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उत्तराखंड ट्रैकिंग हादसा: 'एक ही दिन दुनिया में आया कर्नाटक का दंपति और एक ही साथ कहा अलविदा' - Uttarakhand Trekking Tragedy

उत्तराखंड में ट्रैकर्स के साथ हुए हादसे में कर्नाटक के नौ ट्रैकर्स की मौत हो गई. इन मृतकों में कर्नाटक का एक जोड़ा था, जो एक साथ काल के गाल में सम गया. बड़ी विडंबना यह है कि इस जोड़े का जन्मदिन एक ही दिन होता था और अब उनकी मौत भी एक ही दिन हुई.

Karnataka couple died in Uttarakhand
उत्तराखंड में कर्नाटक के दंपति की मौत (फोटो - ETV Bharat Karnataka Desk)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 7, 2024, 6:23 PM IST

हुबली: उत्तराखंड में खराब मौसम के कारण जान गंवाने वाले हुबली के दंपति समेत कर्नाटक के नौ ट्रेकर्स के शव शुक्रवार को दिल्ली होते हुए बेंगलुरु लाए गए. कर्नाटक से रवाना हुए 22 ट्रेकर्स का एक दल उत्तराखंड के ऊंचे सहस्त्रताल मनेरी इलाके में ट्रेकिंग के लिए गया था. ट्रेकिंग के गंतव्य पर पहुंचकर दल वापस कैंप की ओर लौट रहा था, लेकिन रास्ते में बर्फीले तूफान के कारण मौसम पूरी तरह खराब हो गया.

इससे सभी ट्रेकर्स खतरे में पड़ गए. इस हादसे में 9 ट्रेकर्स की मौत हो गई और 13 लोगों को बचा लिया गया. इस हादसे का शिकार हुबली कर्नाटक का एक जोड़ा भी हुआ, जिनकी मौत हो चुकी है. उनकी पहचान विनायक मुंगुरावडी और सुजाता मुंगुरावडी के तौर पर की गई है. वैसे तो इस जोड़े का जन्म अलग-अलग साल में हुआ, लेकिन इनके जन्म की तारीख एक थी.

दोनों का जन्म एक ही तारीख और महीने 3 अक्टूबर को हुआ था. लेकिन विडंबना यह है कि इस जोड़े की मौत भी एक ही दिन 4 जून को हुई. दोनों मृतकों ने 1994 में हुबली के बीवीबी कॉलेज से इंजीनियरिंग में स्नातक किया था. विनायक ने मैकेनिकल विभाग से गोल्ड मेडल जीता था. शुरुआती दिनों में दोनों हुबली के उनाकल में रहते थे और 1996 में नौकरी की तलाश में बेंगलुरु चले गए.

एक निजी कंपनी में काम करते हुए उन्होंने 'उत्तर कर्नाटक स्नेहलोक ट्रस्ट' नाम का एक संगठन शुरू किया और पिछले 16 सालों से लोगों की सेवा में लगे हुए थे. विनायक को ट्रैकिंग का शौक था, इसलिए वह हर साल ट्रैकिंग के लिए जाता था. दंपति की एक बेटी अदिति भी है, जो एक निजी कंपनी में काम करती है और बेटा ईशान इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है.

हुबली: उत्तराखंड में खराब मौसम के कारण जान गंवाने वाले हुबली के दंपति समेत कर्नाटक के नौ ट्रेकर्स के शव शुक्रवार को दिल्ली होते हुए बेंगलुरु लाए गए. कर्नाटक से रवाना हुए 22 ट्रेकर्स का एक दल उत्तराखंड के ऊंचे सहस्त्रताल मनेरी इलाके में ट्रेकिंग के लिए गया था. ट्रेकिंग के गंतव्य पर पहुंचकर दल वापस कैंप की ओर लौट रहा था, लेकिन रास्ते में बर्फीले तूफान के कारण मौसम पूरी तरह खराब हो गया.

इससे सभी ट्रेकर्स खतरे में पड़ गए. इस हादसे में 9 ट्रेकर्स की मौत हो गई और 13 लोगों को बचा लिया गया. इस हादसे का शिकार हुबली कर्नाटक का एक जोड़ा भी हुआ, जिनकी मौत हो चुकी है. उनकी पहचान विनायक मुंगुरावडी और सुजाता मुंगुरावडी के तौर पर की गई है. वैसे तो इस जोड़े का जन्म अलग-अलग साल में हुआ, लेकिन इनके जन्म की तारीख एक थी.

दोनों का जन्म एक ही तारीख और महीने 3 अक्टूबर को हुआ था. लेकिन विडंबना यह है कि इस जोड़े की मौत भी एक ही दिन 4 जून को हुई. दोनों मृतकों ने 1994 में हुबली के बीवीबी कॉलेज से इंजीनियरिंग में स्नातक किया था. विनायक ने मैकेनिकल विभाग से गोल्ड मेडल जीता था. शुरुआती दिनों में दोनों हुबली के उनाकल में रहते थे और 1996 में नौकरी की तलाश में बेंगलुरु चले गए.

एक निजी कंपनी में काम करते हुए उन्होंने 'उत्तर कर्नाटक स्नेहलोक ट्रस्ट' नाम का एक संगठन शुरू किया और पिछले 16 सालों से लोगों की सेवा में लगे हुए थे. विनायक को ट्रैकिंग का शौक था, इसलिए वह हर साल ट्रैकिंग के लिए जाता था. दंपति की एक बेटी अदिति भी है, जो एक निजी कंपनी में काम करती है और बेटा ईशान इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है.

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