कोलकाता: आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार शाम को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से राज्य सचिवालय नबन्ना में मुलाकात की. इस दौरान अपनी 10 सूत्री मांग पत्र पर जोर दिया. बैठक में मार्च 2025 तक टास्क फोर्स बनाने और उसका चुनाव करने का फैसला किया गया. हालांकि, एस्प्लेनेड में भूख हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद भूख हड़ताल खत्म करने का फैसला किया.
जूनियर डॉक्टरों ने ममता बनर्जी के साथ दो घंटे लंबी बैठक की जबकि उनके सहकर्मी कुछ किलोमीटर दूर ही 17 दिनों से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे रहे. इस बैठक का पहली बार नबान्ना से टेलीविजन पर सीधा प्रसारण किया गया, जिसमें कई हितधारक मौजूद थे.
#WATCH | RG Kar Medical College Rape and Murder case | Kolkata, West Bengal: After junior doctors ended their indefinite hunger strike, they were taken to a hospital. pic.twitter.com/ekuv43oIlP
— ANI (@ANI) October 21, 2024
बहरहाल, भूख हड़ताल स्थल पर वापस आकर जूनियर डॉक्टर आपस में बैठक की. वे आपस में आगे की रणनीति पर चर्चा करने में जुट गए. जीबी की बैठक के बाद तय होगा कि भूख हड़ताल वापस ली जाएगी या नहीं. बैठक में कहा गया कि पश्चिम बंगाल के विभिन्न कॉलेजों में यौन उत्पीड़न से लेकर विभिन्न महत्वपूर्ण शिकायतों की जांच के लिए समितियां हैं. हालांकि, बैठक में शामिल जूनियर डॉक्टरों की मांगों को कॉलेज स्तर की समिति के कई सदस्यों ने नजरअंदाज कर दिया. वे अभी भी समिति के सदस्य हैं.
बैठक में निर्णय लिया गया कि मुख्य सचिव मनोज पंत की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय स्वास्थ्य टास्क फोर्स में दो जूनियर डॉक्टर, दो रेजिडेंट डॉक्टर तथा एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर प्रतिनिधि को शामिल किया जाएगा. कई मांगों से असंतुष्ट होने के बावजूद डॉक्टरों ने सोमवार को भूख हड़ताल वापस लेने का फैसला किया.
जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक देबाशीष हलदर ने जीबी बैठक के बाद कहा, 'आज हम भूख हड़ताल वापस ले रहे हैं लेकिन हमारी लड़ाई और भी तीव्र होगी. प्रशासन के हाव-भाव से ऐसा लगता है कि वे आम लोगों के बारे में नहीं सोचते. इसलिए हमने स्वास्थ्य हड़ताल वापस ले ली है. हालांकि, हम अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर अगले शनिवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक बड़ी रैली का आयोजन कर रहे हैं.'
जूनियर डॉक्टरों की 10 सूत्री मांग पर सरकार का रुख
1. पीड़िता को शीघ्र न्याय मिले: सीबीआई जांच चल रही है.
2. छात्र चुनाव: मार्च 2025 तक मतदान प्रक्रिया पूरी करने का आश्वासन.
3. राज्य चिकित्सा परिषद का पुनर्गठन: संभव नहीं.
4. राज्य स्वास्थ्य सचिव को हटाना: संभव नहीं.
5. अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाई जाए: आश्वासन मिला.
6. सेंट्रल रेफरल सिस्टम लागू किया जाए: काम शुरू हो गया है.
7. अस्पतालों में खाली पड़े बेड की निगरानी: काम शुरू हो गया है.
8. अस्पताल में सीसीटीवी, पैनिक बटन लगाना: काम जारी है.
9. अस्पतालों में खाली पदों को भरना: आश्वासन मिले, लेकिन ओबीसी आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.
10. धमकी संस्कृति के खिलाफ कार्रवाई: आश्वासन मिला.
मुख्यमंत्री ने कहा कि चर्चा की विषय-वस्तु मंगलवार दोपहर 3 बजे तक जूनियर डॉक्टरों को बता दी जाएगी. अंत में मुख्यमंत्री ने अस्पताल में स्थिति सामान्य करने का आह्वान किया. ममता बनर्जी ने दावा किया कि अगर स्थिति सामान्य नहीं हुई तो सरकार काम नहीं कर पाएगी.