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वाल्मीकि कॉर्पोरेशन स्कैम: पूर्व मंत्री बी नागेंद्र की ईडी हिरासत 3 अगस्त तक बढ़ाई गई - Valmiki Corporation Scam

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 22, 2024, 10:21 PM IST

Valmiki Corporation Scam: कर्नाटक वाल्मीकि कॉर्पोरेशन स्कैम केस में ईडी ने पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता बी नागेंद्र की ईडी हिरासत 22 जुलाई को समाप्त हो रही थी. कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए पूर्व मंत्री की न्यायिक हिरासत को 3 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है.

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पूर्व मंत्री बी नागेंद्र की ईडी हिरासत 3 अगस्त तक बढ़ाई गई (ETV Bharat)

बेंगलुरु: वाल्मीकि निगम घोटाला मामले में पूर्व मंत्री बी नागेंद्र को बेंगलुरु की विशेष प्रतिनिधि अदालत ने 3 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. बता दें कि, हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद नागेंद्र को आज (22 जुलाई) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने कोर्ट के समक्ष पेश किया. नागेंद्र के वकील श्याम सुंदर ने दलील दी कि नागेंद्र को ह्रदय संबंधी बीमारी है और उन्हें चिकित्सा सहायता की जरूरत है. न्यायाधीश ने कहा कि निश्चित रूप से न्यायिक हिरासत में चिकित्सा सहायता प्रदान की जाएगी. साथ ही, वकील श्याम सुंदर ने अदालत से कहा कि वह नागेंद्र की जमानत के लिए आवेदन करेंगे.

पूर्व मंत्री को कोर्ट से नहीं मिल रही राहत
नागेंद्र को ईडी अधिकारियों ने 12 जुलाई को वाल्मीकि निगम मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. जिसके बाद विशेष प्रतिनिधि अदालत ने नागेंद्र को 18 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया. बाद में ईडी अधिकारियों के अनुरोध पर हिरासत अवधि 22 जुलाई तक बढ़ा दी गई. ईडी अधिकारियों ने मामले में न्यायिक हिरासत में बंद आरोपी सत्यनारायण वर्मा की हिरासत के लिए भी याचिका दायर की है.

बता दें कि, मामले में 12 जुलाई को सुबह-सुबह ईडी के अधिकारियों ने नागेंद्र के डॉलर्स कॉलोनी स्थित आवास पर पूछताछ की और उन्हें गिरफ्तार कर किया था. प्रवर्तन निदेशालय की एक प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी गई थी कि निगम के खाते से अवैध रूप से स्थानांतरित किए गए करोड़ों रुपये का इस्तेमाल पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान शराब और कार खरीदने में किया गया था. आरोपों के प्रकाश में आने के बाद बी नागेंद्र ने 6 जून को अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.

ईडी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज
वहीं, वाल्मीकि निगम घोटाला मामले में बी नागेंद्र और अन्य का नाम उजागर करने के लिए दबाव डालने पर ईडी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. समाज कल्याण विभाग के अतिरिक्त निदेशक कलेश बी की शिकायत के आधार पर विल्सन गार्डन पुलिस स्टेशन में दो ईडी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

समाज कल्याण विभाग के अतिरिक्त निदेशक कलेश बी ने शिकायत की है कि जांच कर रहे ईडी अधिकारियों ने उन पर यह स्वीकार करने के लिए दबाव डाला है कि पूर्व मंत्री बी नागेंद्र ने अवैध रूप से धन ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया था और अधिकारियों ने उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया. खबर के मुताबिक, कलेश ने मुरली कन्नन नाम के एक ईडी अधिकारी और मित्तल उपनाम वाले एक अधिकारी पर आरोप लगाया है.

ये भी पढ़ें: वाल्मीकि निगम घोटाला: कर्नाटक सरकार में मंत्रियों का आरोप, सीएम व डीप्टी सीएम का नाम जोड़ने के लिए ईडी पर दबाव

बेंगलुरु: वाल्मीकि निगम घोटाला मामले में पूर्व मंत्री बी नागेंद्र को बेंगलुरु की विशेष प्रतिनिधि अदालत ने 3 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. बता दें कि, हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद नागेंद्र को आज (22 जुलाई) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने कोर्ट के समक्ष पेश किया. नागेंद्र के वकील श्याम सुंदर ने दलील दी कि नागेंद्र को ह्रदय संबंधी बीमारी है और उन्हें चिकित्सा सहायता की जरूरत है. न्यायाधीश ने कहा कि निश्चित रूप से न्यायिक हिरासत में चिकित्सा सहायता प्रदान की जाएगी. साथ ही, वकील श्याम सुंदर ने अदालत से कहा कि वह नागेंद्र की जमानत के लिए आवेदन करेंगे.

पूर्व मंत्री को कोर्ट से नहीं मिल रही राहत
नागेंद्र को ईडी अधिकारियों ने 12 जुलाई को वाल्मीकि निगम मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. जिसके बाद विशेष प्रतिनिधि अदालत ने नागेंद्र को 18 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया. बाद में ईडी अधिकारियों के अनुरोध पर हिरासत अवधि 22 जुलाई तक बढ़ा दी गई. ईडी अधिकारियों ने मामले में न्यायिक हिरासत में बंद आरोपी सत्यनारायण वर्मा की हिरासत के लिए भी याचिका दायर की है.

बता दें कि, मामले में 12 जुलाई को सुबह-सुबह ईडी के अधिकारियों ने नागेंद्र के डॉलर्स कॉलोनी स्थित आवास पर पूछताछ की और उन्हें गिरफ्तार कर किया था. प्रवर्तन निदेशालय की एक प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी गई थी कि निगम के खाते से अवैध रूप से स्थानांतरित किए गए करोड़ों रुपये का इस्तेमाल पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान शराब और कार खरीदने में किया गया था. आरोपों के प्रकाश में आने के बाद बी नागेंद्र ने 6 जून को अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.

ईडी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज
वहीं, वाल्मीकि निगम घोटाला मामले में बी नागेंद्र और अन्य का नाम उजागर करने के लिए दबाव डालने पर ईडी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. समाज कल्याण विभाग के अतिरिक्त निदेशक कलेश बी की शिकायत के आधार पर विल्सन गार्डन पुलिस स्टेशन में दो ईडी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

समाज कल्याण विभाग के अतिरिक्त निदेशक कलेश बी ने शिकायत की है कि जांच कर रहे ईडी अधिकारियों ने उन पर यह स्वीकार करने के लिए दबाव डाला है कि पूर्व मंत्री बी नागेंद्र ने अवैध रूप से धन ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया था और अधिकारियों ने उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया. खबर के मुताबिक, कलेश ने मुरली कन्नन नाम के एक ईडी अधिकारी और मित्तल उपनाम वाले एक अधिकारी पर आरोप लगाया है.

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