जयपुर : भाजपा की राष्ट्रीय सचिव और राजस्थान की सह प्रभारी विजया रहाटकर की राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति हुई है. विजया रहाटकर ने महाराष्ट्र महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में भी अपनी एक खास पहचान बनाई थी, जिसके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने यह नियुक्ति की है. उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री दर्जा मिलेगा. आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद विजया रहाटकर ने कहा कि "राष्ट्रीय महिला आयोग जैसी संवैधानिक और विधायी संस्था का अध्यक्ष बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिल से धन्यवाद करती हूं. इस अत्यंत महत्वपूर्ण संस्था की जिम्मेदारी का निष्ठापूर्वक निर्वहन करूंगी. शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक भागीदारी जैसे विभिन्न आयामों में महिलाओं की क्षमताओं, अवसरों और जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाकर महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की ओर रुख करना है."
कई राजनीतिक जिम्मेदारियों को संभाला : बता दें कि राष्ट्रीय महिला आयोग एक संवैधानिक दर्जा प्राप्त संस्था है, जिसमें महिलाओं की उन्नति के लिए व्यापक अधिकार दिए गए हैं. इसमें संवैधानिक और कानूनी मुद्दों का पुनर्मूल्यांकन, संसदीय और वैधानिक सिफारिशें करना, महिलाओं से संबंधित नीतिगत मामलों में केंद्र और राज्य सरकारों को सलाह देना, महिलाओं के मुद्दों पर शोध करना और उनकी समस्याओं का समाधान करना जैसे कार्य शामिल हैं. 1992 में विशेष अधिनियम द्वारा स्थापित यह आयोग सिविल कोर्ट के अधिकारों से सुसज्जित है.
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विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभाते हुए विजया का नेतृत्व विकसित हुआ है. वे भाजपा युवा मोर्चा की उपाध्यक्ष, भाजपा महिला मोर्चा की सात साल राष्ट्रीय अध्यक्ष और अब भाजपा की राष्ट्रीय सचिव तक का सफर तय कर चुकी हैं. इसके अलावा वे भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की लंबे समय तक सदस्य रही हैं और फिलहाल राजस्थान भाजपा की सह प्रभारी के रूप में पार्टी का काम कर रही हैं. राजस्थान विधानसभा चुनावों में भाजपा की सफलता में उनका बड़ा योगदान रहा है.
यूं चला सफर : भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए उनकी महाराष्ट्र महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में (2016 से 2021) नियुक्ति हुई थी. महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में उन्होंने "सक्षमा", "प्रज्ज्वला", "सुहिता" जैसे महिला केंद्रित कई पहल की. "सक्षमा" पहल के माध्यम से एसिड अटैक पीड़ितों को राहत दी गई. प्रज्ज्वला योजना से केंद्र सरकार की योजनाओं से स्वयं सहायता समुहों (SHG) से लाखों महिलाओं को जोड़ा गया. सुहिता योजना के तहत महिलाओं के लिए 24×7 हेल्पलाइन सेवा उपलब्ध कराई गई. महिला केंद्रित विकास और महिला नेतृत्व के अंतर्गत कानूनी सुधारों की भी पहल की, जिनमें पॉक्सो, ट्रिपल तलाक सेल और मानव तस्करी विरोधी विशेष सेल की स्थापना शामिल है.
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विजया ने डिजिटल साक्षरता, महिला आयोग आपके द्वार और महिला आयोग का "साद" पत्रिका जैसी पहल भी शुरू की. 2007 से 2010 के दौरान छत्रपति संभाजीनगर की महापौर रहते हुए विजया राहटकर ने शहर के विकास के लिए स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर बुनियादी ढांचे तक कई महत्वपूर्ण योजनाओं को अंजाम दिया. उन्होंने शहर को एक अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र के रूप में पहचान दिलाई और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के माध्यम से शहर की आय में महत्वपूर्ण योगदान दिया. महापौर पद के दौरान वे महाराष्ट्र मेयर काउंसिल की अध्यक्ष और ऑल इंडिया मेयर काउंसिल की उपाध्यक्ष भी रहीं. फिलहाल वे ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ लोकल सेल्फ गवर्नमेंट की सलाहकार निदेशक भी हैं.
ये रही एजुकेशन : विजया रहाटकर ने भौतिकी में स्नातक और इतिहास में स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की है. उन्होंने कई पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें 'विधिलिखित' (महिलाओं के कानूनी मुद्दों पर आधारित), 'अग्निशिखा धडाडू द्या', 'औरंगाबाद: लीडिंग टू वाइड रोड्स' और 'मैजिक ऑफ ब्लू फ्लेम' शामिल हैं. महिला सशक्तिकरण के लिए उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें राष्ट्रीय कानून पुरस्कार और अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा सावित्री बाई फुले पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.