नई दिल्ली: आमतौर पर यह माना जाता है कि रक्षा बल पुरुष प्रधान क्षेत्र है, लेकिन इस विशिष्ट पुरुषवादी धारणा को खारिज करते हुए इस बार 75वें गणतंत्र दिवस परेड की थीम 'नारी शक्ति' या देश की सुरक्षा करने वाली महिला अधिकारियों के इर्द-गिर्द घूमती है. नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड और बीटिंग द रिट्रीट 2024 पर प्रेस वार्ता में, आगामी गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाले कमांडिंग और उच्च रैंकिंग अधिकारियों सहित कई अधिकारी मीडिया से बातचीत के लिए मौजूद थे.
ईटीवी भारत से बात करते हुए सर्वत्रा ब्रिज (Sarvatra Bridge) की कोर इंजीनियर कैप्टन सुमन सिंह ने अपने संघर्षों और भारतीय सेना में शामिल होने के पीछे की प्रेरणा के बारे में बात की.
उन्होंने अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में बात करते हुए कहा कि, 'मेरे पिता मध्य प्रदेश में वन विभाग में अकाउंटेंट हैं जबकि मेरा भाई मध्य प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल है. मेरा भाई शुरू से ही मेरा बहुत सपोर्ट करता रहा है.'
उन्होंने कहा कि 'मैं बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से आती हूं और अपने पूरे परिवार में मैं पहली महिला अधिकारी हूं.' इस सामान्य धारणा पर टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर कि रक्षा बल पुरुष प्रधान क्षेत्र है. उन्होंने कहा कि 'ये सच नहीं है. एक बार जब हम वर्दी में आ गए तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन हैं.'
एक अन्य महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट दीप्ति राणा भी गणतंत्र दिवस परेड 2024 में भाग लेंगी. उन्होंने कहा कि 'यह एक बेहतरीन अनुभव है. हम लंबे समय से अभ्यास कर रहे हैं और हम 26 जनवरी के लिए पूरी तरह तैयार हैं.'
जब उनसे इस सामान्य धारणा पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया कि रक्षा बल एक पुरुष प्रधान क्षेत्र है, तो उन्होंने जवाब दिया 'वर्दी जेंडर नहीं देखती. हम सभी के साथ समान व्यवहार किया जाता है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप पुरुष हैं या महिला.'
गौरतलब है कि भारतीय सेना में पहली बार आर्टिलरी रेजिमेंट में शामिल होने वाली पांच महिला अधिकारियों में से चार इस साल गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा ले रही हैं. इसमें लेफ्टिनेंट दीप्ति राणा, अनिका सेवदा, आद्या झा और सीएच एनोनी शामिल हैं.