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2021 विधानसभा चुनाव से पहले TMC को थी स्कूल जॉब स्कैम घोटाले की जानकारी, कुणाल घोष का दावा - West Bengal Jobs Scam

School Jobs Scam: टीएमसी ने बुधवार को कुणाल घोष को पार्टी के महासचिव पद से हटाया दिया था. पद से हटाए जाने के बाद उन्होंने दावा किया है कि पार्टी को 2021 के विधानसभा चुनावों से पहले ही इसकी जानकारी थी.

Kunal Ghosh
कुणाल घोष
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By PTI

Published : May 2, 2024, 10:20 AM IST

Updated : May 2, 2024, 4:55 PM IST

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (TMC) के महासचिव पद से हटाए जाने के बाद कुणाल घोष ने दावा किया कि पार्टी को 2021 विधानसभा चुनाव से पहले ही स्कूल भर्ती घोटाले के बारे में पता था. टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के करीबी माने जाने वाले घोष ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब लोकसभा चुनाव के बीच SSC स्कैम राज्य में एक अहम मुद्दा बनकर सामने आया है.

टीएमसी ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लोकसभा उम्मीदवार के साथ मंच शेयर करने और उनकी तारीफ करने के कुछ घंटों बाद घोष को पद से हटा दिया था. उन्होंने न्यूज चैनल एबीपी आनंद को दिए इंटरव्यू में कहा, 'पार्टी इस बात से अच्छी तरह वाकिफ थी कि स्कूल शिक्षा विभाग में नौकरियों के बदले बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और जबरन वसूली हो रही थी. पार्टी को 2021 के विधानसभा चुनावों से पहले ही इसकी जानकारी थी.'

घोष ने कहा कि पार्टी ने बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी के बाद पार्टी ने 2021 में तीसरी बार सत्ता में लौटने पर पार्थ चटर्जी को शिक्षा मंत्रालय से उद्योग विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया था.

हाई कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया को अवैध घोषित किया
घोष की यह टिप्पणी कलकत्ता हाई कोर्ट की ओर से पश्चिम बंगाल सरकार के प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (SLST) भर्ती प्रक्रिया को अमान्य और अवैध घोषित करने के एक सप्ताह बाद आई है. कोर्ट ने इसके माध्यम से की गई सभी नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया था.

26 हजार लोगों की गई नौकरियां
कोर्ट के आदेश के बाद करीब 26,000 लोगों की नौकरियां चली गईं. इस मामले पर टीएमसी नेतृत्व ने कहा था कि 2022 में चटर्जी की गिरफ्तारी होने तक पार्टी को घोटाले की जानकारी नहीं थी. गौरतलब है कि टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी को एसएससी घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए जुलाई 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद चटर्जी को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया. उन्हें राज्य मंत्रिमंडल से भी हटा दिया गया था.

इसके अलावा घोटाले में कथित संलिप्तता के कारण सीबीआई ने कई टीएमसी नेताओं और टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य और जीवन कृष्ण साहा को गिरफ्तार किया था.

यह भी पढ़ें- संदेशखाली मामले में सीबीआई ने शेख शाहजहां के फरार भाई को जारी किया समन - CBI Notice Sandeshkhali Issue

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (TMC) के महासचिव पद से हटाए जाने के बाद कुणाल घोष ने दावा किया कि पार्टी को 2021 विधानसभा चुनाव से पहले ही स्कूल भर्ती घोटाले के बारे में पता था. टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के करीबी माने जाने वाले घोष ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब लोकसभा चुनाव के बीच SSC स्कैम राज्य में एक अहम मुद्दा बनकर सामने आया है.

टीएमसी ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लोकसभा उम्मीदवार के साथ मंच शेयर करने और उनकी तारीफ करने के कुछ घंटों बाद घोष को पद से हटा दिया था. उन्होंने न्यूज चैनल एबीपी आनंद को दिए इंटरव्यू में कहा, 'पार्टी इस बात से अच्छी तरह वाकिफ थी कि स्कूल शिक्षा विभाग में नौकरियों के बदले बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और जबरन वसूली हो रही थी. पार्टी को 2021 के विधानसभा चुनावों से पहले ही इसकी जानकारी थी.'

घोष ने कहा कि पार्टी ने बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी के बाद पार्टी ने 2021 में तीसरी बार सत्ता में लौटने पर पार्थ चटर्जी को शिक्षा मंत्रालय से उद्योग विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया था.

हाई कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया को अवैध घोषित किया
घोष की यह टिप्पणी कलकत्ता हाई कोर्ट की ओर से पश्चिम बंगाल सरकार के प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (SLST) भर्ती प्रक्रिया को अमान्य और अवैध घोषित करने के एक सप्ताह बाद आई है. कोर्ट ने इसके माध्यम से की गई सभी नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया था.

26 हजार लोगों की गई नौकरियां
कोर्ट के आदेश के बाद करीब 26,000 लोगों की नौकरियां चली गईं. इस मामले पर टीएमसी नेतृत्व ने कहा था कि 2022 में चटर्जी की गिरफ्तारी होने तक पार्टी को घोटाले की जानकारी नहीं थी. गौरतलब है कि टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी को एसएससी घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए जुलाई 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद चटर्जी को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया. उन्हें राज्य मंत्रिमंडल से भी हटा दिया गया था.

इसके अलावा घोटाले में कथित संलिप्तता के कारण सीबीआई ने कई टीएमसी नेताओं और टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य और जीवन कृष्ण साहा को गिरफ्तार किया था.

यह भी पढ़ें- संदेशखाली मामले में सीबीआई ने शेख शाहजहां के फरार भाई को जारी किया समन - CBI Notice Sandeshkhali Issue

Last Updated : May 2, 2024, 4:55 PM IST
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