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सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी का निधन, इमरजेंसी में गिरफ्तार होने से PHD नहीं हुई पूरी - CPM leader Sitaram Yechury

Sitaram Yechury passes away, वरिष्ठ माकपा नेता सीताराम येचुरी का लंबी बीमारी के बाद 72 वर्ष की आयु में गुरुवार को निधन हो गया. उनका फेफड़ों में संक्रमण होने की वजह से एम्स में इलाज चल रहा था. परिवार ने उनके पार्थिव शरीर को शिक्षण और शोध उद्देश्यों के लिए एम्स नई दिल्ली को दान कर दिया है.

Veteran CPM leader Sitaram Yechury passes away
वरिष्ठ सीपीएम नेता सीताराम येचुरी का निधन (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 12, 2024, 4:08 PM IST

नई दिल्ली : सीपीआई एम के महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी का गुरुवार को 72 साल की आयु में निधन हो गया.वे लंबे समय से बीमार थे. उनका दिल्ली के एम्स में इलाज चल रहा था. येचुरी ने 2015 में प्रकाश करात की जगह सीपीएम महासचिव का पद संभाला था. वहीं एम्स ने अपने बयान में कहा है कि सीपीआई(एम) महासचिव सीताराम येचुरी का आज दोपहर 3:05 बजे 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया. परिवार ने उनके पार्थिव शरीर को शिक्षण और शोध उद्देश्यों के लिए एम्स नई दिल्ली को दान कर दिया है.

फेफड़ों के संक्रमण की वजह से कराया गया था भर्ती : 19 अगस्त को उनको निमोनिया और फेफड़ों में संक्रमण की शिकायत के कारण दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था. उनका आईसीयू में इलाज चल रहा था. दो दिन पहले ही पार्टी के केंद्रीय समिति कार्यालय से मुरलीधरन की ओर से जारी बयान में उनकी हालत गंभीर बताई गई थी. उन्हें फेंफड़ों में संक्रमण के चलते सांस लेने में परेशानी हो रही थी. डॉक्टरों की एक टीम उनकी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए थी. डॉक्टरों का कहना था कि निमोनिया के चलते ज्यादा संक्रमण बढ़ने के कारण उनकी हालत गंभीर हुई थी. शुरूआत में उन्हें एम्स के इमरजेंसी विभाग के रेड जोन में भर्ती किया गया था. फिर तबीयत में सुधार न होने पर उनको अस्पताल के आईसीयू में शिफ्ट किया गया था. तभी से उनका इलाज लगातार दिल्ली एम्स में चल रहा था. वहीं हाल हीम में सीपीआई एम नेता येचुरी की मोतियाबिंद की भी सर्जरी हुई थी.

चेन्नई में हुआ था येचुरी का जन्म : 12 अगस्त 1952 को चेन्नई में सीताराम येचुरी का का जन्म एक तेलुगु भाषी ब्रह्मण परिवार में हुआ था. सीताराम के पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में इंजीनियर के पद पर तैनात थे. जबकि माता कल्पकम येचुरी एक सरकारी अफसर थीं. 1969 में तेलंगाना में हुए आंदोलन के बाद वे दिल्ली आ गए थे.

इमरजेंसी के दौरान गिरफ्तार होने से पीएचडी नहीं हुई पूरी : इतना ही नहीं सीताराम येचुरी ने प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल, नई दिल्ली में दाखिला लिया था और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में अखिल भारतीय प्रथम रैंक हासिल की थी. इसके बाद उन्होंने डीयू के सेंट स्टीफन कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए करने के बाद उन्होंने जेएनयू से अर्थशास्त्र में बीए किया और पीएचडी में दाखिला लिया था. यहीं पर 1974 में वे स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया में शामिल हुए और छात्र राजनीति की शुरुआत की. हालांकि, 1977 में इमरजेंसी के दौरान गिरफ्तार होने के बाद वह अपनी जेएनयू से पीएचडी पूरी नहीं कर सके.

