नई दिल्ली: लंबी दूरी की यात्रा करने के लिए ज्यादातर लोग ट्रेन का ही विकल्प चुनते हैं. क्योंकि रेल यात्रा के दूसरे साधनों की तुलना में सफर करने लिए ज्यादा सुविधाजनक होती है. साथ ही यह किफायती भी होती और इससे सफर करने पर ज्यादा पैसा भी खर्च नहीं होता.
भारत में रोजाना लाखों लोग ट्रेन से सफर करते हैं. इन यात्रियों के लिए रेलवे हजारों ट्रेनें चलाती है. रेलवे को भारत की लाइफ लाइन भी कहा जाता है. इन रेल को कंट्रोल और इतने बड़े ट्रेन नेटवर्क को मैनेज करने के लिए रेलवे में हजारों कर्मचारी काम करते हैं.
जोनल लेवल पर रेलवे में सबसे ऊंचा पद कौन सा होता है?
भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है. इसे 19 जोन में बांटा गया है. जोनल लेवल पर भारतीय रेलवे का सबसे ऊंचा पद जनरल मैनेजर का होता है. जनरल मैनेजर जोन लेवल पर नियुक्त किया जाता है. जनरल मैनेज के पास काफी ताकत होती है. एक जनरल मैनेजर के अंडर में कई डिवीजन आते हैं.
भारतीय रेलवे में कितने डिवीजन हैं?
भारतीय रेलवे में इस समय लगभग 70 डिवीजन हैं. हर डिवीजन पर डिवीजनल रेलवे मैनेजर (DRM) तैनात किए जाते हैं. डिवीजनल मैनेजर का काम डेली चलने वाली ट्रेनों का संचालन, ट्रैक की मैनटेनेंस और स्टेशन बिल्डिंग आदि का ध्यान रखना होता है. डिवीजनल मैनेजर जनरल मैनेजर को रिपोर्टिंग करता है.
जनरल मैनेजर को हाई सैलरी के साथ ही आवास, वाहन जैसी सुविधाएं भी दी जाती है. जनरल मैनेजर का पद कितना ऊंचा होता है इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि वह किसी भी ऑफिशियल दौरा के लिए 3 बॉगी की पर्सनल ट्रेन लेकर चलता है.
कितनी होती है जनरल मैनेजर की सैलरी?
रेलवे भर्ती बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार रेलवे जनरल मैनेजर के पद पर तैनात अधिकारी की सैलरी सालाना लगभग 28 लाख से 43 लाख रुपये तक होती है. यह पद 30 से 31 साल के एक्सपीरियंस के बाद मिलता है.
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