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watch: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर विहिप नेता बोले- 'शब्दों में बयां नहीं कर सकते, मानो सबकुछ मिल गया' - राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा विहिप

VHP on Ram Temple consecration ceremony : विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के लिए राम मंदिर आंदोलन हमेशा से बड़ा लक्ष्य रहा है. इस संगठन की शुरुआत ही इसे पूरा होने के संकल्प के साथ की गई थी, ये कहना भी गलत नहीं होगा. आज जब प्राण प्रतिष्ठा हुई तो ना सिर्फ बीजेपी-वीएचपी बल्कि पूरा विश्व भगवा रंग में रंगा दिख रहा था. इस मौके पर ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना ने वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल से बात की. जानिए बंसल ने क्या कहा.

VHP national spokesperson
वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 22, 2024, 5:39 PM IST

सुनिए विनोद बंसल ने क्या कहा

नई दिल्ली : वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि ये मात्र विश्व हिंदू परिसर ही नही बल्कि पूरे विश्व के लिए अद्वितीय और अद्भुत क्षण है. उन्होंने कहा कि 'इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते, मानो जैसे हमे सबकुछ मिल गया हो.'

उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने संघर्ष किया, लगभग पांच लाख लोग बलिदान हुए. 500 साल तक लोगों ने संघर्ष किया, और लोगों का योगदान और आज की उपलब्धि अद्भुत अप्रतिम अविवरणीय है ना भूतो न भविष्यति,पूरे विश्व को आह्लादित कर दिया ये अद्भुत दृश्य था जब एकसाथ लाखों की संख्या में लोग निहार रहे थे.

इस सवाल पर कि प्राण प्रतिष्ठा के वक्त कई लोग आंखों में आंसू लिए रामलला को निहार रहे थे. उन्होंने कहा कि 'लोग ही नहीं बल्कि आंसू लिए पीएम भी बोल रहे थे और जब वो सबरी की बात कर रहे थे तब भी उनकी आंखों में आंसू थे. 11 दिन के तप के बाद वो बोल रहे थे. उनके शब्द एक एक कर निकल रहे थे. जब पीएम बोलते हैं अगले लक्ष्य को निर्धारित कर देते हैं और आज भी उन्होंने ऐसा किया.'

उन्होंने कहा कि जहां तक बात राष्ट्रीय उत्सव की है ये एक राष्ट्रीय गर्व का दिन है. इस सवाल पर कि कई राजनीतिक दलों ने इसपर जमकर राजनीति की जबकि प्राण प्रतिष्ठा बिलकुल शांति और सद्भाव के वातावरण में हुई.

उन्होंने कहा कि 'पीएम ने भी ये बात कही कि अब आगे बढ़ने की आवश्यकता है, जिसपर इतनी लंबी राजनीति की गई थी उनपर कोई प्रभाव नहीं. बल्कि ये सभी धर्म पंथ और संप्रदाय के लिए एक अद्भुत क्षण था. राम से क्या बैर, राम से आखिर किसको बैर हो सकता. आज जो पांच लाख मंदिर में दीपोत्सव हो रहा वो अदभुत है. दुनिया का ऐसा कोई पल नही होगा जब इतने सारे लोग एकसाथ निहार रहे थे.'

वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि पीएम जब बोल रहे थे तो सिद्धि के साथ बोल रहे थे. ठीक है 500 साल के इस संघर्ष में अनेक समय होंगे जब कुछ न कुछ कटुता भी आई हो. मगर अब समय है सभी चीजों को भुलाकर राष्ट्र को एक करने का.

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नई दिल्ली : वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि ये मात्र विश्व हिंदू परिसर ही नही बल्कि पूरे विश्व के लिए अद्वितीय और अद्भुत क्षण है. उन्होंने कहा कि 'इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते, मानो जैसे हमे सबकुछ मिल गया हो.'

उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने संघर्ष किया, लगभग पांच लाख लोग बलिदान हुए. 500 साल तक लोगों ने संघर्ष किया, और लोगों का योगदान और आज की उपलब्धि अद्भुत अप्रतिम अविवरणीय है ना भूतो न भविष्यति,पूरे विश्व को आह्लादित कर दिया ये अद्भुत दृश्य था जब एकसाथ लाखों की संख्या में लोग निहार रहे थे.

इस सवाल पर कि प्राण प्रतिष्ठा के वक्त कई लोग आंखों में आंसू लिए रामलला को निहार रहे थे. उन्होंने कहा कि 'लोग ही नहीं बल्कि आंसू लिए पीएम भी बोल रहे थे और जब वो सबरी की बात कर रहे थे तब भी उनकी आंखों में आंसू थे. 11 दिन के तप के बाद वो बोल रहे थे. उनके शब्द एक एक कर निकल रहे थे. जब पीएम बोलते हैं अगले लक्ष्य को निर्धारित कर देते हैं और आज भी उन्होंने ऐसा किया.'

उन्होंने कहा कि जहां तक बात राष्ट्रीय उत्सव की है ये एक राष्ट्रीय गर्व का दिन है. इस सवाल पर कि कई राजनीतिक दलों ने इसपर जमकर राजनीति की जबकि प्राण प्रतिष्ठा बिलकुल शांति और सद्भाव के वातावरण में हुई.

उन्होंने कहा कि 'पीएम ने भी ये बात कही कि अब आगे बढ़ने की आवश्यकता है, जिसपर इतनी लंबी राजनीति की गई थी उनपर कोई प्रभाव नहीं. बल्कि ये सभी धर्म पंथ और संप्रदाय के लिए एक अद्भुत क्षण था. राम से क्या बैर, राम से आखिर किसको बैर हो सकता. आज जो पांच लाख मंदिर में दीपोत्सव हो रहा वो अदभुत है. दुनिया का ऐसा कोई पल नही होगा जब इतने सारे लोग एकसाथ निहार रहे थे.'

वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि पीएम जब बोल रहे थे तो सिद्धि के साथ बोल रहे थे. ठीक है 500 साल के इस संघर्ष में अनेक समय होंगे जब कुछ न कुछ कटुता भी आई हो. मगर अब समय है सभी चीजों को भुलाकर राष्ट्र को एक करने का.

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