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नक्सलगढ़ में ग्रामीणों के अंदर जगी उम्मीद की किरण, माराडबरा में पुलिस की सबसे बड़ी मुसीबत की दूर - Naxalite area Maradabra

Villagers helped police in Naxalite area कबीरधाम जिले को नक्सल मुक्त बनाने पुलिस के साथ-साथ ग्रामीण भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. पुलिस को सर्चिंग के दौरान कठिनाईयों का सामना ना करना पड़े इसलिए ग्रामीण मुश्किल रास्तों को आसान बनाने में जुटे हैं. धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आवागमन के साधन नहीं होने पर फोर्स को पहुंचने में दिक्कत होती है.लिहाजा कई जगहों पर ग्रामीणों ने फोर्स पर भरोसा जताते हुए उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं.

Villagers helped police in Naxalite area
नक्सलगढ़ में ग्रामीणों के अंदर जगी उम्मीद की किरण (ETV Bharat Chhattisgarh Team)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 1, 2024, 3:56 PM IST

Updated : May 2, 2024, 6:26 PM IST

नक्सलगढ़ में ग्रामीणों के अंदर जगी उम्मीद की किरण (ETV Bharat Chhattisgarh Team)

कबीरधाम : कबीरधाम जिले के चिल्फी थाना क्षेत्र अंतर्गत घोर नक्सल प्रभावित गांव माराडबरा है.जहां पुलिस ने नए कैंप की स्थापना की है.कैंप के जरिए पुलिस के जवान नक्सलियों के मूवमेंट पर नजर रख रहे हैं.लेकिन इस कैंप तक पहुंचने के लिए एक अदद पक्की सड़क नहीं है.घने जंगल के बीच पथरीले रास्तों से होकर जवान अपने कैंप तक पहुंचते हैं.यही नहीं जिस रास्ते में ये कैंप है वहां बरसाती नाला भी है.जो गर्मी के दिन में सूखा है,लेकिन बारिश आते ही ये उफान पर होगा. पुलिसकर्मी इस समस्या को लेकर परेशान थे.लेकिन ग्रामीणों ने पुलिस की इस समस्या का समाधान कर दिया.

ग्रामीणों ने सुलझाई समस्या : ग्रामीणों ने पुलिस की समस्या का समाधान करने के लिए खुद की युक्ति निकाली.ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों की मुश्किल को आसान करने के लिए बरसाती नाले के ऊपर काम चलाऊ पुल का निर्माण किया. ग्रामीणों ने श्रमदान करके नाला के ऊपर 20 फीट चौड़ा और 8 फिट लंबा पुल बनाया है.जिसके लिए जंगल के अंदर से 8 फीट लंबी लकड़ी की बल्लियां ग्रामीणों ने लाई.इसके बाद नाला के ऊपर अस्थायी पुल बना डाला.इस अस्थायी पुल को बनाने के लिए ग्रामीणों को एक सप्ताह का वक्त लगा.इस पुल के बनने से अब जवानों को जंगल के अंदर सर्चिंग करने में मदद मिल रही है.



क्षेत्र में नक्सलियों का सबसे ज्यादा आवागमन : कबीरधाम जिले का माराडबरा गांव एमपी बॉर्डर पर है.जहां दोनों राज्य के जंगल की सीमा है.इसी का फायदा नक्सली उठाते हैं.दो राज्यों की सीमा होने के कारण नक्सली खुलेआम इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं.इस दौरान ग्रामीणों को डरा धमकाकर नक्सली अपना काम करवाते हैं.नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण सरकारी योजनाओं का लाभ भी इस क्षेत्र में नहीं पहुंच पाता.इस वजह से ग्रामीणों के बच्चे स्कूल नहीं जा पाते.

नक्सलगढ़ में ग्रामीणों के अंदर जगी उम्मीद की किरण : जब इस क्षेत्र में पुलिस कैंप खोलने का फैसला हुआ तो ग्रामीणों के अंदर उम्मीद की किरण जागी.लेकिन बरसाती नाला के कारण उम्मीद टूटने लगी.लेकिन इसका समाधान भी ग्रामीणों ने खुद निकाल लिया. ग्रामीणों ने कैंप तक पहुंचने के लिए श्रमदान करके पुल बनाया है. कबीरधाम जिले के एएसपी विकास कुमार ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण माराडबरा गांव में पुलिस ने कैंप खोलने का फैसला लिया गया. पुलिस विभाग की कम्युनिटी पुलिसिंग के कारण ग्रामीण बहुत खुश हैं और सहयोग कर रहे हैं, ग्रामीण भूमिपूजन में भी शामिल हुए थे.

''कैंप और गांव के बीच मुख्य मार्ग को जोड़ने वाली उबड़-खाबड़ सड़क के बीच में बरसाती नाला है. नाला बारिश के दिनों में बंद हो जाता था. समस्या को ग्रामीणों ने समझते हुए श्रमदान करके 8 फीट लंबा और 20 फिट चौड़ा लकड़ी का पुल बनाया. ग्रामीणों के लगातार सहयोग मिलने से पुलिस और ग्रामीणों के बीच बहुत अच्छे संबंध बन चुके हैं. जिससे इस क्षेत्र को नक्सल मुक्त बनाने में आसानी होगी.''- विकास कुमार,एएसपी

कैंप और गांव के बीच बरसाती नाला होने के कारण बारिश के दिनों में पुलिस को मुश्किल होती.क्योंकि वारदात होने पर पुलिस गांव तक नहीं पहुंच सकती थी.इस समस्या को सुलझाने के लिए ग्रामीणों ने बैठक बुलाकर इसका समाधान ढूंढा.बैठक के बाद ग्रामीणों ने तुरंत नाले में पुल बनाने का फैसला किया.दूसरे ही दिन सभी ग्रामीण कैंप तक पहुंचने के लिए पुल बनाने में जुट गए.ग्रामीणों ने पुल बनाने के बाद कहा कि वो पुलिस के रास्ते में आने वाली हर मुश्किल को दूर करने की कोशिश आगे भी करते रहेंगे.

