रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का शुक्रवार को अंतिम दिन रहा. इस दौरान सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर बहस हुई. सदन में कोंटा से कांग्रेस विधायक कवासी लखमा के सवाल पर बड़ा बवाल हो गया. कवासी लखमा ने साय सरकार पर नक्सलियों को चावल पहुंचाने के मकसद से राशन दुकान की शिफ्टिंग का आरोप लगा दिया. इस आरोप के बाद सदन में खूब बवाल हुआ. कवासी लखमा के सवाल को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोंक झोंक हुई.
"जब से साय सरकार बनी है, तब से राशन दुकानों में गड़बड़ी हो रही है. पीडीएस के चावल में कटौती की गई है ,गुड़ चना नहीं मिल रहा है, यहां तक कि नक्सलियों को चावल देने नक्सलाइट एरिया में राशन दुकानों को शिफ्ट किया गया है": कवासी लखमा, कांग्रेस विधायक
कवासी लखमा ने सवाल में क्या पूछा ?: सदन में कवासी लखमा ने सवाल पूछा कि सुकमा में पीडीएस सिस्टम के कितने दुकान है और कितने केंद्र संचालित है. कितने खाद्यान्न गोदाम है. भवन विहीन कितने केंद्र हैं. कुछ जगह में दुकान किराए पर चल रहा है और उसका किराया कितना है.
कवासी लखमा के सवाल पर खाद्य मंत्री ने क्या जवाब दिया ?: इस पर मंत्री दयाल दास बघेल ने बताया कि सुकमा में कुल 191 दुकान हैं, 175 भवन है, 16 दुकान किराये पर चल रहा है, 8 भवन अपूर्ण हैं, 8 भवन पूरे हो चुके हैं.वही किराए की दुकान को उल्लेख करते हुए बताया, कि किसी दुकान का किराया ₹400 प्रति महीना, तो किसी का ₹4000 प्रति महीना है. अलग-अलग जगह पर अलग-अलग किराया है
कवासी लखमा ने पीडीएस दुकान की शिफ्टिंग का लगाया आरोप: इसके बाद कवासी लखमा ने पीडीएस दुकान की शिफ्टिंग का आरोप लगा दिया. उन्होंने पूछा कि सुकमा जिला में कलेक्टर को शिकायत मिलने के बाद कितने दुकान की शिफ्टिंग हुई है. इस पर मंत्री ने कहा की ऐसी कोई शिकायत नहीं प्राप्त हुई है. लखमा ने कहा कि जैसे ही सवाल लगाया गया तो चिंतलनार की दुकान को नक्सलाइट एरिया पोखरा में ले गए.
कई दुकान किए गए शिफ्ट: इसके अलावा भी कई दुकान को शिफ्ट करने का जिक्र लखमा ने किया. लखमा ने कहा कई दुकानों की शिफ्टिंग हुई है क्या इस पर आप कार्रवाई करेगे. इस पर मंत्री ने कहा कि जो भी तथ्य है आप लिखकर दे दीजिए दिखवा लिया जाएगा. उसके बाद कवासी लखमा ने लोगों को चावल और गुड़ नहीं मिलने का आरोप लगा दिया. इस पर भी मंत्री जी ने कार्रवाई की बात कही
क्या नक्सलियों को चावल पहुंचाने के लिए दुकान शिफ्ट हुए ? : इसके बाद कवासी लखमा ने बड़ा सवाल दाग दिया. उन्होंने कहा कि क्या नक्सलियों को चावल पहुंचाने के लिए दुकान शिफ्ट की गई है. क्या ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. इस पर मंत्री जी ने कहा कि ऐसी कोई जानकारी है तो आप अलग से दे दीजिए मैं दिखवा लूंगा.
कवासी लखमा ने की सवालों की बौछार: इस फिर कवासी लखमा ने सवालों की बौछार कर दी. उन्होंने साय सरकार पर आरोप लगाया और कहा कि" विष्णुदेव कि सरकार बनने के बाद लगातार चावल की कटौती की जा रही है हेरा फेरी हो रही है. चना और गुड नहीं पहुंच रहा है. रोड की समिति को गांव में अधिकारी ले जा रहे हैं. इस पर कार्रवाई करेंगे क्या" जिस पर अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा कि आप अपने दस्तखत करके दे दीजिए. मंत्री जी इस पर कार्रवाई करेंगे. इस तरह लखमा के सवाल पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में खूब बवाल हुआ.
मौसमी बीमारी का मुद्दा उठा: कांग्रेस ने साय सरकार पर मानसून से दौरान समुचित स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया. इसमें सरकार पर विफलता का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने सदन से वॉक आउट किया. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के विधायक मोतीलाल साहू ने राज्य में मलेरिया और डायरिया से लोगों की मौत का मुद्दा उठाया और सरकार से जवाब मांगा। कांग्रेस सदस्यों ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि राज्य में जलजनित और वेक्टर जनित बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं.
हेल्थ मिनिस्टर ने सवाल का दिया जवाब: अपने जवाब में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि यह कहना गलत है कि राज्य में मानसून आते ही स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि सरकार डायरिया और मलेरिया की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशीलता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मलेरिया और डायरिया की रोकथाम के लिए 27 फरवरी और 7 जून को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए थे और अंतर-विभागीय समन्वय करके एक कार्ययोजना तैयार की गई है. स्वास्थ्य मंत्री के जवाब से नाखुश विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया.
पूर्व विधायक विजय सिंह को सदन में दी गई श्रद्धांजलि: मानसून सत्र के अंतिम दिन पूर्व विधायक विजय सिंह को सदन में श्रद्धांजलि दी गई. विजय सिंह का निधन 17 जुलाई को हो गया था जबकि सदन की बैठक 22 जुलाई से शुरू हुई थी. ऐसे में उनके निधन की सूचना समय पर नहीं दिए जाने को लेकर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने आपत्ति की. वहीं नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने भी जिला प्रशासन की तरफ से सदन को समय पर सूचना न दिए जाने पर एतराज जताया है, साथ ही विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह ने सांसदों और विधायकों के निधन की सूचना समय पर विधानसभा सचिवालय को ना भेजे जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की. रमन सिंह ने कहां कि उनकी सूचना समय पर विधानसभा सचिवालय को भेजना सुनिश्चित किया जाए.
नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के लिए बधाई प्रस्ताव पारित: नरेंद्र मोदी के तीसरी बार पीएम बनने पर छत्तीसगढ़ विधानसभा से बधाई प्रस्ताव पारित हुआ. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक जिन्होंने एक अन्य मुद्दे पर सदन से बहिर्गमन किया था. इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष मौजूद नहीं था. संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप ने प्रस्ताव पेश किया, जिसमें कहा गया, "यह सदन लोकप्रिय और सफल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को लगातार तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनने पर बधाई और शुभकामनाएं देता है. मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक स्तर पर बड़ी ऊंचाइयों को छुआ है और विकसित देशों की श्रेणी में अपना स्थान सुरक्षित करने में सक्षम होगा. उनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ भी विकास की ओर अग्रसर होगा.
छत्तीसगढ़ विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित: छत्तीसगढ़ विधानसभा शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. इस सत्र में कुल पांच बैठकें हुई. जिनें करीब 31.50 घंटे तक चर्चा हुई. 492 तारांकित और 474 अतारांकित प्रश्न पूछे गए. कुल 966 प्रश्नों की सूचनाएं प्राप्त की गई. विधानसभा के अंतिम दिन विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से एक पेड़ मां के नाम लगाने की गुजारिश की. रमन सिंह ने बताया कि शीतकालीन सत्र दिसंबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में होने की उम्मीद है.