जयपुर : आज पीपीपी मोड की भूमिका बदल गई है. अब तक इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप कहा जाता था, लेकिन इसे प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप कहना ज्यादा उचित हैं, क्योंकि आज प्राइवेट सेक्टर की भूमिका पब्लिक सेक्टर से कहीं ज्यादा हो गई है. देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान प्राइवेट सेक्टर का रहता है. यह बात देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को जयपुर में सैनिक स्कूल के उद्घाटन समारोह को संबोधित करने के दौरान कही.
यहां उद्घाटन के बाद कई लोगों ने अपनी मांगों को लेकर राजनाथ सिंह से मुलाकात करने की भी कोशिश की. इस दौरान एक कैडेट ने अपनी मां के ट्रांसफर के लिए रक्षामंत्री का सुरक्षा घेरा तक तोड़ दिया. ऐसे में सुरक्षाकर्मी उसे उठाकर पीछे की ओर धकेल दिए.
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दरअसल, जयपुर के श्री भवानी निकेतन शिक्षा समिति परिसर में सोमवार को नए स्थापित सैनिक स्कूल का औपचारिक उद्घाटन हुआ. इस दौरान देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का राजस्थानी अंदाज में स्वागत किया गया. साथ ही उन्हें कैडेट्स ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. रक्षामंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वो खुद एक शिक्षक रह चुके हैं. इसलिए शैक्षणिक संस्थाओं में जाना उन्हें पसंद है. इस दौरान उन्होंने राजस्थान को वीरों की धरती बताते हुए कहा कि इस धारा में शौर्य वीरता कण-कण में रची बसी है.
उन्होंने कहा कि यहां के बच्चे सेना में जाने के लिए दौड़ लगाते हैं. ये उनका जज्बा है. आगे उन्होंने जयपुर की विरासत और संस्कृति का बखान करते हुए कहा कि भारत आने वाला हर एक प्रवासी जयपुर आना पसंद करता है. उन्होंने देश में 100 नए सैनिक स्कूल खोलने के पीछे के कारण को बताते हुए कहा कि देश में अब तक जो स्कूल रहे, उसमें केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार की भूमिका रहती है, लेकिन अब पीपीपी मोड पर 100 सैनिक स्कूल संचालित किए जा रहे हैं.
हालांकि, ये पीपीपी मोड पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप नहीं, बल्कि प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप है. ऐसा इसलिए, क्योंकि देश की इकोनॉमी में भी अब प्राइवेट की भूमिका अहम हो गई है. देश की कृषि का बड़ा हिस्सा अब प्राइवेट सेक्टर में हैं. इकोनोमी के दोनों सेक्टर में प्राइवेट सेक्टर की भूमिका ज्यादा हो गई है. उन्होंने कहा कि शिक्षा को भारत में समाज और राष्ट्र के आधार के रूप में देखा गया.
प्राचीन शिक्षा में आध्यात्म पर जोर रहा है, लेकिन ये सिक्के का एक पहलू है. केवल आध्यात्म ही नहीं विज्ञान, गणित, संगीत समेत विभिन्न विषयों पर भी जोर रहा है. अनेक गणितज्ञों ने भारत ने जन्म लिया. नंबर सिस्टम हमारे यहां से निकला तो दुनियां ने इसे अरब का हिस्सा माना. लेकिन मूल शुरुआत यही है. उन्होंने कहा कि मन का आकार नहीं लेकिन मन बड़ा होगा, तो आनंद मिलेगा और एक समय परमानंद की अनुभूति होगी. जैसे जैसे मन की परिधि बढ़ेगी आनंद भी विस्तार लेगा. इसे उन्होंने एक मैथमेटिकल इक्वेशन का भी रूप दिया.
उन्होंने कहा कि दर्शन शास्त्र, मेडिकल साइंस, खगोल शास्त्र में भी हमारी पुरानी शिक्षा प्रणाली पर पूरा ध्यान दिया गया था. लेकिन अंग्रेजों के समय उन्होंने हमारी शिक्षा को शायद नीचा दिखाने की कोशिश होगी. जबकि भारत में हमेशा नॉलेज बेस्ड एजुकेशन रही हैं. आजादी के बाद से अब तक सभी सरकारों ने नई पीढ़ी के विकास पर बल दिया हैं. आज एजुकेशन सिस्टम के कई बड़े सकारात्मक बदलाव का प्रयास किया जा रहा है.
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सैनिक स्कूल की स्थापना कई कारणों से महत्वपूर्ण है. ये स्कूल छात्रों को केवल पढ़ाई ही नहीं उनमें मूल्यों का समावेश करते है, उनमें साहस वीरता का भाव भरते है, उन्हें देशभक्ति के लिए प्रेरित करते है. सैनिक स्कूलों ने ने देश को अनेक बड़े व्यक्तित्व दिए हैं. मौजूद आर्मी और नेवी चीफ ने भी सैनिक स्कूलों से ही पढ़ाई की है. और भी कई उदाहरण हैं.
इस दौरान उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आप मेहनत करने से कभी मत कतराना, तपकर ही व्यक्ति निखरता है. जी तोड़ मेहनत से आगे बढ़ना है. वहीं शिक्षकों से कहा कि विद्यालय की गरिमा हमेश बनी रहे. ये प्रयास होना चाहिए. सैनिक स्कूल की विरासत हमेशा बनी रहे. उन्होंने श्री भवानी निकेतन शिक्षा समिति की मांग पर उन्हें स्कूल के लिए सेना के पुराने टैंक और वाहन उपलब्ध कराने की हर संभव मदद करने की बात कही.
इससे पहले डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जयपुर को सैनिक स्कूल की सौगात देने पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वो खुद एक सैनिक की बेटी हैं और इस पर उन्हें गर्व है. राजस्थान में बड़ी संख्या में सैनिकों के परिवार रहते हैं. यहां सैनिक स्कूल खुल जाने से ऐसे परिवारों को मदद मिलेगी. 2014 के बाद पीएम और रक्षा मंत्री ने साफ किया कि अब देश में रक्षा को लेकर मजबूत घेरा है. इसलिए चिंता की बात नहीं हैं.
नए भारत में किसी का दखल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि त्योहारों पर पीएम जवानों का मनोबल बढ़ाते है. सेना के साथ सरकार खड़ी हैं. खुद रक्षा मंत्री भी इस बात का संदेश देते रहे हैं. 2021 में केंद्र ने 100 सैनिक स्कूल की स्वीकृति दी थी. अब स्कूल की पढ़ाई भी देश भक्ति की भावना के साथ होगी.
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कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ शिक्षा मंत्री मदन दिलावर सांसद मंजू शर्मा पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व सांसद रामचरण बोहरा भी मौजूद रहे. वहीं स्कूल प्राचार्य मनीषा सिंह ने इस प्रोजेक्ट की सराहना करते हुए कहा कि भारत में सैनिक स्कूल पीपीपी मोड शुरू किया जा रहे हैं. इसमें 60% कोटा स्कूल कैडेट्स के लिए रिजर्व होता है जबकि 40% सीट केंद्र से अलॉट होती हैं. छात्र एनटीए का एग्जाम देकर स्कूल का पार्ट बन सकते हैं. इससे स्टेट के बच्चों को भी लाभ मिलेगा और स्कूल में देशभर से प्रतिभावान छात्र भी संस्थान से जुड़ेंगे.