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नक्सलगढ़ में ग्रामीणों के अंदर जगी उम्मीद की किरण (ETV Bharat Chhattisgarh Team)

कबीरधाम : कबीरधाम जिले के चिल्फी थाना क्षेत्र अंतर्गत घोर नक्सल प्रभावित गांव माराडबरा है.जहां पुलिस ने नए कैंप की स्थापना की है.कैंप के जरिए पुलिस के जवान नक्सलियों के मूवमेंट पर नजर रख रहे हैं.लेकिन इस कैंप तक पहुंचने के लिए एक अदद पक्की सड़क नहीं है.घने जंगल के बीच पथरीले रास्तों से होकर जवान अपने कैंप तक पहुंचते हैं.यही नहीं जिस रास्ते में ये कैंप है वहां बरसाती नाला भी है.जो गर्मी के दिन में सूखा है,लेकिन बारिश आते ही ये उफान पर होगा. पुलिसकर्मी इस समस्या को लेकर परेशान थे.लेकिन ग्रामीणों ने पुलिस की इस समस्या का समाधान कर दिया.

ग्रामीणों ने सुलझाई समस्या : ग्रामीणों ने पुलिस की समस्या का समाधान करने के लिए खुद की युक्ति निकाली.ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों की मुश्किल को आसान करने के लिए बरसाती नाले के ऊपर काम चलाऊ पुल का निर्माण किया. ग्रामीणों ने श्रमदान करके नाला के ऊपर 20 फीट चौड़ा और 8 फिट लंबा पुल बनाया है.जिसके लिए जंगल के अंदर से 8 फीट लंबी लकड़ी की बल्लियां ग्रामीणों ने लाई.इसके बाद नाला के ऊपर अस्थायी पुल बना डाला.इस अस्थायी पुल को बनाने के लिए ग्रामीणों को एक सप्ताह का वक्त लगा.इस पुल के बनने से अब जवानों को जंगल के अंदर सर्चिंग करने में मदद मिल रही है.



क्षेत्र में नक्सलियों का सबसे ज्यादा आवागमन : कबीरधाम जिले का माराडबरा गांव एमपी बॉर्डर पर है.जहां दोनों राज्य के जंगल की सीमा है.इसी का फायदा नक्सली उठाते हैं.दो राज्यों की सीमा होने के कारण नक्सली खुलेआम इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं.इस दौरान ग्रामीणों को डरा धमकाकर नक्सली अपना काम करवाते हैं.नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण सरकारी योजनाओं का लाभ भी इस क्षेत्र में नहीं पहुंच पाता.इस वजह से ग्रामीणों के बच्चे स्कूल नहीं जा पाते.

नक्सलगढ़ में ग्रामीणों के अंदर जगी उम्मीद की किरण : जब इस क्षेत्र में पुलिस कैंप खोलने का फैसला हुआ तो ग्रामीणों के अंदर उम्मीद की किरण जागी.लेकिन बरसाती नाला के कारण उम्मीद टूटने लगी.लेकिन इसका समाधान भी ग्रामीणों ने खुद निकाल लिया. ग्रामीणों ने कैंप तक पहुंचने के लिए श्रमदान करके पुल बनाया है. कबीरधाम जिले के एएसपी विकास कुमार ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण माराडबरा गांव में पुलिस ने कैंप खोलने का फैसला लिया गया. पुलिस विभाग की कम्युनिटी पुलिसिंग के कारण ग्रामीण बहुत खुश हैं और सहयोग कर रहे हैं, ग्रामीण भूमिपूजन में भी शामिल हुए थे.

''कैंप और गांव के बीच मुख्य मार्ग को जोड़ने वाली उबड़-खाबड़ सड़क के बीच में बरसाती नाला है. नाला बारिश के दिनों में बंद हो जाता था. समस्या को ग्रामीणों ने समझते हुए श्रमदान करके 8 फीट लंबा और 20 फिट चौड़ा लकड़ी का पुल बनाया. ग्रामीणों के लगातार सहयोग मिलने से पुलिस और ग्रामीणों के बीच बहुत अच्छे संबंध बन चुके हैं. जिससे इस क्षेत्र को नक्सल मुक्त बनाने में आसानी होगी.''- विकास कुमार,एएसपी

कैंप और गांव के बीच बरसाती नाला होने के कारण बारिश के दिनों में पुलिस को मुश्किल होती.क्योंकि वारदात होने पर पुलिस गांव तक नहीं पहुंच सकती थी.इस समस्या को सुलझाने के लिए ग्रामीणों ने बैठक बुलाकर इसका समाधान ढूंढा.बैठक के बाद ग्रामीणों ने तुरंत नाले में पुल बनाने का फैसला किया.दूसरे ही दिन सभी ग्रामीण कैंप तक पहुंचने के लिए पुल बनाने में जुट गए.ग्रामीणों ने पुल बनाने के बाद कहा कि वो पुलिस के रास्ते में आने वाली हर मुश्किल को दूर करने की कोशिश आगे भी करते रहेंगे.

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Last Updated : May 2, 2024, 6:26 PM IST
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