नई दिल्ली: भारत-नागा शांति वार्ता के समाधान पर गतिरोध के बीच गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले 10 वर्षों की उपलब्धि के रूप में भारत सरकार और एनएससीएन (IM) के बीच 2015 में हस्ताक्षरित फ्रेमवर्क समझौते (FA) के बारे में जानकारी दी.
हालांकि, राय शांति समझौते की नवीनतम स्थिति के साथ-साथ एनएससीएन-आईएम की अलग झंडे और अलग संविधान की मांग पर सरकार के रुख के बारे में जवाब देने में विफल रहे. दरअसल, अलग झंडा और संविधान नागा विद्रोही समूहों की दो प्रमुख मांगें हैं, जिन्हें कथित तौर पर फ्रेमवर्क समझौते में भी शामिल किया गया था.
पूर्वोत्तर में पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार की उपलब्धियों पर मीडिया से बातचीत करते हुए राय ने कहा, "एनएससीएन-आईएम के साथ एक फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए गए और विभिन्न नागा विद्रोही समूहों के साथ संघर्ष विराम का विस्तार किया गया."
बता दें कि भारत सरकार और एनएससीएन-आईएम के बीच दशकों से चली आ रही बातचीत वर्तमान में अलग झंडे और अलग संविधान के मुद्दे पर गतिरोध में है.
राय ने कहा कि उनकी सरकार ने मणिपुर में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा, "हमने मणिपुर के दो समुदायों (कुकी और मैतेई) के साथ राज्य में शांति लाने के लिए समझौता किया है."
उन्होंने कहा कि क्षेत्र की बेहतर कानून व्यवस्था के बाद पूर्वोत्तर के 75 प्रतिशत से अधिक भौगोलिक क्षेत्र को सशस्त्र बल विशेष (शक्तियां) अधिनियम से मुक्त कर दिया गया है. राय ने कहा, "पिछले 10 वर्षों में पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवाद संबंधी हिंसा में 71 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. वहीं सुरक्षा बलों के हताहतों में 60 प्रतिशत की कमी आई है, साथ ही क्षेत्र में नागरिकों के हताहत होने में 82 प्रतिशत की कमी आई है."
राय ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में 9,500 से अधिक उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है. उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में क्षेत्र में बजटीय आवंटन में भी बड़ा इजाफा देखा गया है. राय ने कहा, "पिछले 10 वर्षों के दौरान, गैर-छूट प्राप्त मंत्रालयों/विभागों ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए 5.22 लाख करोड़ रुपये का अनंतिम व्यय किया है."
उल्लेखनीय है कि सभी गैर-छूट प्राप्त केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के लिए अपने वार्षिक सकल बजटीय आवंटन का कम से कम 10 प्रतिशत पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए निर्धारित करना अनिवार्य है. राय ने कहा, "पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के लिए बजटीय आवंटन में 2014-15 के 2332 करोड़ से 2023-24 में 152 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 5,892 करोड़ रुपये हो गया है."
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में रेलवे कनेक्टिविटी के सुधार के लिए 2009-14 की तुलना में इस क्षेत्र के बजटीय आवंटन में 384 प्रतिशत की वृद्धि भी देखी गई. राय ने कहा कि 2014 में इस क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) की लंबाई 10,905 किलोमीटर थी, जो पिछले दस वर्षों में बढ़कर 2023 में 16,125 किलोमीटर हो गई है. उन्होंने कहा कि चाहे वह दूरसंचार और कनेक्टिविटी हो, जलमार्ग हो, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, कौशल विकास, रोजगार, बिजली और ऊर्जा, पर्यटन हो, इस क्षेत्र ने पिछले 10 वर्षों में बहुत बड़ा विकास किया है.
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