गांधीनगर: गुजरात में भारी बारिश की वजह से हालात काफी चिंताजनक होते जा रहे हैं. राज्य के विभिन्न जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित हो गई है. अधिकारियों ने बताया कि पिछले 24 घंटों में बाढ़ के कारण आठ लोगों की मौत हो गई है, जिससे मरने वालों की कुल संख्या 61 हो गई है. वहीं दक्षिण गुजरात में रेल अलर्ट जारी किया गया है.
इस संबंध में राहत आयुक्त आलोक पांडे ने कहा कि द्वारका और सूरत में बचाव अभियान चल रहा है और प्रभावित निवासियों की मदद करने और संकट से निपटने के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमें भारी बारिश को लेकर मुख्यमंत्री से लगातार निर्देश मिल रहे हैं. आईएमडी के पूर्वानुमान के आधार पर, दक्षिण गुजरात में भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. द्वारका और सूरत में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है.
पांडे ने कहा कि दुर्भाग्य से, पिछले 24 घंटों में 8 लोगों की मौत हो गई है, जिससे मरने वालों की कुल संख्या 61 हो गई है. उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें विभिन्न जिलों में अथक प्रयास कर रही हैं. आणंद जिला भी लगातार बारिश के कारण भारी जलभराव का सामना कर रहा है. सूरत में भारी बारिश के कारण वीर कवि नर्मद सेतु के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं और शहर में भारी जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
भारी बारिश के कारण वडोदरा में भी बाढ़ के हालात हैं. इसी तरह डांग जिले के वाघई में गिरा झरने का जल स्तर बढ़ गया है. मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने बुधवार को गांधीनगर में आयोजित कैबिनेट बैठक में सौराष्ट्र-कच्छ में व्यापक और भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति की व्यापक समीक्षा की थी. मुख्यमंत्री ने जिन जिलों-क्षेत्रों में भारी वर्षा के फलस्वरूप जल-जमाव तथा सम्पत्ति की क्षति हुई है, वहां बचाव एवं राहत कार्यों में जिला तंत्र के मार्गदर्शन के लिए संबंधित जिलों के प्रभारी मंत्रियों तक पहुंचाने के निर्देश दिए थे. इसके अलावा बैठक के दौरान सड़क, बांध, बिजली, जलापूर्ति, कृषि क्षति की भी गहन समीक्षा की गई.
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