ETV Bharat / bharat

यहां सिर्फ कागजों पर बिजली और पानी मौजूद, असल जिंदगी में बिजली और पानी के लिए तरस रहे लोग - Water Crisis in Latehar

Water Crisis in Latehar. देश आज चांद पर पहुंच चुका है और वहां पानी की संभावनाएं तलाश की जा रही हैं. लेकिन धरती पर भी ऐसे कई जगह हैं जहां लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है. झारखंड के इस गांव में ना तो बिजली है और ना ही पानी, यहां के लोग अब भी पुरातन युग में जी रहे हैं.

WATER CRISIS IN LATEHAR
डिजाइन इमेज (Photo- Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 9, 2024, 4:24 PM IST

Updated : May 9, 2024, 6:17 PM IST

लातेहार के बिछमरवा गांव में सिर्फ कागजों पर बिजली और पानी (वीडियो- ईटीवी भारत)

लातेहार: एक तरफ सरकार हर घर तक पीने का पानी पहुंचाने तथा गांव-गांव तक बिजली पहुंचाने का दावा कर रही है. वहीं दूसरी ओर जिले के सरयू प्रखंड के बिछमरवा गांव में रहने वाले लोग बिजली और पानी के लिए परेशान हैं. कहने के लिए तो बिजली और पानी दोनों की व्यवस्था पहुंचा दी गई है, लेकिन सच्चाई यह है कि इस गांव में रहने वाले लोग पानी और बिजली के लिए तरस रहे हैं.

सरयू प्रखंड अंतर्गत बिछमरवा गांव में लगभग 45 दलित परिवार रहते हैं. गांव की कुल जनसंख्या लगभग 300 के है. इस गांव में रहने वाले लोग आज भी पीने के पानी के लिए गंदे नाले के चुआड़ी पर निर्भर हैं. गांव में कहने के लिए तो नल जल योजना के तहत जल मीनार स्थापित कर घर-घर तक नलकूप लगाई गई है. लेकिन यह जल मीनार सिर्फ दिखाने के लिए ही लगा है. अपने निर्माण के कुछ ही दिनों के बाद जलमीनार खराब हो गया था. जिसके कारण यहां के ग्रामीणों को इसका लाभ भी मिलना बंद हो गया है.

कई बार लगाई अधिकारियों से गुहार

ग्रामीणों का कहना है कि कई बार इसके लिए विभागीय अधिकारियों से गुहार लगाई गई, लेकिन वहां से सिर्फ आश्वासन ही मिला. धरातल पर आकर जलमीनार को दुरुस्त करने के प्रति विभागीय अधिकारियों ने कभी भी गंभीरता नहीं दिखाई. आज स्थिति यह है कि यहां के ग्रामीण लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित बहने वाले गंदे नाले के पानी से अपनी प्यास बुझाने को विवश हैं.

3 वर्ष से गांव में बिजली नहीं

ग्रामीणों ने बताया कि पानी की समस्या का साथ-साथ इस गांव में बिजली की समस्या भी पिछले तीन वर्षों से विराजमान है. ग्रामीणों ने बताया कि बिजली विभाग को कई बार इसकी सूचना दी गई है, लेकिन वहां से सिर्फ टालमटोल किया जाता है. ग्रामीणों ने कहा कि पिछले साल तो सभी ग्रामीण नाराज होकर अपने-अपने घर के बिजली के मीटर को भी विभाग के पास जमा करने पहुंच गए थे. इसके बाद भी बिजली विभाग के अधिकारी उनकी समस्याओं के समाधान के प्रति कोई गंभीरता नहीं दिखाई. अब तो ग्रामीणों को लगने लगा है कि सिर्फ कागज में दिखाने के लिए ही उनके गांव में बिजली और पानी की व्यवस्था की गई थी.

