचारी रोगों में मृत्यु के दूसरे प्रमुख कारण थे. डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में, हेपेटाइटिस बी और सी परीक्षण और उपचार का कवरेज कम बना हुआ है. वर्ष 2022 में, हेपेटाइटिस बी से पीड़ित केवल 2.8 प्रतिशत लोगों का निदान किया गया और निदान किए गए लोगों में से 3.5 प्रतिशत को उपचार मिला. हेपेटाइटिस सी से पीड़ित केवल 26 प्रतिशत और 14 प्रतिशत लोगों का क्रमशः निदान और उपचार किया गया.
वाजेद ने कहा ने आगे कहा कि हमारे पास सुरक्षित और प्रभावी टीके हैं जो हेपेटाइटिस बी संक्रमण को रोक सकते हैं. एंटीवायरल दवाएं रोग की प्रगति को नियंत्रित करने और रोकने, क्रोनिक हेपेटाइटिस बी के प्रबंधन और हेपेटाइटिस सी के अधिकांश मामलों को ठीक करने में अत्यधिक प्रभावी हैं. इन जीवन रक्षक हस्तक्षेपों के लिए प्रत्येक व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए और अधिक करने की आवश्यकता है, चाहे वे कोई भी हों और वे कहीं भी रहते हों.
जागरूकता की जरूरत
हेपेटाइटिस बी और सी आम आबादी और विशिष्ट आबादी को प्रभावित करते हैं, जैसे कि असुरक्षित रक्त आपूर्ति, असुरक्षित चिकित्सा इंजेक्शन और अन्य स्वास्थ्य प्रक्रियाओं के माध्यम से जोखिम वाले या जोखिम के इतिहास वाले लोग. चूंकि अधिकांश लोग इस बात से अनजान हैं कि वे हेपेटाइटिस बी या सी से संक्रमित हैं, इसलिए हेपेटाइटिस परीक्षण और उपचार तक पहुंच को बड़े अस्पतालों या रेफरल केंद्रों से आगे बढ़ाने की आवश्यकता है.
परीक्षण और उपचार प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं और सामान्य चिकित्सकों द्वारा समुदाय के भीतर सुलभ होना चाहिए, जहां लोग रहते हैं और काम करते हैं, और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के हिस्से के रूप में शामिल किया जाना चाहिए. वाजेद ने कहा कि हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी के परीक्षण और उपचार के त्वरित कवरेज से लिवर सिरोसिस और कैंसर के विकास में कमी आएगी और अंततः मृत्यु दर में भी कमी आएगी.
ये भी पढ़ें-