चंडीगढ़ : हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर एक साथ चुनावी 'दंगल' हो रहा है. दंगल शब्द का हरियाणा से ख़ास कनेक्शन हैं क्योंकि हरियाणा नामी पहलवानों के लिए जाना जाता है, जो अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर बड़े-बड़े धाकड़ रेसलर्स को धूल चटाकर देश के लिए मेडल जीत चुके हैं. इस बार हरियाणा में जोरदार चुनावी दंगल है क्योंकि लोकसभा चुनावों के ठीक बाद अक्टूबर के अंदर राज्य में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव के दंगल को जीतने के लिए बीजेपी-कांग्रेस समेत सभी पार्टियों ने अपना पूरा दमखम लगा दिया है.
चुनाव से पहले टूटा बीजेपी-जेजेपी गठबंधन : 2024 तक बीजेपी-जेजेपी मिलकर हरियाणा की सत्ता पर काबिज़ थी लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव के ऐन पहले हरियाणा में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ और बीजेपी-जेजेपी के रास्ते जुदा हो गए. अब दोनों पार्टियां लोकसभा चुनाव के दंगल में एक दूसरे को चुनौती देती हुई नज़र आ रही है. वहीं बीजेपी ने हरियाणा के सीएम रहे मनोहर लाल खट्टर को भी सीएम पद से हटाते हुए नए चेहरे नायब सिंह सैनी को हरियाणा का सिंहासन सौंप दिया जिसके कई सियासी मायने लगाए गए. कहा गया कि पिछले वर्ग से आने वाले नायब सिंह सैनी को सीएम बनाकर बीजेपी ने OBC वोट बैंक को साधने की कोशिश की है. इनेलो (INLD) भी इस चुनावी दंगल में बीजेपी और कांग्रेस को टक्कर दे रहा है. खुद पार्टी के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला कुरुक्षेत्र से चुनावी मैदान में है लेकिन इनेलो ने हुड्डा के गढ़ रोहतक में अपना प्रत्याशी क्यों नहीं उतारा, इसे लेकर भी सियासी हलकों में हैरत है. कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस इस बार हरियाणा में इंडी गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है और उसने कुरुक्षेत्र की सीट AAP के लिए छोड़ दी है, जबकि कांग्रेस बाकी 9 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
10 लोकसभा सीटों पर 223 उम्मीदवार : प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों के लिए 370 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया था, जबकि 267 कैंडिडेट्स के ही नामांकन को मंजूर किया गया. इसके बाद 78 नामांकन रिजेक्ट हो गए, जबकि 25 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया. ऐसे में अब हरियाणा के 'रण' में कुल 223 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. हरियाणा में वोटिंग के लिए 20,031 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. वहीं हरियाणा में कुल 1362 स्थानों पर 3033 मतदान केंद्रों को संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है, जबकि 51 ऐसे मतदान केंद्र भी हैं, जो अति संवेदनशील हैं.
करनाल की टक्कर में कौन ? : हरियाणा की हाईप्रोफाइल सीटों में शुमार करनाल लोकसभा सीट में कुल 19 कैंडिडेट चुनावी मैदान में है. करनाल से बीजेपी ने हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने युवा चेहरे दिव्यांशु बुद्धिराजा को करनाल से मैदान में उतारा है. जबकि जननायक जनता पार्टी (JJP) ने स्थानीय उम्मीदवार देवेंद्र कादियान को टिकट दिया है. जबकि एनसीपी (NCP) ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मराठा वीरेंद्र वर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है जिन्हें इंडियन नेशनल लोकदल यानि इनेलो (INLD) का समर्थन हासिल है. यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही माना जा रहा है. 2019 के लोक सभा चुनाव में करनाल में 71.7% मतदान हुआ था.