सीताराम येचुरी का पारिवारिक जीवन : माकपा नेता सीताराम येचुरी ने बीबीसी की तेज तर्रार पत्रकार सीमा चिश्ती से विवाह किया था. सीताराम येचुरी की ये दूसरी शादी थी. हालांकि कि येचुरी की पहली शादी वामपंथी कार्यकर्ता और नारीवादी डॉ. वीना मजूमदार की बेटी इंद्राणी मजूमदार के साथ हुई थी. इस शादी से उन्हें एक बेटा और एक बेटी हैं.

पीएम नरेंद्र मोदी ने जताया दुख, बोले-वो वामपंथ के अग्रणी नेता थे : पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सीताराम येचुरी के निधन से दुखी हूं. वे वामपंथ के अग्रणी नेता थे और सभी राजनीतिक दलों से जुड़ने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते थे. उन्होंने एक प्रभावी सांसद के रूप में भी अपनी पहचान बनाई. इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति.

संविधान के मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में अडिग थे : सोनिया

कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीपीआई (एम) के महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा, 'सीताराम येचुरी के निधन से मैं बहुत दुखी हूं. हमने 2004-08 के दौरान मिलकर काम किया था और उसके बाद जो दोस्ती बनी थी, वह उनके अंतिम समय तक कायम रही. वे हमारे देश के संविधान के मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में अडिग थे, जिसे इसकी प्रस्तावना में बहुत मजबूती से समाहित किया गया है.'

सीताराम येचुरी के निधन पर लोकसभा अध्यक्ष ने जताया शोक : लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने एक्स में पोस्ट कर कहा कि वरिष्ठ राजनेता व पूर्व सांसद श्री सीताराम येचुरी जी के निधन पर शोक व्यक्त करता हूं. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें तथा परिजनों को इस दुख को सहन करने का साहस दें. ॐ शान्ति.

खड़गे ने व्यक्त की संवेदनाएं : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कॉमरेड सीताराम येचुरी के निधन पर संवेदनाएं व्यक्त की हैं. उन्होंने कहा कि वे एक विनम्र नेता थे जिन्होंने व्यक्तिगत समीकरणों को अडिग राजनीतिक विचारधाराओं के साथ संतुलित करने का अनूठा क्षेत्र चुना. वे एक उत्कृष्ट सांसद और एक उत्कृष्ट बुद्धिजीवी थे, उन्होंने आदर्शवाद के साथ व्यावहारिकता के साथ भारत के लोगों की सेवा की. यह सभी उदारवादी ताकतों के लिए एक बड़ी क्षति है, क्योंकि वे प्रगतिवादियों के सामूहिक विवेक के रक्षक थे. उदारवाद के एक मित्र और हमवतन को हमारा अंतिम सलाम, भारतीय राजनीति उन्हें बहुत याद करेगी.

कम्युनिस्ट आंदोलन में एक अपूरणीय शून्यता आ गई है : विजयन

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एक्स में पोस्ट कर कहा, अलविदा, कॉमरेड सीताराम येचुरी. उनके जाने से कम्युनिस्ट आंदोलन और लोगों के संघर्षों में एक अपूरणीय शून्यता आ गई है. मैं उन पलों को संजो कर रखता हूं जो हमने साझा किए और उनकी बेजोड़ वैचारिक स्पष्टता, रणनीतिक प्रतिभा और क्रांतिकारी उद्देश्य के प्रति समर्पण को याद करता हूं. बढ़ती असमानता और धर्मनिरपेक्ष और संवैधानिक आदर्शों के लिए खतरों के बीच, उनकी विरासत हमें एक न्यायपूर्ण भारत के लिए लड़ते रहने के लिए प्रेरित करेगी.

राहुल गांधी और ममता बनर्जी ने जताया दुख

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सीताराम येचुरी के निधन पर शोक जताते हुए एक्स पर पोस्ट किया कि सीताराम येचुरी जी मेरे मित्र थे. भारत के विचार के रक्षक और हमारे देश की गहरी समझ रखने वाले थे. मुझे हमारी लंबी चर्चाएं याद आएंगी. दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, मित्रों और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना.

वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कियह जानकर दुख हुआ कि सीताराम येचुरी का निधन हो गया है. वे एक अनुभवी सांसद थे और उनका निधन राष्ट्रीय राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है. मैं उनके परिवार, मित्रों और सहकर्मियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं.

ये भी पढ़ें- नहीं रहे गुजरात के जाने माने इतिहासकार मकरंद मेहता, 93 वर्ष की लंबी आयु में ली अंतिम श्वास

नई दिल्ली : सीपीआई एम के महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी का गुरुवार को 72 साल की आयु में निधन हो गया.वे लंबे समय से बीमार थे. उनका दिल्ली के एम्स में इलाज चल रहा था. येचुरी ने 2015 में प्रकाश करात की जगह सीपीएम महासचिव का पद संभाला था. वहीं एम्स ने अपने बयान में कहा है कि सीपीआई(एम) महासचिव सीताराम येचुरी का आज दोपहर 3:05 बजे 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया. परिवार ने उनके पार्थिव शरीर को शिक्षण और शोध उद्देश्यों के लिए एम्स नई दिल्ली को दान कर दिया है.

फेफड़ों के संक्रमण की वजह से कराया गया था भर्ती : 19 अगस्त को उनको निमोनिया और फेफड़ों में संक्रमण की शिकायत के कारण दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था. उनका आईसीयू में इलाज चल रहा था. दो दिन पहले ही पार्टी के केंद्रीय समिति कार्यालय से मुरलीधरन की ओर से जारी बयान में उनकी हालत गंभीर बताई गई थी. उन्हें फेंफड़ों में संक्रमण के चलते सांस लेने में परेशानी हो रही थी. डॉक्टरों की एक टीम उनकी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए थी. डॉक्टरों का कहना था कि निमोनिया के चलते ज्यादा संक्रमण बढ़ने के कारण उनकी हालत गंभीर हुई थी. शुरूआत में उन्हें एम्स के इमरजेंसी विभाग के रेड जोन में भर्ती किया गया था. फिर तबीयत में सुधार न होने पर उनको अस्पताल के आईसीयू में शिफ्ट किया गया था. तभी से उनका इलाज लगातार दिल्ली एम्स में चल रहा था. वहीं हाल हीम में सीपीआई एम नेता येचुरी की मोतियाबिंद की भी सर्जरी हुई थी.

चेन्नई में हुआ था येचुरी का जन्म : 12 अगस्त 1952 को चेन्नई में सीताराम येचुरी का का जन्म एक तेलुगु भाषी ब्रह्मण परिवार में हुआ था. सीताराम के पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में इंजीनियर के पद पर तैनात थे. जबकि माता कल्पकम येचुरी एक सरकारी अफसर थीं. 1969 में तेलंगाना में हुए आंदोलन के बाद वे दिल्ली आ गए थे.

इमरजेंसी के दौरान गिरफ्तार होने से पीएचडी नहीं हुई पूरी : इतना ही नहीं सीताराम येचुरी ने प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल, नई दिल्ली में दाखिला लिया था और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में अखिल भारतीय प्रथम रैंक हासिल की थी. इसके बाद उन्होंने डीयू के सेंट स्टीफन कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए करने के बाद उन्होंने जेएनयू से अर्थशास्त्र में बीए किया और पीएचडी में दाखिला लिया था. यहीं पर 1974 में वे स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया में शामिल हुए और छात्र राजनीति की शुरुआत की. हालांकि, 1977 में इमरजेंसी के दौरान गिरफ्तार होने के बाद वह अपनी जेएनयू से पीएचडी पूरी नहीं कर सके.

सीताराम येचुरी का पारिवारिक जीवन : माकपा नेता सीताराम येचुरी ने बीबीसी की तेज तर्रार पत्रकार सीमा चिश्ती से विवाह किया था. सीताराम येचुरी की ये दूसरी शादी थी. हालांकि कि येचुरी की पहली शादी वामपंथी कार्यकर्ता और नारीवादी डॉ. वीना मजूमदार की बेटी इंद्राणी मजूमदार के साथ हुई थी. इस शादी से उन्हें एक बेटा और एक बेटी हैं.