पूर्वज जैसे जीते थे, आज भी वैसे ही स्थिति हो गई

इधर, गांव में बिजली और पानी की घोर कमी से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. स्थानीय ग्रामीण प्रदीप घांसी ने बताया कि गांव में ना तो पानी की सुविधा है और नहीं बिजली की सुविधा है. बिजली के बिना तो किसी प्रकार काम चल जा रहा है, लेकिन पानी के लिए ग्रामीणों को तरसना पड़ रहा है. गांव के लोग गंदे नाले के पानी से अपनी प्यास बुझा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 50 वर्ष पहले जिस प्रकार उनके पूर्वज नदी नालों पर निर्भर थे, ठीक उसी प्रकार आज भी वे लोग नदी नालों पर ही निर्भर हो गए हैं.

गंदा पानी पीने से लोग हो रहे बीमार

वहीं ग्रामीण सुनीता देवी कहती है कि गंदे नाले का पानी पीने से जहां उनके बच्चे बीमार पड़ रहे हैं, महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है. गांव से काफी दूर नाले में चुआड़ी बनाकर वे लोग अपनी प्यास बुझा रहे हैं. ग्रामीण महिला की केवंती देवी ने कहा कि गांव में सबसे अधिक परेशानी पानी की है. गंदे नाली के पानी पर पूरा गांव निर्भर है. जब कभी दूसरे गांव का स्कूल खुला रहता है तो वहां से पीने का पानी ले आते हैं, लेकिन स्कूल बंद होने पर इसी गंदे नाली का पानी पीना पड़ रहा है.

क्या कहते हैं अधिकारी

ग्रामीणों के इन परेशानियों के बारे में जब लातेहार पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता दीपक कुमार से जानकारी ली गई तो उन्होंने इस पर अभिज्ञता जाहिर की. उन्होंने कहा कि अभी तक किसी भी गांव वालों ने उनके पास इसकी शिकायत नहीं की है. अगर ऐसी समस्या है तो आज ही वहां टीम भेज कर समस्या का समाधान करने का प्रयास करेंगे. वहीं बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता मोहम्मद एस आलम ने कहा कि मामले की जानकारी लेकर गांव की समस्या का समाधान के लिए त्वरित कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें:

गढ़वा में गहराया जल संकट, कनहर नदी के सूखने से बूंद-बूंद पानी के लिए गोदरमाना के ग्रामीण मोहताज - Water crisis in garhwa

जलसंकट वाले इलाके में एक डेढ़ फीट का कुआं बना वरदान, लगातार निकलता रहता है पानी, हजारों लोग बुझाते हैं अपनी प्यास - Mysterious well in Ranchi

लातेहार के बिछमरवा गांव में सिर्फ कागजों पर बिजली और पानी (वीडियो- ईटीवी भारत)

लातेहार: एक तरफ सरकार हर घर तक पीने का पानी पहुंचाने तथा गांव-गांव तक बिजली पहुंचाने का दावा कर रही है. वहीं दूसरी ओर जिले के सरयू प्रखंड के बिछमरवा गांव में रहने वाले लोग बिजली और पानी के लिए परेशान हैं. कहने के लिए तो बिजली और पानी दोनों की व्यवस्था पहुंचा दी गई है, लेकिन सच्चाई यह है कि इस गांव में रहने वाले लोग पानी और बिजली के लिए तरस रहे हैं.

सरयू प्रखंड अंतर्गत बिछमरवा गांव में लगभग 45 दलित परिवार रहते हैं. गांव की कुल जनसंख्या लगभग 300 के है. इस गांव में रहने वाले लोग आज भी पीने के पानी के लिए गंदे नाले के चुआड़ी पर निर्भर हैं. गांव में कहने के लिए तो नल जल योजना के तहत जल मीनार स्थापित कर घर-घर तक नलकूप लगाई गई है. लेकिन यह जल मीनार सिर्फ दिखाने के लिए ही लगा है. अपने निर्माण के कुछ ही दिनों के बाद जलमीनार खराब हो गया था. जिसके कारण यहां के ग्रामीणों को इसका लाभ भी मिलना बंद हो गया है.