अंबाला में किसे आशीर्वाद ? : हरियाणा की अंबाला सीट की बात की जाए तो यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है. बीजेपी ने अंबाला से इस बार बीजेपी के दिवंगत सांसद रतन लाल कटारिया की धर्मपत्नी बंतो कटारिया को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने वरुण चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा है. वरुण चौधरी साल 2019 में हरियाणा विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं और बीजेपी कैंडिडेट को शिकस्त दे चुके हैं. उन्हें 'सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार' भी मिल चुका है. वहीं इनेलो ने यहां से सिख उम्मीदवार एडवोकेट सरदार गुरप्रीत सिंह सहोटा को टिकट दिया है, जबकि जेजेपी ने किरण पुनिया को मैदान में उतारा है. 2019 के लोक सभा चुनाव में अंबाला में कुल 75.3 % मतदान हुआ था.
गुड़गांव का धाकड़ कौन ? : नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) में आने वाली गुड़गांव लोकसभा सीट भी हरियाणा की हाईप्रोफाइल सीटों में आती है क्योंकि यहां से बीजेपी ने मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने दिग्गज कांग्रेसी नेता कैप्टन अजय यादव की दावेदारी को दरकिनार करते हुए बॉलीवुड अभिनेता राज बब्बर को टिकट दिया है. टिकट ना मिलने पर अजय यादव ने इसे क्षेत्रीय नेतृत्व को कुचलने की साज़िश भी बताया था. गुड़गांव लोकसभा सीट पर राव इंद्रजीत सिंह का दबदबा रहा है. वे पिछले 5 बार से सांसद हैं. इस बीच जेजेपी ने गुड़गांव से फिल्मी गीत "लड़की ब्यूटीफुल कर गई चुल" से मशहूर हुए सिंगर राहुल यादव फाजिलपुरिया को टिकट दिया है. वहीं इनेलो ने यहां से सोहराब खान को मैदान में उतारा है, जबकि पावभाजी बेचने वाले कुशेश्वर भगत भी यहां से निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़कर सुर्खियां बटोर रहे हैं. 2019 के लोक सभा चुनाव में गुड़गांव में 72.9 % मतदान हुआ था.
कुरुक्षेत्र में कौन जीतेगा "रण" ? : कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट भी हरियाणा की हॉट सीट में शुमार है. यहां से बीजेपी ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन करने वाले उद्योगपति नवीन जिंदल को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कुरुक्षेत्र सीट पर INDI गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता मैदान में हैं जिन्हें कांग्रेस का सपोर्ट हासिल है. वहीं इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने पार्टी के प्रधान महासचिव और ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला को कुरुक्षेत्र के रण में उतारा है, जबकि जेजेपी ने पालाराम सैनी को कुरुक्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है. 2019 के लोक सभा चुनाव में कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट पर 78.1 फ़ीसदी वोटिंग हुई थी.
सोनीपत में किसका चलेगा "सिक्का" ? : हरियाणा का जाटलैंड कही जाने वाली सोनीपत की लोकसभा सीट पर बीजेपी ने गैर जाट कार्ड खेलते हुए मोहन लाल बड़ौली को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस ने भी बीजेपी के गैर जाट कार्ड को देखते हुए यहां से गैर जाट सतपाल ब्रह्मचारी को मैदान में उतार दिया है. सतपाल ब्रह्मचारी धार्मिक संत भी हैं और हरिद्वार में उनका थानाराम आश्रम है. जींद में भी उनके आश्रम हैं. कांग्रेस का मानना है कि उन्हें ब्राह्मण वोट भी मिलेगा और भूपेंद्र हुड्डा की वजह से जाट वोट हासिल होगा. वहीं जननायक जनता पार्टी ने यहां से भूपेंद्र सिंह मलिक को मौका दिया है, जबकि इंडियन नेशनल लोकदल यानि इनेलो ने अनूप सिंह को यहां से अपना प्रत्याशी बनाया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनीपत में 75.8% मतदान दर्ज किया गया था.