पीएम नरेंद्र मोदी ने जताया दुख, बोले-वो वामपंथ के अग्रणी नेता थे : पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सीताराम येचुरी के निधन से दुखी हूं. वे वामपंथ के अग्रणी नेता थे और सभी राजनीतिक दलों से जुड़ने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते थे. उन्होंने एक प्रभावी सांसद के रूप में भी अपनी पहचान बनाई. इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति.

संविधान के मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में अडिग थे : सोनिया

कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीपीआई (एम) के महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा, 'सीताराम येचुरी के निधन से मैं बहुत दुखी हूं. हमने 2004-08 के दौरान मिलकर काम किया था और उसके बाद जो दोस्ती बनी थी, वह उनके अंतिम समय तक कायम रही. वे हमारे देश के संविधान के मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में अडिग थे, जिसे इसकी प्रस्तावना में बहुत मजबूती से समाहित किया गया है.'

सीताराम येचुरी के निधन पर लोकसभा अध्यक्ष ने जताया शोक : लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने एक्स में पोस्ट कर कहा कि वरिष्ठ राजनेता व पूर्व सांसद श्री सीताराम येचुरी जी के निधन पर शोक व्यक्त करता हूं. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें तथा परिजनों को इस दुख को सहन करने का साहस दें. ॐ शान्ति.

खड़गे ने व्यक्त की संवेदनाएं : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कॉमरेड सीताराम येचुरी के निधन पर संवेदनाएं व्यक्त की हैं. उन्होंने कहा कि वे एक विनम्र नेता थे जिन्होंने व्यक्तिगत समीकरणों को अडिग राजनीतिक विचारधाराओं के साथ संतुलित करने का अनूठा क्षेत्र चुना. वे एक उत्कृष्ट सांसद और एक उत्कृष्ट बुद्धिजीवी थे, उन्होंने आदर्शवाद के साथ व्यावहारिकता के साथ भारत के लोगों की सेवा की. यह सभी उदारवादी ताकतों के लिए एक बड़ी क्षति है, क्योंकि वे प्रगतिवादियों के सामूहिक विवेक के रक्षक थे. उदारवाद के एक मित्र और हमवतन को हमारा अंतिम सलाम, भारतीय राजनीति उन्हें बहुत याद करेगी.

कम्युनिस्ट आंदोलन में एक अपूरणीय शून्यता आ गई है : विजयन

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एक्स में पोस्ट कर कहा, अलविदा, कॉमरेड सीताराम येचुरी. उनके जाने से कम्युनिस्ट आंदोलन और लोगों के संघर्षों में एक अपूरणीय शून्यता आ गई है. मैं उन पलों को संजो कर रखता हूं जो हमने साझा किए और उनकी बेजोड़ वैचारिक स्पष्टता, रणनीतिक प्रतिभा और क्रांतिकारी उद्देश्य के प्रति समर्पण को याद करता हूं. बढ़ती असमानता और धर्मनिरपेक्ष और संवैधानिक आदर्शों के लिए खतरों के बीच, उनकी विरासत हमें एक न्यायपूर्ण भारत के लिए लड़ते रहने के लिए प्रेरित करेगी.

राहुल गांधी और ममता बनर्जी ने जताया दुख

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सीताराम येचुरी के निधन पर शोक जताते हुए एक्स पर पोस्ट किया कि सीताराम येचुरी जी मेरे मित्र थे. भारत के विचार के रक्षक और हमारे देश की गहरी समझ रखने वाले थे. मुझे हमारी लंबी चर्चाएं याद आएंगी. दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, मित्रों और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना.

वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कियह जानकर दुख हुआ कि सीताराम येचुरी का निधन हो गया है. वे एक अनुभवी सांसद थे और उनका निधन राष्ट्रीय राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है. मैं उनके परिवार, मित्रों और सहकर्मियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं.

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