मुंबई: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार से कृषि ऋणों की पूरी माफी और इस साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों से पहले इसे लागू करने की मांग की. यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने गुरुवार को शुरू हुए राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार का विदाई सत्र करार दिया. ठाकरे ने कहा कि कृषि ऋणों की तत्काल पूरी माफी होनी चाहिए और इसे राज्य चुनावों से पहले लागू किया जाना चाहिए.
बता दें, राज्य सरकार शुक्रवार को अपना बजट पेश करेगी. केंद्र और राज्य सरकार पर कटाक्ष करते हुए ठाकरे ने कहा कि ये दोनों सरकारें 'लीकेज सरकार' हैं. उन्होंने नीट परीक्षा और अयोध्या राम मंदिर में पानी के रिसाव की खबरों का हवाला देते हुए तंज कसा.
वहीं, आज विपक्षी महा विकास अघाड़ी ने विधानसभा के आखिरी सत्र के पहले दिन महाराष्ट्र विधानमंडल परिसर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी वाले एमवीए विधायक पोस्टर और बैनर लेकर सदन के बाहर एकत्र हुए. उन्होंने शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सत्तारूढ़ महायुति सरकार को निशाना बनाते हुए नारेबाजी की.
विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार (विधानसभा) और अंबादास दानवे (परिषद) तथा एमवीए के अधिकांश विधायकों ने किसानों को तत्काल राहत देने के लिए पूर्ण ऋण माफी, किसानों को भोजन, पानी और चारे का प्रावधान के साथ मानसून की कमी के कारण सूखे जैसी स्थिति से निपटने के लिए कदम उठाने की जोरदार मांग की. उन्होंने 'सरकार हाय हाय, मंत्री सुखी, किसान दुखी' आदि नारे लगाए और महायुति की आलोचना करते हुए कहा कि जब तक किसानों का पूरा कर्ज माफ नहीं हो जाता, वे चैन से नहीं बैठेंगे.
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