कई बार लगाई अधिकारियों से गुहार

ग्रामीणों का कहना है कि कई बार इसके लिए विभागीय अधिकारियों से गुहार लगाई गई, लेकिन वहां से सिर्फ आश्वासन ही मिला. धरातल पर आकर जलमीनार को दुरुस्त करने के प्रति विभागीय अधिकारियों ने कभी भी गंभीरता नहीं दिखाई. आज स्थिति यह है कि यहां के ग्रामीण लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित बहने वाले गंदे नाले के पानी से अपनी प्यास बुझाने को विवश हैं.

3 वर्ष से गांव में बिजली नहीं

ग्रामीणों ने बताया कि पानी की समस्या का साथ-साथ इस गांव में बिजली की समस्या भी पिछले तीन वर्षों से विराजमान है. ग्रामीणों ने बताया कि बिजली विभाग को कई बार इसकी सूचना दी गई है, लेकिन वहां से सिर्फ टालमटोल किया जाता है. ग्रामीणों ने कहा कि पिछले साल तो सभी ग्रामीण नाराज होकर अपने-अपने घर के बिजली के मीटर को भी विभाग के पास जमा करने पहुंच गए थे. इसके बाद भी बिजली विभाग के अधिकारी उनकी समस्याओं के समाधान के प्रति कोई गंभीरता नहीं दिखाई. अब तो ग्रामीणों को लगने लगा है कि सिर्फ कागज में दिखाने के लिए ही उनके गांव में बिजली और पानी की व्यवस्था की गई थी.

पूर्वज जैसे जीते थे, आज भी वैसे ही स्थिति हो गई

इधर, गांव में बिजली और पानी की घोर कमी से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. स्थानीय ग्रामीण प्रदीप घांसी ने बताया कि गांव में ना तो पानी की सुविधा है और नहीं बिजली की सुविधा है. बिजली के बिना तो किसी प्रकार काम चल जा रहा है, लेकिन पानी के लिए ग्रामीणों को तरसना पड़ रहा है. गांव के लोग गंदे नाले के पानी से अपनी प्यास बुझा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 50 वर्ष पहले जिस प्रकार उनके पूर्वज नदी नालों पर निर्भर थे, ठीक उसी प्रकार आज भी वे लोग नदी नालों पर ही निर्भर हो गए हैं.

गंदा पानी पीने से लोग हो रहे बीमार

वहीं ग्रामीण सुनीता देवी कहती है कि गंदे नाले का पानी पीने से जहां उनके बच्चे बीमार पड़ रहे हैं, महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है. गांव से काफी दूर नाले में चुआड़ी बनाकर वे लोग अपनी प्यास बुझा रहे हैं. ग्रामीण महिला की केवंती देवी ने कहा कि गांव में सबसे अधिक परेशानी पानी की है. गंदे नाली के पानी पर पूरा गांव निर्भर है. जब कभी दूसरे गांव का स्कूल खुला रहता है तो वहां से पीने का पानी ले आते हैं, लेकिन स्कूल बंद होने पर इसी गंदे नाली का पानी पीना पड़ रहा है.

क्या कहते हैं अधिकारी

ग्रामीणों के इन परेशानियों के बारे में जब लातेहार पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता दीपक कुमार से जानकारी ली गई तो उन्होंने इस पर अभिज्ञता जाहिर की. उन्होंने कहा कि अभी तक किसी भी गांव वालों ने उनके पास इसकी शिकायत नहीं की है. अगर ऐसी समस्या है तो आज ही वहां टीम भेज कर समस्या का समाधान करने का प्रयास करेंगे. वहीं बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता मोहम्मद एस आलम ने कहा कि मामले की जानकारी लेकर गांव की समस्या का समाधान के लिए त्वरित कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें:

गढ़वा में गहराया जल संकट, कनहर नदी के सूखने से बूंद-बूंद पानी के लिए गोदरमाना के ग्रामीण मोहताज - Water crisis in garhwa

जलसंकट वाले इलाके में एक डेढ़ फीट का कुआं बना वरदान, लगातार निकलता रहता है पानी, हजारों लोग बुझाते हैं अपनी प्यास - Mysterious well in Ranchi

Last Updated : May 9, 2024, 6:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.