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उबटन, गर्म जल से स्नान फिर बाबा महाकाल के दरबार में दिवाली, जली सबसे पहली फुलझड़ी - FIRST OF ALL DIWALI MAHAKAL TEMPLE

उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में आज सबसे पहले दिवाली मनाई गई. विशेष भस्म आरती से पहले बाबा का उबटन और गर्म जल से स्नान कराया गया.

FIRST OF ALL DIWALI MAHAKAL TEMPLE
सबसे पहले महाकाल की दिवाली (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 31, 2024, 8:54 AM IST

Updated : Oct 31, 2024, 9:17 AM IST

उज्जैन: सबसे पहले बाबा महाकाल के दरबार में आज विशेष पूजा-अर्चना कर दीपावली का पर्व मनाया गया. देशभर में दीपावली की तैयारियों के बीच उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल के दरबार में सबसे पहले दिवाली मनाई जाती है. फुलझड़ी जलाकर रोशनी की गई. सबसे पहले बाबा महाकाल को गर्म जल से स्नान कराने के बाद अभिषेक, पूजन और भोग लगाया गया. इसके बाद विशेष भस्म आरती की गई.

फुलझड़ी जलाकर दीपोत्सव की शुरुआत

महाकाल मंदिर में हर हिंदू त्योहार सबसे पहले भगवान महाकाल के आंगन में मनाया जाता है उसके बाद फिर पूरे देश में. इस परंपरा के तहत रक्षाबंधन, होली, दीपावली सहित सभी त्यौहार महाकालेश्वर के दरबार में भव्यता से मनाए जाते हैं. बाबा महाकाल को गर्म जल से स्नान कराने के बाद अभिषेक, पूजन और भोग लगाया गया. इसके बाद हजारों श्रद्धालुओं ने भस्म आरती में शामिल होकर बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया. पंडितों ने गर्भ गृह में फुलझड़ी जलाकर दीपावली पर्व की शुरुआत की.

विशेष भोग से पहले लगाया गया उबटन

बाबा महाकाल को अन्नकूट का विशेष भोग लगाया गया. यह अन्नकूट किसानों द्वारा दिए गए अन्न से बनाया जाता है, जिसे विशेष तरीके से कूटकर तैयार किया जाता है. दिवाली पर्व में लक्ष्मी पूजा भी धूमधाम से मनाई गई. सुबह के समय भगवान को उबटन लगाया गया, जिसे पुजारी परिवार की महिलाएं बनाती हैं और उसे वही लगाती हैं. इसके बाद बाबा महाकाल को गर्म जल से स्नान कराया गया. महाकाल को गर्म जल से नहलाने का सिलसिला अब पूरी सर्दी के मौसम तक चलेगा. इसके बाद बाबा का विशेष श्रृंगार हुआ और फिर दीये जलाने के साथ ही विशेष आरती की गई. सुरक्षा के चलते सीमित मात्रा में गर्भ गृह में फुझड़ी जलाकर दीपोत्सव की शुरुआत की गई.

UJJAIN MAHAKAL DIWALI
उज्जैन में बाबा महाकाल की दिवाली (ETV Bharat)
महाकाल के दरबार में मनाई गई दिवाली (ETV Bharat)

ये भी पढ़ें:

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क्यों मनाते हैं सबसे पहले दिवाली

महाकाल को देवों का देव कहा जाता है. महाकालेश्वर मंदिर दुनिया के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. ऐसी मान्यता है कि भगवान महाकाल अवंतिका के राजा हैं, इसलिए त्योहार की शुरुआत राजा के आंगन से होती है. इसके बाद प्रजा उत्सव मनाती है. ये परंपरा अनादिकाल से चली आ रही है. यहां देश भर में इसलिए सबसे पहले दिवाली मनाई जाती है.

MAHAKAL TEMPLE DIWALI 31ST OCTOBER
बाबा महाकाल का उबटन लगाकर विशेष स्नान (ETV Bharat)

उज्जैन: सबसे पहले बाबा महाकाल के दरबार में आज विशेष पूजा-अर्चना कर दीपावली का पर्व मनाया गया. देशभर में दीपावली की तैयारियों के बीच उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल के दरबार में सबसे पहले दिवाली मनाई जाती है. फुलझड़ी जलाकर रोशनी की गई. सबसे पहले बाबा महाकाल को गर्म जल से स्नान कराने के बाद अभिषेक, पूजन और भोग लगाया गया. इसके बाद विशेष भस्म आरती की गई.

फुलझड़ी जलाकर दीपोत्सव की शुरुआत

महाकाल मंदिर में हर हिंदू त्योहार सबसे पहले भगवान महाकाल के आंगन में मनाया जाता है उसके बाद फिर पूरे देश में. इस परंपरा के तहत रक्षाबंधन, होली, दीपावली सहित सभी त्यौहार महाकालेश्वर के दरबार में भव्यता से मनाए जाते हैं. बाबा महाकाल को गर्म जल से स्नान कराने के बाद अभिषेक, पूजन और भोग लगाया गया. इसके बाद हजारों श्रद्धालुओं ने भस्म आरती में शामिल होकर बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया. पंडितों ने गर्भ गृह में फुलझड़ी जलाकर दीपावली पर्व की शुरुआत की.

विशेष भोग से पहले लगाया गया उबटन

बाबा महाकाल को अन्नकूट का विशेष भोग लगाया गया. यह अन्नकूट किसानों द्वारा दिए गए अन्न से बनाया जाता है, जिसे विशेष तरीके से कूटकर तैयार किया जाता है. दिवाली पर्व में लक्ष्मी पूजा भी धूमधाम से मनाई गई. सुबह के समय भगवान को उबटन लगाया गया, जिसे पुजारी परिवार की महिलाएं बनाती हैं और उसे वही लगाती हैं. इसके बाद बाबा महाकाल को गर्म जल से स्नान कराया गया. महाकाल को गर्म जल से नहलाने का सिलसिला अब पूरी सर्दी के मौसम तक चलेगा. इसके बाद बाबा का विशेष श्रृंगार हुआ और फिर दीये जलाने के साथ ही विशेष आरती की गई. सुरक्षा के चलते सीमित मात्रा में गर्भ गृह में फुझड़ी जलाकर दीपोत्सव की शुरुआत की गई.

UJJAIN MAHAKAL DIWALI
उज्जैन में बाबा महाकाल की दिवाली (ETV Bharat)
महाकाल के दरबार में मनाई गई दिवाली (ETV Bharat)

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क्यों मनाते हैं सबसे पहले दिवाली

महाकाल को देवों का देव कहा जाता है. महाकालेश्वर मंदिर दुनिया के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. ऐसी मान्यता है कि भगवान महाकाल अवंतिका के राजा हैं, इसलिए त्योहार की शुरुआत राजा के आंगन से होती है. इसके बाद प्रजा उत्सव मनाती है. ये परंपरा अनादिकाल से चली आ रही है. यहां देश भर में इसलिए सबसे पहले दिवाली मनाई जाती है.

MAHAKAL TEMPLE DIWALI 31ST OCTOBER
बाबा महाकाल का उबटन लगाकर विशेष स्नान (ETV Bharat)
Last Updated : Oct 31, 2024, 9:17 AM IST
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