नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 24 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग हो रही है. विस्थापित कश्मीरियों के वोटिंग के लिए दिल्ली में भी चार मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इसमें जम्मू-कश्मीर हाउस, दिलशाद गार्डन, नजफगढ़ और शालीमार बाग शामिल है. कश्मीरी पंडित के लिए बनाए गए विशेष मतदान केंद्रों पर विस्थापित कश्मीरी पंडित बढ़-चढ़कर मतदान कर रहे हैं. सभी मतदान केंद्रों पर जम्मू कश्मीर आर्म्ड पुलिस और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है. वोटर्स और चुनाव कर्मचारियों के आलावा किसी को भी मतदान केंद्रों तक पहुंचने की इजाजत नहीं है.
दिल्ली के दिलशाद गार्डन स्थित अर्वाचिन इंटरनेशनल स्कूल में बनाए गए मतदान केंद्र में विस्थापित कश्मीरी ने अपना नाम मतदान किया. यहां पर जम्मू कश्मीर की आठ अलग-अलग विधानसभा सीटों के 77 मतदाताओं के लिए अलग-अलग 13 बूथ बनाए गए हैं. इन 77 मतदाताओं में से 23 मतदाता दोपहर 2 बजे तक अपने मताधिकार का प्रयोग अपने-अपने बूथों पर कर चुके हैं. शाम 6 बजे तक यहां पर मतदान होना है. यहां के पीठासीन अधिकारी हर दो-दो घंटे पर प्रशासन को अपनी रिपोर्ट भेज रहे हैं.
यहां मतदान करने आए कश्मीरी पंडित काफी खुश नजर आए. उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत अच्छा लगा कि उन्होंने अपने मत का इस्तेमाल किया. 35 साल बाद उन्हें मतदान करने का मौका मिला है. उन्होंने कहा कि सरकार का हमने समर्थन किया है. अब सरकार को हमारा पुर्नवास करना चाहिए. हमने अपना फर्ज निभाया, अब सरकार को अपना फर्ज निभाना है.
बता दें, जम्मू कश्मीर में कुल तीन चरणों में मतदान होना है. वहीं, 8 अक्टूबर को मतगणना होनी है. धारा 370 हटाने के बाद जम्मू कश्मीर में यह पहला चुनाव है. जम्मू-कश्मीर में आज पहले चरण के विधानसभा चुनाव के लिए देशभर में रह रहे 35 हजार से अधिक विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए 24 मतदान केंद्र बनाए गए. पहले चरण में जम्मू-कश्मीर के सात जिलों की 24 विधानसभा सीट पर कुल 219 उम्मीदवार मैदान में हैं.
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