हैदराबाद : वैसे तो प्यार का इजहार करने के लिए किसी मौके या दस्तूर की जरूरत नहीं होती है, फिर भी वैलेंटाइन डे पर अक्सर युवाओं में इसको लेकर उत्कंठा बनी रहती है. बहुत संभव है कि वे इसके लिए साल भर से इंतजार कर रहे हों. लेकिन सबसे चुनौतीपूर्ण होती है- शब्दों का चयन. वेलेंटाइन डे आ भी गया, और आपको क्या कहना है, इसके बारे में जानकारी नहीं है, तो आप क्या करेंगे. किसी शायरी की किताब पलटेंगे या फिर कविता की पंक्तियां ढूंढेंगे. लेकिन इसके लिए भी आपको मेहनत करनी होगी. कुछ अच्छी पंक्तियां मिल जाए, इसके लिए प्रयास करने होंगे. और आपको तो पता है कि आजकल के युवा इतने अधिक टेकसेवी हो गए हैं कि उन्हें हर मामले का समाधान तुरंत चाहिए, फिर चाहे वह प्यार से ही संबंधित मामला क्यों न हो.
आज के युवा प्यार का इजहार करने के लिए भी टेक्नोलॉजी का सहारा ले रहे हैं. उन्हें लव लेटर लिखना है या फिर बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड को इंप्रेस करना है, बस गूगल बाबा से समाधान मांग लेते हैं. हाल ही में एक सर्वे ने दावा किया है कि 56 फीसदी भारतीय युवाओं ने वैलेंटाइन डे के मौके पर लव लेटर के लिए एआई से संपर्क करना बेहतर समझा है.
सर्वे एंटीवायरस बनाने वाली कंपनी मैकेफी ने किया है. इस सर्वे में तो एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. उनके अनुसार 39 फीसदी लोगों ने कहा कि उनसे चैटिंग करने वाले अधिकतर लोग स्कैमर हैं. इस सर्वे में लोगों ने स्वीकार किया कि उन्होंने वैलेंटाइन डे के मौके पर चैटजीपीटी, गोगूल जेमिनी और माइक्रोसॉफ्ट को-पायलट की सेवा ली है.
सर्वे में यह भी पाया गया कि 65 फीसदी से ज्यादा हाईटेक भारतीय प्रेमी जोड़े लव लेटर तक खुद से नहीं लिख पाते हैं. इसके लिए वे अपने किसी नजदीकी दोस्त या रिश्तेदार का सहारा नहीं लेते हैं, बल्कि विभिन्न कंपनियों जैसे गूगल, माइक्रोसाफ्ट, चैटजीपीटी के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफार्म का सहारा लेते हैं. ताजा सर्वेक्षण के अनुसार एआई के आने बाद इंटरनेट लव और रिलेशन पैटर्न में हो रहे बदलाव के बारे में जानकारी दी गई है.
लवर AI जेनरेटेड प्रोफाइल वालों को पसंद नहीं करते
सर्वे में लगभग चार में से एक अमेरिकी युवाओं का कहना है कि उन्होंने अपनी ऑनलाइन डेटिंग फोटो और कंटेंट को एआई टूल की मदद से आकर्षक बनाया है. लेकिन इसके बाद यह फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है, क्योंकि 64 फीसदी लोगों ने यह भी कहा कि वे उस लवर पर भरोसा नहीं करते हैं जो अपने प्रोफाइल में एआई-जनरेटेड इमेज का उपयोग करते हैं.
AI जेनरेटेड वेलेंटाइन मैसेज पसंद नहीं करते हैं 57 फीसदी युवा
लगभग 10 में से 7 युवाओं ने कहा कि उन्हें अपनी सामग्री की तुलना में AI-जनरेटेड सामग्री का उपयोग करने में अधिक रुचि और बेहतर प्रतिक्रियाएं मिलीं. इसी दौरान इन युवाओं ने यह भी कहा कि उन्हें AI-कोडित भावनाएं प्राप्त करना पसंद नहीं है. लगभग 57 फीसदी युवाओं ने कहा कि अगर उन्हें पता चलेगा कि उनका वेलेंटाइन मैसेज एआई जेनरेटेड है तो तो वे इसे पसंद नहीं करेंगे.
24 फीसदी युवा नहीं पहचान पाते हैं AI कंटेंट
सर्वे में 24 फीसदी युवा नहीं पहचान पाते हैं लव लेटर या इमोशनल मैसेज AI कंटेंट है या मैनुअल. वहीं 42 फीसदी युवाओं ने कहा कि उन्होंने बीते साल डेटिंग साइटों, ऐप्स व सोशल मीडिया पर नकली प्रोफाइल या तस्वीरों को देखा था.
जनवरी 2024 में मार्केट रिसर्च कंपनी MSI-ACI की ओर से युवाओं के बीच ईमेल से ऑनलाइन प्रश्नावली भेज कर सर्वेक्षण कराया गया था. इसमें 7 देशों के 7000 से ज्यादा युवाओं ने हिस्सा लिया. इन देशों भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी और जापान के युवा शामिल हुए, जिनकी उम्र 18 साल या इससे ज्यादा था. इंटरनेट सिक्यूरिटी फर्म मैकेफी (McAfee) के ब्लाग पोस्ट पर 'लव बाइट्स - एआई कैसे आधुनिक प्रेम को आकार दे रहा है' में इस रिपोर्ट के डेटा के आधार पर एक लेख प्रकाशित किया गया है.