सिरसा में किसका "सिंहासन" ? : हरियाणा की हाईप्रोफाइल सीटों में आने वाली सिरसा सीट से बीजेपी ने मौजूदा सांसद सुनीता दुग्गल का टिकट काटकर अशोक तंवर को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने कुमारी शैलजा को मैदान में उतारा है. वे सिरसा से सांसद भी रह चुकी हैं और यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं. यहां पर ये बात भी रोचक है कि कुमारी शैलजा और अशोक तंवर दोनों ही हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं और अब दोनों आमने-सामने हैं. वहीं जननायक जनता पार्टी ने यहां से रमेश खटक को मौका दिया है. जबकि इंडियन नेशनल लोकदल ने संदीप लोट वाल्मीकि को प्रत्याशी बनाया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में सिरसा में प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों के मुकाबले सबसे ज्यादा 79 % मतदान दर्ज किया गया था.
हिसार में कौन रहेगा "हावी" ? : हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट चुनाव में हॉट सीट बनी हुई है. यहां पर चाचा ससुर का मुकाबला बहुओं से है. बीजेपी ने यहां से चौधरी देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला को मुकाबले में उतारा है, जो चुनाव से ऐन पहले बीजेपी में शामिल हुए हैं. रणजीत चौटाला फिलहाल रानियां विधानसभा सीट से विधायक हैं. वहीं जननायक जनता पार्टी ने यहां से नैना चौटाला को टिकट दिया है, जबकि इंडियन नेशनल लोकदल ने सुनैना चौटाला को मैदान में उतारा है. दोनों रिश्ते में बीजेपी प्रत्याशी रणजीत चौटाला की बहू लगती है. वहीं कांग्रेस ने यहां से जयप्रकाश को मैदान में उतारा है, जो अब तक इस सीट पर 3 बार चुनाव जीत चुके हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में हिसार में कुल 75.9% वोटिंग हुई थी.
'रोहतक' में कौन जीतेगा 'रण'? : हरियाणा की हाईप्रोफाइल रोहतक सीट हुड्डा का गढ़ मानी जाती है. यहां लंबे अरसे से हुड्डा परिवार का दबदबा रहा है. रोहतक से बीजेपी ने पिछले चुनाव जीतने वाले सांसद अरविंद कुमार शर्मा को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने हुड्डा के गढ़ में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा को टिकट दिया है. आपको बता दें कि दीपेंद्र सिंह हुड्डा यहां से साल 2009 और 2014 का इलेक्शन जीत चुके हैं, लेकिन साल 2019 के चुनाव में वे सिर्फ 0.6% वोटों से चुनाव हार गए थे. बीजेपी के अरविंद शर्मा को 573,845 (47.0%) वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा को 566,342 (46.4%) वोट मिले थे. वहीं जननायक जनता पार्टी ने जाट चेहरे रविंद्र सांगवान को रण में उतारा है, जबकि इंडियन नेशनल लोकदल ने यहां से अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में रोहतक में कुल 74.7% वोटिंग हुई थी.
भिवानी-महेंद्रगढ़ में कौन "भारी" ? : हरियाणा की भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट चौधरी बंसीलाल और उनके परिवार का गढ़ रहा है. भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर बीजेपी ने सांसद धर्मबीर सिंह पर एक बार फिर से भरोसा जताया है. वहीं कांग्रेस ने टिकट की मजबूत दावेदार श्रुति चौधरी का टिकट काटते हुए राव दान सिंह चुनावी मैदान में उतारा है. टिकट काटने के बाद तोशाम विधायक किरण चौधरी और श्रुति चौधरी अपनी नाराज़गी भी जता चुकी है. वहीं जननायक जनता पार्टी ने बहादुर सिंह को टिकट दिया है. वहीं इनेलो और राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी ने यहां से सुभाष परमार को अपना साझा उम्मीदवार बनाया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर 74.3 % वोटिंग हुई थी.
फरीदाबाद का "सिकंदर" कौन ? : हरियाणा की हाईप्रोफाइल सीटों में शामिल फरीदाबाद में बीजेपी ने मौजूदा केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने यहां से महेंद्र प्रताप सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. कृष्णपाल गुर्जर यहां से साल 2014 और 2019 में भी जीत चुके हैं. वहीं जेजेपी ने यहां से नलिन हुड्डा को टिकट दिया है, जबकि इनेलो ने सुनील तेवतिया को यहां से टिकट दिया है. साल 2019 में फरीदाबाद में 69.2 % मतदान हुआ था.
