अंबिकापुर: विधानसभा चुनाव में जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता को गारंटी दी, अब कांग्रेस भी उसी तर्ज पर जनता को गारंटी देने लगी है. अंबिकापुर में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के मंच से कांग्रेस ने पहली गारंटी का ऐलान कर दिया. कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि एमएसपी को हम कानूनी दर्जा देंगे. किसानों को उनकी फसल का मालिक बनाएंगे. किसान अपनी फसल को आसानी से बेच पाए एमएसपी दर पर ये तय करेंगे. खड़गे और राहुल गांधी ने मंच से मोदी सरकार पर ताना कसते हुए कहा कि किसानों का भाग्य बीजेपी ने खराब कर दिया. हम सत्ता में आए तो किसानों को उनके भाग्य का विधाता बना देंगे.
कौन थे एमएस स्वामीनाथन?: भारत में हरित क्रांति के जनक के तौर पर एम स्वामीनाथन को माना जाता है. एमएस स्वामीनाथन ही वो शख्स थे जिन्होने गेहूं की सबसे बेहतरीन और उम्दा किस्म की पहचान की. उनकी अगुवाई में ही किसानों ने गेहूं की सबसे उम्दा किस्म की खेती शुरु की. गेहूं की खेती में भारत जो कभी फिसड्डी हुआ करता था बाद में गेहूं उत्पादन में दूसरे तीसरे नंबर पर पहुंच गया. 18 नवंबर 2004 को स्वामीनाथन आयोग का गठन किया गया जिसे हम राष्ट्रीय किसान आयोग के नाम से भी जानते हैं. भारत रत्न के साथ साथ एम स्वामीनाथन को उनके काम के लिए मैग्सेसे पुरुस्कार से भी सम्मानित किया गया. विश्व खाद्य पुरस्कार भी उनको दिया गया है.
क्या थी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें?: छोटे और गरीब किसानों की हालत सुधारने के लिए खेती को बढ़ावा देने के लिए कई सिफारिशें उन्होने दी. दुर्भाग्य ये रहा कि किसी भी सरकार के कार्यकाल में उनकी सिफारिशों को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गई. किसानों ने कई बार आंदोलन किया सिफारिशों को लागू करने की मांग की लेकिन नतीजा अबतक शून्य ही रहा.
MSP पर सिफारिश: स्वामीनाथन आयोग ने एमएसपी को लेकर ये सिफारिश की थी कि किसानों को उनकी फसल की लागत का 50 फीसदी हिस्सा ज्यादा मिले . किसान की फसल में लगने वाली लागत को तीन हिस्सों में भी बांटा था. सी 2 लागत में 2.5 फीसदी यानी की पचास फीसदी और जोड़कर MSP देेन की सिफारिश की थी.
दूसरी सिफारिश रोजगार में सुधार: आयोग ने कहा कि खेती और किसानी से जुड़े रोजगार को बढ़ाया जाए. आयोग ने आंकड़ों के जरिए कहा कि साल 1961 में कृषि से जुड़े रोजगार 75 फीसदी लोग थे. साल 2000 आते आते खेती करने वालों की संख्या तेजी से घटी और ये आंकड़ा 59 फीसदी पर आ गया. आयोग ने कहा कि नेट टेक होम इनकम किसानों की लगातार घट रही है इसे तय करना जरूरी है.
तीसरी सिफारिश भूमि बंटवारा: खेती के कम होते रकबे और बंजर होती जमीनों को लेकर भी आयोग ने चिंता जताई. स्वामीनाथन आयोग ने कहा कि 1991 से 1992 में पचास फीसदी ग्रामीणों के पास देश की महज तीन फीसदी जमीन है. बड़े किसानों के पास ज्यादा जमीन है. आयोग ने कहा कि जमीन समान रुप से होगा तो खेती में मुनाफा में ज्यादा होगा और सबकी आय भी बढ़ेगी.
सिंचाई सुधार की सिफारिश की: सभी किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिले इसकी उचित व्यवस्था होनी चाहिए. आयोग ने सलाह दी कि सिंचाई के पानी की व्यवस्था सभी के लिए समान हो. जल स्तर को सुधारने के लिए आयोग ने कदम उठाने की बात कही. कुआं शोध योजना को शुरु करने पर भी जोर दिया.
भूमि सुधार की सिफारिश की: आयोग ने कहा कि जहां कहीं भी जमीन खाली है उसे सीलिंग और बंटवारे के जरिए समान रुप से दिया जाए. खेती के लायक जो जमीन है उसपर खेती ही की जाए. खेती के जमीन का इस्तेमाल उद्योग धंधों के लिए नहीं करें.
खाद्य सुरक्षा की सिफारिश की: स्वामीनाथन आयोग ने आम लोगों के लिए जन वितरण सिस्टम डेवलप करने की सिफारिश की. सभी पंचायतों में पंचायत की मदद से पोषण योजना शुरु करने की वकालत की. आयोग ने कहा कि योजना का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे इसकी व्यवस्था की जाए.