तिरुवनंतपुरम: केरल सरकार ने वायनाड भूस्खलन पीड़ित परिवारों को 6 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. यह मुआवजा एसडीआरएफ और सीएमडीआरएफ (मुख्यमंत्री राहत कोष) सेलिया जाएगा. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि आपदा पीड़ितों के भाई-बहन मुआवजा राशि का दावा कर सकते हैं, बशर्ते वे यह साबित न कर दें कि वे मृतक व्यक्ति पर निर्भर थे.
वहीं मृतक के माता-पिता, पति, पत्नी और बच्चे कानूनी वारिस प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए बिना भी मुआवज़ा का दावा कर सकते हैं. भूस्खलन पीड़ितों के आश्रितों के लिए भी वित्तीय सहायता होगी. साथ ही घायल लोगों को भी मुआवज़ा मिलेगा. यह उनकी चोट पर निर्भर करता है. आपदा में 60 प्रतिशत विकलांगता वाले लोगों को सरकार 75,000 रुपये का मुआवज़ा देगी.
जबकि 40 से 60 प्रतिशत विकलांगता वाले लोगों को मुआवज़े के रूप में 50,000 रुपये मिलेंगे. सीएमडीआरएफ में घायल लोगों के लिए मुआवज़ा स्वीकृत किया गया है. सीएम ने कहा कि लापता लोगों के परिवार भी उसी मुआवजे के लिए पात्र हैं. अब पुलिस विंग लापता लोगों की सूची तैयार कर रही है. जल्द ही सूची प्रकाशित की जाएगी.
उन्होंने लापता लोगों की संख्या 118 बताई. सीएम ने भूस्खलन प्रभावित परिवारों को हर महीने 6,000 रुपये देने की भी घोषणा की. सीएम ने कहा कि सरकार का उद्देश्य भूस्खलन पीड़ितों को मुफ्त आवास उपलब्ध कराना है. खोए हुए प्रमाण-पत्रों की वसूली के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2018 की तरह ही विश्वविद्यालयों, सरकारी संस्थाओं, स्थानीय स्वशासन निकायों, बोर्डों, निगमों, आयोगों और निदेशालयों जैसी संस्थाओं से विभिन्न दस्तावेज खो चुके लोगों को डुप्लीकेट/संशोधित दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए.
डीएनए जांच के जरिए 118 लोगों की पहचान की जानी बाकी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्र के पुनर्वास के संबंध में निर्णय विशेषज्ञ दल की व्यापक रिपोर्ट के आधार पर लिया जाएगा. इस समूह की रिपोर्ट के आधार पर भूमि उपयोग पैटर्न तय किए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि विस्तृत लाइडार सर्वेक्षण कराया जाएगा.