हरियाणा में कुल 2.2 करोड़ मतदाता : हरियाणा में कुल 2,0076,768 वोटर्स है. इनमें पुरूष मतदाता 1,06,52,345 है, जबकि महिला मतदाता 94,23,956 हैं. वहीं थर्ड जेंडर मतदाता 467 हैं.
हरियाणा का जातीय समीकरण : आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में जाट समाज 22%, दलित 20%, ओबीसी 30%, ब्राह्मण 8%, वैश्य 5%, पंजाबी 8%, राजपूत 3.5%, मुस्लिम 3.5% और बाकी अन्य जातियों की आबादी है.
2019 के लोकसभा में क्या हुआ ? : साल 2019 में हुए पिछले लोकसभा के चुनाव की परीक्षा में बीजेपी ने 100% मार्क्स लाते हुए सभी 10 सीटों पर कब्जा कर लिया था और कांग्रेस समेत बाकी दलों को बुरी हार का सामना करना पड़ा था. साल 2019 में हरियाणा में कुल 74.3% मतदान दर्ज किया गया था. तब बीजेपी को 58.2 % वोट हासिल हुए थे, जबकि कांग्रेस को 28.5 % , जेजेपी को 4.9 %, बीएसपी को 3.6 %, इनेलो को 1.9%, जबकि बाकियों को 2.9% वोट मिले थे.
2014 के लोकसभा में क्या हुआ ? : 2014 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा में BJP ने 7 सीटें जीती थी, जबकि इनेलो ने 2 और कांग्रेस को 1 सीट ही मिल पाई थी. तब हरियाणा में कुल 71.4% मतदान दर्ज किया गया था. बीजेपी को 34.8% वोट, इनेलो को 24.4%, कांग्रेस को 23 %, हरियाणा जनहित कांग्रेस (BL) को 6.1%, बीएसपी को 4.6 % वोट, जबकि बाकियों को 7.1% वोट मिले थे.
2024 में कौन मारेगा बाजी ?: बीजेपी पिछले 10 सालों से केंद्र के साथ हरियाणा की सत्ता पर काबिज है, ऐसे में उसके लिए हरियाणा की सभी 10 सीटें दोबारा जीतना काफी बड़ी चुनौती है. वहीं किसान आंदोलन, अग्निवीर योजना पर भी BJP की अग्निपरीक्षा इस चुनाव में होनी है. हालांकि सभी अपनी-अपनी लहर और जीत के दावे कर रहे हैं लेकिन कई सीटों पर उम्मीदवारों के बीच टफ और नेक टू नेक फाइट है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आखिर इस बार के लोकसभा चुनाव के दंगल में कौन किसे पटखनी देता है. इसके लिए आपको 4 जून का इंतज़ार करना होगा जब वोटों की काउंटिंग होगी और ईटीवी भारत हमेशा की तरह आपको देगा सबसे तेज़ और सबसे सटीक नतीजे.
हरियाणा समेत देश की ताजा ख़बरें पढ़ने के लिए ईटीवी भारत ऐप डाउनलोड करें. यहां आपको मिलेंगी तमाम बड़ी ख़बरें, लोकसभा चुनाव से जुड़ी हर ख़बर, हर बड़ा अपडेट, वो भी सबसे सटीक और डिटेल एनालिसिस के साथ - Download App
ये भी पढ़ें : हरियाणा में बोले मोदी- राम मंदिर पर ताला लगाना चाहती है कांग्रेस, बंगाल में घुसपैठियों को दिया जा रहा आरक्षण
ये भी पढ़ें :देश में वोटिंग के बीच "तूफानी बल्लेबाज़" ने कर डाली बड़ी अपील...जानिए आखिर विस्फोटक बल्लेबाज़ ने लोगों से क्या कहा ?
लोकसभा चुनाव से जुड़ी हर जानकारी जानने के लिए क्लिक करें - चुनाव 2024