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रेलवे के तोड़ेंगे नियम तो सजा पक्की, जानें किस कानून के तहत किस अपराध के लिए कितनी है सजा - Railway Acts For Punishment

Fines in Railway Acts : बिना उचित पास या टिकट के यात्रा करना, बिना वजह के अलार्म चेन खींचना, दिव्यांग कोच में सफर करने बेवजह समस्या पैदा होती है. रेलवे की ओर से इन अपराधों से निपटने के लिए नियम तय हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Type of Fines and Amount of Fines
ट्रेन में टिकट जांच करते टीटीई (Getty Images)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 3, 2024, 12:56 PM IST

हैदराबादः अक्सर कई लोग रेलवे नियमों को तोड़कर यात्रा करते हैं. रेलवे की ओर से हर अपराध के लिए अलग-अलग नियमों के तहत सजा या आर्थिक जुर्माने का प्रावधान है. रेलवे अधिनियम की किस धारा के तहत कितनी सजा का प्रावधान है. कुछ प्रमुख अपराध, धारा और सजा इस प्रकार है.

  1. बिना उचित पास/टिकट के यात्रा करना (रेलवे अधिनियम की धारा 138) दण्डनीय है. इस अपराध के लिए यात्रा की गई दूरी या जिस स्टेशन से ट्रेन चली थी, उसके लिए साधारण एकल किराया और अतिरिक्त शुल्क यानी ₹250/- या किराए के बराबर जो भी अधिक हो वसूला जायेगा.
  2. धोखाधड़ी से यात्रा करना (रेलवे अधिनियम की धारा 137) दण्डनीय अपराध है. इसके लिए 6 महीने की जेल, ₹1,000/- जुर्माना या दोनों वसूला जा सकता है.
  3. बिना वैध कारण के अलार्म चेन खींचना (रेलवे अधिनियम की धारा 141) दण्डनीय अपराध है. इस अपराध के लिए संबंधित व्यक्ति को 12 महीने की जेल, ₹1,000/- जुर्माना या दोनों दंड दिया जा सकता है.
  4. ट्रेन में विकलांग यात्रियों के लिए आरक्षित कोच में यात्रा करना (रेलवे अधिनियम की धारा 155 (ए)) दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है. इसके लिए आरोपी को 3 महीने की जेल, ₹500/- जुर्माना या दोनों दंड दिया जा सकता है.
  5. ट्रेन की छत सफर जानलेवा है. खासकर विद्युतीकृत होने के बाद यह न केवल अपनी जान को जोखिम में डालकर छत पर यात्रा करना (धारा 156 रेलवे अधिनियम) दण्डनीय अपराध है. इसके लिए 3 महीने की जेल, जुर्माना 500/- या दोनों सजा का प्रावधान है.
  6. ट्रेन में अतिक्रमण (धारा 147 रेलवे अधिनियम) करना भी दण्डनीय अपराध है. इसके लिए 6 महीने की जेल, जुर्माना 1,000/- या दोनों सजा का प्रावधान है.
  7. ट्रेन में उपद्रव फैलाना और कूड़ा फेंकना (धारा 145 (बी) रेलवे अधिनियम) दण्डनीय अपराध है. इसके लिए पहला अपराध 100/- जुर्माना, दूसरा और उसके बाद 250/-, एक महीने की कैद की सजा का प्रावधान है.
  8. ट्रेन में बिल चिपकाना (धारा 166 (बी) रेलवे अधिनियम) दण्डनीय अपराध है. इसके लिए 6 महीने की जेल, जुर्माना 500/- या दोनों सजा एक साथ देने का प्रावधान है.
  9. रेलवे में दलाली (धारा 143 रेलवे अधिनियम) दण्डनीय अपराध है. इसके लिए 3 साल की जेल, जुर्माना 10,000/- या दोनों एक साथ देने का प्रावधान है.
  10. रेलवे में अनाधिकृत रूप से फेरी लगाना (धारा 144 रेलवे अधिनियम) दण्डनीय अपराध है. इसके लिए एक वर्ष की जेल, न्यूनतम 1,000/- जुर्माना, अधिकतम 2,000/- जुर्माना या दोनों सजा एक साथ देने का प्रावधान है.

