चंडीगढ़: बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में दो मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है. दोनो उम्मीदवार हरियाणा के मुस्लिम बहुल आबादी वाले जिले नूंह की दो सीटों पर खड़े किये गये हैं. एक सीट है पुनहाना और दूसरी है फिरोजपुर झिरका. हलांकि बीजेपी इससे पहले भी दो सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतार चुकी है. पुनहाना से एजाज खान और फिरोजपुर झिरका सीट से नसीम अहमद.
कौन हैं एजाज खान?
नूंह जिले की पुनहाना विधानसभा सीट से बीजेपी ने इस चुनाव में एजाज खान को उम्मीदवार बनाया है. एजाज खान हरियाणा के राजनीतिक परिवार से आते हैं. उनके पिता चौधरी सरदार खान हरियाणा सरकार में मंत्री रह चुके हैं. 2019 विधानसभा चुनव में बीजेपी ने पुनहाना से नौक्षम चौधरी को टिकट दिया था. वो चुनाव हार गईं थी. वहीं 2014 में इकबाल को उतारा था. इस बार बीजेपी ने फिर उम्मीदवार बदलते हुए एजाज खान पर भरोसा जताया है. 2019 में पुनहाना सीट से कांग्रेस के मोहम्मद इलियास जीते थे.
बीजेपी उम्मीदवार नसीम अहमद कौन हैं?
नसीम अहमद मेवात इलाके के पुराने नेता हैं. पिछले कई दशक से वो राजनीति में हैं. नसीम अहमद 2009 और 2014 में इनेलो के टिकट पर फिरोजपुर झिरका से विधायक रह चुके हैं. दोनों बार उन्होंने मामन खान को हराया था. मामन खान 2014 में निर्दलीय लड़े थे जबकि 2009 में कांग्रेस के टिकट पर वो चुनाव हार गये थे. 2009 में बीजेपी ने महेंद्र कुमार गर्ग को टिकट दिया था उन्हें केवल 4909 वोट मिले थे. जबकि 2014 में बीजेपी ने इस सीट से मोहम्मद आलम को टिकट दिया था.
नूंह में कभी नहीं जीती बीजेपी
2019 में फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस के मामन खान विजयी हुई थे. मामन खान का नाम नूंह दंगों को लेकर सुर्खियों में रहा है. नसीम अहमद 2019 विधानसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी में शामिल हुए थे. बीजेपी में शामिल होने के बाद पार्टी ने उन्हें 2019 चुनाव में भी टिकट देकर मैदान में उतारा लेकिन वो चुनाव हार गये. नूंह में तीन विधानसभा सीटें हैं. नूंह, फिरोजपुर झिरका और पुनहाना. तीनों सीटों पर फिलहाल कांग्रेस के विधायक हैं. बीजेपी नूंह में कभी नहीं जीती है.
हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान
हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान और 8 अक्टूबर को मतगणना होगी. बीजेपी ने 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिये हैं. हरियाणा में अगर इस बार बीजेपी सरकार लौटती है तो ये बीजेपी की ऐतिहासिक हैट्रिक जीत होगी. हलांकि इस बार कांग्रेस के साथ कड़ा मुकाबला बताया जा रहा है. बीजेपी ने इस ज्यादा से ज्यादा सीट जीतने की उम्मीद में कई नेताओं के परिवार से भी टिकट दिए हैं.
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