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'समन' कहना दुष्प्रचार की कोशिश', प्रोफेसर यूनुस की भारतीय उच्चायुक्त से मुलाकात पर विदेश मंत्रालय का बयान - Indian High commission - INDIAN HIGH COMMISSION

Flood In Bangladesh: बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश के पूर्वी जिलों में आई बाढ़ के संबंध में अपने वरिष्ठ सहयोगियों से मुलाकात की. इसके कुछ देर बाद ही यूनुस ने भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा से भी मुलाकात की.

विदेश मंत्री एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 22, 2024, 7:35 PM IST

नई दिल्ली: बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को ढाका में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा से मुलाकात की. विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह एक सामान्य मुलाकात थी और इसे 'समन' कहना गलत होगा. मुख्य सलाहकार यूनुस के साथ बातचीत का अनुरोध कई दिन पहले दर्ज किया गया था और 'बाढ़' से संबंधित घटनाओं से पहले इसकी पुष्टि की गई थी.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के गलत बयानों का कोई भी आधिकारिक समर्थन द्विपक्षीय संबंधों के लिए ठीक नहीं है. 'समन' का इस्तेमाल गलत सूचना देने का प्रयास है." उल्लेखनीय है कि यह बैठक प्रोफेसर यूनुस द्वारा बांग्लादेश के पूर्वी जिलों में आई अभूतपूर्व बाढ़ के संबंध में अपने वरिष्ठ सहयोगियों से मुलाकात के कुछ ही मिनट बाद हुई है. उनके प्रशासन ने इस बाढ़ के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है, जिसने बिना किसी पूर्व चेतावनी के पड़ोसी त्रिपुरा से पानी छोड़ दिया.

भारत ने किया खंडन
इससे पहले आज भारत ने बांग्लादेश के इस आरोप का खंडन किया कि बांग्लादेश के आठ जिलों में बाढ़ के लिए भारत जिम्मेदार है. विदेश मंत्रालय ने कहा, "यह तथ्यात्मक रूप से गलत है." विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बांग्लादेश की पूर्वी सीमा पर स्थित जिलों में बाढ़ के बारे में बांग्लादेश द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बाढ़ त्रिपुरा में गुमटी नदी के ऊपर डंबूर बांध के खुलने से नहीं आई है. विदेश मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि यह दावा तथ्यात्मक रूप से गलत है.

जगन्नाथ विश्वविद्यालय के छात्रों ने निकाला मार्च
गौरतलब है कि बांग्लादेश में चल रही स्थिति के बीच जगन्नाथ विश्वविद्यालय के छात्रों ने बाढ़ के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया और एक विरोध मार्च का आयोजन किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि भारत द्वारा ढाका को सूचित किए बिना डंबूर और गजलडोबा बांधों के जलद्वार खोलने के बाद बाढ़ आई है.

21 अगस्त से भारी बारिश
बता दें कि डंबूर बांध बांग्लादेश से 120 किलोमीटर ऊपर की ओर स्थित है और यह एक कम ऊंचाई वाला बांध (लगभग 30 मीटर) है जो ग्रिड में बिजली पहुंचाता है, जिससे बांग्लादेश त्रिपुरा से 40 मेगावाट बिजली भी प्राप्त करता है. लगभग 120 किलोमीटर लंबे नदी मार्ग पर अमरपुर, सोनामुरा और सोनामुरा 2 में तीन जल स्तर अवलोकन स्थल हैं. त्रिपुरा और बांग्लादेश के आस-पास के जिलों में 21 अगस्त से भारी बारिश हो रही है.

भारी बाढ़ की स्थिति में, स्वचालित रूप से पानी छोड़ा जाता है. अमरपुर स्टेशन एक द्विपक्षीय प्रोटोकॉल का हिस्सा है, जिसके माध्यम से वास्तविक समय में बाढ़ के आंकड़े बांग्लादेश को भेजे जाते हैं.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत और बांग्लादेश के बीच आम नदियों में बाढ़ एक साझा समस्या है जो दोनों पक्षों के लोगों को कष्ट पहुंचाती है और इसे हल करने के लिए घनिष्ठ आपसी सहयोग की आवश्यकता है.