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हैदराबादः अक्सर कई लोग रेलवे नियमों को तोड़कर यात्रा करते हैं. रेलवे की ओर से हर अपराध के लिए अलग-अलग नियमों के तहत सजा या आर्थिक जुर्माने का प्रावधान है. रेलवे अधिनियम की किस धारा के तहत कितनी सजा का प्रावधान है. कुछ प्रमुख अपराध, धारा और सजा इस प्रकार है.

  1. बिना उचित पास/टिकट के यात्रा करना (रेलवे अधिनियम की धारा 138) दण्डनीय है. इस अपराध के लिए यात्रा की गई दूरी या जिस स्टेशन से ट्रेन चली थी, उसके लिए साधारण एकल किराया और अतिरिक्त शुल्क यानी ₹250/- या किराए के बराबर जो भी अधिक हो वसूला जायेगा.
  2. धोखाधड़ी से यात्रा करना (रेलवे अधिनियम की धारा 137) दण्डनीय अपराध है. इसके लिए 6 महीने की जेल, ₹1,000/- जुर्माना या दोनों वसूला जा सकता है.
  3. बिना वैध कारण के अलार्म चेन खींचना (रेलवे अधिनियम की धारा 141) दण्डनीय अपराध है. इस अपराध के लिए संबंधित व्यक्ति को 12 महीने की जेल, ₹1,000/- जुर्माना या दोनों दंड दिया जा सकता है.
  4. ट्रेन में विकलांग यात्रियों के लिए आरक्षित कोच में यात्रा करना (रेलवे अधिनियम की धारा 155 (ए)) दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है. इसके लिए आरोपी को 3 महीने की जेल, ₹500/- जुर्माना या दोनों दंड दिया जा सकता है.
  5. ट्रेन की छत सफर जानलेवा है. खासकर विद्युतीकृत होने के बाद यह न केवल अपनी जान को जोखिम में डालकर छत पर यात्रा करना (धारा 156 रेलवे अधिनियम) दण्डनीय अपराध है. इसके लिए 3 महीने की जेल, जुर्माना 500/- या दोनों सजा का प्रावधान है.
  6. ट्रेन में अतिक्रमण (धारा 147 रेलवे अधिनियम) करना भी दण्डनीय अपराध है. इसके लिए 6 महीने की जेल, जुर्माना 1,000/- या दोनों सजा का प्रावधान है.
  7. ट्रेन में उपद्रव फैलाना और कूड़ा फेंकना (धारा 145 (बी) रेलवे अधिनियम) दण्डनीय अपराध है. इसके लिए पहला अपराध 100/- जुर्माना, दूसरा और उसके बाद 250/-, एक महीने की कैद की सजा का प्रावधान है.
  8. ट्रेन में बिल चिपकाना (धारा 166 (बी) रेलवे अधिनियम) दण्डनीय अपराध है. इसके लिए 6 महीने की जेल, जुर्माना 500/- या दोनों सजा एक साथ देने का प्रावधान है.
  9. रेलवे में दलाली (धारा 143 रेलवे अधिनियम) दण्डनीय अपराध है. इसके लिए 3 साल की जेल, जुर्माना 10,000/- या दोनों एक साथ देने का प्रावधान है.
  10. रेलवे में अनाधिकृत रूप से फेरी लगाना (धारा 144 रेलवे अधिनियम) दण्डनीय अपराध है. इसके लिए एक वर्ष की जेल, न्यूनतम 1,000/- जुर्माना, अधिकतम 2,000/- जुर्माना या दोनों सजा एक साथ देने का प्रावधान है.

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