नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या की जघन्य घटना की पूरे देश में निंदा हो रही है. मेडिकल क्षेत्र से जुड़े पेशेवर और छात्र घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के विरोध में शनिवार को 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था. आईएमए ने सरकार से देश भर में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है.
वहीं, कोलकाता की घटना को लेकर भाजपा लगातार राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर निशाना साध रही है. बंगाल भाजपा की नेता और विधायक अग्निमित्रा पॉल ने शनिवार को नई दिल्ली में ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कोलकाता पुलिस ने पहले आत्महत्या बताकर मामले को दबाने की कोशिश की और आज ममता बनर्जी विरोध मार्च निकाल रही हैं. उन्होंने कहा कि 11 साल पहले हमारी बहन कामदुनी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था, लेकिन अब तक दोषियों को फांसी नहीं हुई है. ममता को पहले कामदुनी दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए पैदल यात्रा करनी चाहिए. उनका यह नाटक बार-बार नहीं चलेगा.
वहीं, पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग से भाजपा सांसद राजू बिस्टा ने भी सीएम ममता के विरोध मार्च को ड्रामा करार दिया. दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए बिस्टा ने कहा कि सीएम ममता का यह ड्रामा बहुत ही हास्यास्पद है. ममता दीदी की ममता मर चुकी है. बंगाल में महिलाएं और माताएं सुरक्षित नहीं हैं. कोलकाता की घटना के कारण बंगाल की 10 करोड़ जनता को शर्मासार होना पड़ा है.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि ममता बनर्जी को मार्च नहीं...कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सीएम ममता महिला सुरक्षा को पुख्ता करने के बजाय ड्रामाबाजी कर रही हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज बंगाल को तालिबानी और कंगारू कोर्ट से चलाया जा रहा है.
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