उज्जैन। सावन के तीसरे सोमवार पर विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी में नया रिकार्ड बना है. तीसरे सोमवार के दिन उज्जैन में 1500 डमरू वादकों ने भस्म आरती की धुन पर डमरू वादन कर कीर्तिमान रचा. भोपाल और उज्जैन के वादकों के दल ने महाकाल लोक के शक्तिपथ पर यह प्रस्तुति दी गई. जहां 10 मिनट तक लगातार डमरू वादन किया गया है. यह रिकॉर्ड बनने के बाद गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड का सर्टिफिकेट दिया गया. इस दौरान सांसद अनिल फिरोजिया, महापौर मुकेश टटवाल और राज्यसभा सांसद उमेश नाथ महाराज मौजूद रहे. वहीं सीएम मोहन यादव ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट कर बधाई दी.
महाकाल को अर्पित वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र
दरअसल, डमरू वादकों द्वारा महाकाल लोक के शक्तिपथ पर सुबह 11 बजे विशेष प्रस्तुति दी गई. जिला प्रशासन और महाकाल प्रबंध समिति इस डमरू वादन कार्यक्रम की समुचित तैयारियां दो दिन से कर रहे थे. वहीं डमरू वादकों के दलों को महाकाल प्रबंध समिति की ओर से विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की पहल पर सोमवार को उज्जैन में 1500 डमरू वादन का विश्व कीर्तिमान रचा गया. डमरू वादन में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रमाण पत्र को भगवान महाकाल को अर्पित किया गया.
1500 डमरू वादकों ने दी मनमोहक प्रस्तुति
महाकालेश्वर मंदिर के महाकाल लोक स्थित शक्तिपथ पर 1500 डमरू वादकों ने मनमोहक लयबद्ध प्रस्तुति देकर विश्व रिकॉर्ड तो बनाया ही, साथ ही इन डमरू की इस ध्वनि ने धरती और आसमान को सुंदर ध्वनि से गुंजायमान कर दिया. भगवान भोलेनाथ के प्रिय वाद्य यंत्र डमरू के नाद से पूरी अवंतिका नगरी गूंज उठी. उज्जैन में 1500 वादकों ने डमरू वादन कर फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन न्यूयॉर्क के 488 डमरू वादन का रिकार्ड तोड़ा है. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एडिटर ऋषिनाथ को डमरु वादन के वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट प्रदान किया गया.
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सीएम मोहन यादव ने कीर्तिमान रचने की दी बधाई
वहीं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने डमरू वादन के विश्व रिकॉर्ड के लिए उज्जैन को बधाई और शुभकामनाएं दीं. जिसमें 25 दलों ने भागीदारी दी. सीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'गूंज उठी धरती, गूंज उठा आसमान 1500 डमरूओं के नाद से, अवंतिका नगरी ने रचा विश्व कीर्तिमान. बाबा महाकाल की नगरी को डमरू की नाद से गुंजायमान करने की एक इच्छा आज साकार हो गई. आज पवित्र श्रावण के तीसरे सोमवार को जब भस्म आरती की धुन पर डमरू वादन कर उज्जैन ने "गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड" में अपना नाम दर्ज कराया, तो इस अद्भुत एवं अलौकिक अनुभूति को शब्दों में बांधना बहुत मुश्किल हो गया. बाबा महाकाल हम सभी पर इसी तरह अपनी कृपा बनाए रखें. बाबा महाकाल के समस्त भक्तों को इस उपलब्धि पर हार्दिक बधाई. ॐ नमः पार्वती पतये, हर हर महादेव.'