सीमा पार नदियों को साझा करने वाले दो देशों में नदी जल सहयोग हमारे द्विपक्षीय जुड़ाव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. हम द्विपक्षीय परामर्श और तकनीकी चर्चाओं के माध्यम से जल संसाधनों और नदी जल प्रबंधन में मुद्दों और आपसी चिंताओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

यह भी पढ़ें- बांग्लादेश में बाढ़ के लिए भारत जिम्मेदार नहीं: विदेश मंत्रालय

नई दिल्ली: बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को ढाका में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा से मुलाकात की. विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह एक सामान्य मुलाकात थी और इसे 'समन' कहना गलत होगा. मुख्य सलाहकार यूनुस के साथ बातचीत का अनुरोध कई दिन पहले दर्ज किया गया था और 'बाढ़' से संबंधित घटनाओं से पहले इसकी पुष्टि की गई थी.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के गलत बयानों का कोई भी आधिकारिक समर्थन द्विपक्षीय संबंधों के लिए ठीक नहीं है. 'समन' का इस्तेमाल गलत सूचना देने का प्रयास है." उल्लेखनीय है कि यह बैठक प्रोफेसर यूनुस द्वारा बांग्लादेश के पूर्वी जिलों में आई अभूतपूर्व बाढ़ के संबंध में अपने वरिष्ठ सहयोगियों से मुलाकात के कुछ ही मिनट बाद हुई है. उनके प्रशासन ने इस बाढ़ के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है, जिसने बिना किसी पूर्व चेतावनी के पड़ोसी त्रिपुरा से पानी छोड़ दिया.

भारत ने किया खंडन
इससे पहले आज भारत ने बांग्लादेश के इस आरोप का खंडन किया कि बांग्लादेश के आठ जिलों में बाढ़ के लिए भारत जिम्मेदार है. विदेश मंत्रालय ने कहा, "यह तथ्यात्मक रूप से गलत है." विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बांग्लादेश की पूर्वी सीमा पर स्थित जिलों में बाढ़ के बारे में बांग्लादेश द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बाढ़ त्रिपुरा में गुमटी नदी के ऊपर डंबूर बांध के खुलने से नहीं आई है. विदेश मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि यह दावा तथ्यात्मक रूप से गलत है.

जगन्नाथ विश्वविद्यालय के छात्रों ने निकाला मार्च
गौरतलब है कि बांग्लादेश में चल रही स्थिति के बीच जगन्नाथ विश्वविद्यालय के छात्रों ने बाढ़ के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया और एक विरोध मार्च का आयोजन किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि भारत द्वारा ढाका को सूचित किए बिना डंबूर और गजलडोबा बांधों के जलद्वार खोलने के बाद बाढ़ आई है.

21 अगस्त से भारी बारिश
बता दें कि डंबूर बांध बांग्लादेश से 120 किलोमीटर ऊपर की ओर स्थित है और यह एक कम ऊंचाई वाला बांध (लगभग 30 मीटर) है जो ग्रिड में बिजली पहुंचाता है, जिससे बांग्लादेश त्रिपुरा से 40 मेगावाट बिजली भी प्राप्त करता है. लगभग 120 किलोमीटर लंबे नदी मार्ग पर अमरपुर, सोनामुरा और सोनामुरा 2 में तीन जल स्तर अवलोकन स्थल हैं. त्रिपुरा और बांग्लादेश के आस-पास के जिलों में 21 अगस्त से भारी बारिश हो रही है.

भारी बाढ़ की स्थिति में, स्वचालित रूप से पानी छोड़ा जाता है. अमरपुर स्टेशन एक द्विपक्षीय प्रोटोकॉल का हिस्सा है, जिसके माध्यम से वास्तविक समय में बाढ़ के आंकड़े बांग्लादेश को भेजे जाते हैं.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत और बांग्लादेश के बीच आम नदियों में बाढ़ एक साझा समस्या है जो दोनों पक्षों के लोगों को कष्ट पहुंचाती है और इसे हल करने के लिए घनिष्ठ आपसी सहयोग की आवश्यकता है.

सीमा पार नदियों को साझा करने वाले दो देशों में नदी जल सहयोग हमारे द्विपक्षीय जुड़ाव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. हम द्विपक्षीय परामर्श और तकनीकी चर्चाओं के माध्यम से जल संसाधनों और नदी जल प्रबंधन में मुद्दों और आपसी चिंताओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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