जैसलमेर. भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपने दो दिवसीय यात्रा पर जैसलमेर पहुंचे. उनके साथ पत्नी सुदेश धनखड़ भी जैसलमेर आई हैं. विशेष विमान से जैसलमेर के एयरफोर्स स्टेशन पहुंचने पर राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने उनकी अगवानी की. इसके बाद उपराष्ट्रपति वायुसेना स्टेशन से विशेष हेलीकॉप्टर से अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर स्थित मातेश्वरी तनोट माता के मंदिर के लिए रवाना हुए. धनखड़ ने अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर पर स्थित मातेश्वरी तनोट राय माता के मंदिर में दर्शन एवं विशेष पूजा अर्चना कर देश में सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की. इसके बाद उपराष्ट्रपति धनखड़ अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर स्थित बीएसएफ की बबलियानवाला सीमा चौकी का भ्रमण कर बीएसएफ के जवानों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि बीएसएफ के जवानों के साहस और त्याग के कारण ही सभी देशवासी चैन की नींद सो पाते हैं.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि जवानों का योगदान उनकी तपस्या और कर्तव्य निष्ठा का अभिनंदन है, क्योंकि बीएसएफ के जवान अपनी तपस्या और कर्तव्य निष्ठा के साथ बेहद चुनौती पूर्ण स्थिति में भी देश की सेवा करते हैं. उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि बीएसएफ के जवानों के हौसले बढ़ाने में माताओं और बहनों का बहुत बड़ा योगदान है, जिन्होंने दिल पर पत्थर रखकर इन जवानों को बॉर्डर पर अपने देश की रक्षा के लिए भेजा है. उपराष्ट्रपति ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल के जवानों का काम बहुत ही चुनौती पूर्ण है और उनकी राष्ट्रीय भावना राष्ट्र के प्रति प्रेम और प्रतिबद्धता वंदनीय है.
बीएसएफ ने जताया आभार : उपराष्ट्रपति ने कहा कि "मैं बीएसएफ के जवानों को अभिनन्दन करता हूं. क्योंकि देश के इन जवानों पर मुझे गर्व है." इस अवसर पर उपराष्ट्रपति का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने कहा कि विषम परिस्थितियों और मौसम के बीच उपराष्ट्रपति द्वारा सीमा पर आकर जवानों की हौसला अफजाई करने के कदम ने बीएसएफ के सभी अधिकारियों और जवानों में एक नई ऊर्जा का संचार किया है, जिसके लिए बीएसएफ उनका आभारी है. इस अवसर पर बीएसएफ के अधिकारियों के साथ जैसलमेर के जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे. कल जगदीप धनखड़ जैसलमेर सम मार्ग पर स्थित सीमा सुरक्षा बल की 154वीं बटालियन के परिसर में सैनिक सम्मेलन में हिस्सा लेकर भीषण गर्मी में देश की सरहदों की हिफाजत करने वाले बीएसएफ के जवानों की हौंसला अफजाई करेंगे. इसके बाद जैसलमेर से विशेष विमान के जरिए वापस दिल्ली लौटेंगे.