बस्तर: पूरे भारत देश में 26 जनवरी को 75वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया. छत्तीसगढ़ के बस्तर के लिए इस बार का गणतंत्र दिवस काफी खास रहा क्योंकि यहां के कई ऐसे क्षेत्रों के लोग भी गणतंत्र दिवस समारोह के साक्षी बने जिन्होंने अब से पहले कभी भी गणतंत्र दिवस नहीं मनाया था. बीजापुर और सुकमा जिले के 9 धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है जहां आजादी के बाद पहली बार तिरंगा लहराया.
धुर नक्सल क्षेत्रों में पहली बार फहराया तिरंगा: बीजापुर जिले के पालनार, डुमरी पालनार, चिंतावागू, कावड़गांव व सुकमा जिले के मुलेर, परिया, सालातोंग, मुखराजकोंडा और दुलेड शामिल है. इन क्षेत्रों में पिछले साल 15 अगस्त से 26 जनवरी के बीच 9 नए सुरक्षा कैंप खोले गए. इन सभी कैंप के नजदीक गांव में पुलिस के जवानों व ग्रामीणों ने गणतंत्र दिवस मनाया. बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि बस्तर संभाग के अंतर्गत पुलिसबल के द्वारा अंदरूनी क्षेत्र के संवेदनशील व नक्सल प्रभावित इलाकों में अमन, शांति और सुरक्षा को बरकरार रखते हुए नक्सल गतिविधियों पर रोक लगाने कैंप खोले गए हैं. कैंप के पास स्थित सभी गांवों में गणतंत्र दिवस का त्योहार मनाया गया.
स्थानीय ग्रामीणों को पुलिस के अधिकारियों व जवानों के द्वारा गणतंत्र दिवस का महत्व और गौरव गाथा बताया है. ध्वजारोहण के बाद बच्चों और ग्रामीणों के लिए मिठाई, चॉकलेट और खाने की भी व्यवस्था की गई. बता दें बस्तर में सुरक्षा और शांति की व्यवस्था के लिए DRG, Bastar Fighters, STF, CAF, CRPF, कोबरा, SSB, ITBP, BSF और स्थानीय पुलिस बल की तैनाती की गई है जो ना सिर्फ नक्सलियों से युद्ध कर रहे हैं बल्कि ग्रामीणों में भी सुरक्षा बलों का विश्वास कायम करने सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत कई कार्यक्रम भी कर रहे हैं.