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अयोध्या में रामलला की मूर्तियों का बढ़ा व्यापार, 100 से लेकर 1000 रुपये तक मूर्तियों के दाम, चाइना भी कर रहा निर्यात - Ayodhya News

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 22, 2024, 8:25 PM IST

अयोध्या में इन दिनों श्रद्धालु व पर्यटकों को रामलला की मूर्तियां (Ramlala statue in Ayodhya) खूब भा रही हैं. मूर्तियों को मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, दिल्ली सहित अन्य स्थानों पर तैयार किया जा रहा है.

अयोध्या में रामलला की हूबहू मूर्तियों का बढ़ा व्यापार
अयोध्या में रामलला की हूबहू मूर्तियों का बढ़ा व्यापार (Photo credit: ETV Bharat)
अयोध्या में रामलला की हूबहू मूर्तियों का बढ़ा व्यापार (Video credit: ETV Bharat)

अयोध्या : रामनगरी अयोध्या में इन दिनों रामलला की मूर्ति का कारोबार बढ़ गया है. दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु व पर्यटक राम मंदिर में दर्शन करने के बाद रामलला की मूर्ति को खरीद रहे हैं. छोटी हो या बड़ी साइज की मूर्ति लोगों को खूब भा रही है. राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब भक्त अपने आराध्य को घर के आंगन में भी विराजमान करने के लिए ले जा रहे हैं.

रामलला की मूर्ति और उनकी तस्वीर वालीं वस्तुओं का कारोबार अयोध्या का मुख्य व्यवसाय बन गया है. सरयू घाट से लेकर राम मंदिर तक हजारों दुकानें लगी हुईं हैं और प्रतिदिन हजारों की संख्या में मंदिर में विराजमान रामलला की जैसी मूर्तियों की मांग हो रही है. इसकी आपूर्ति के लिए मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, दिल्ली सहित अन्य स्थानों पर इन मूर्तियों को तैयार कर अयोध्या लाया जा रहा है तो वहीं रामलला से संबंध सामानों के लिए चाइना से भी मार्केटिंग की जा रही है, जिसमें पेन, बिल्ला, रबड़ से बनी मूर्ति, सहित अन्य प्रकार की वस्तुएं शामिल हैं.

थोक व्यापारी उमाशंकर गुप्ता का कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद लोग रामलला की हूबहू मूर्तियों को खरीद रहे हैं. उन्होंने कहा कि अयोध्या में बहुत से उत्सव आ रहे हैं, अभी सावन मेला चल रहा है, इसको लेकर भगवान के काले रंग की मूर्ति की मांग बहुत है. उन्होंने कहा कि दुकान से 4 इंच की मूर्ति से लेकर 12 इंच तक की मूर्ति की मांग है. उन्होंने बताया कि वैसे तो मार्केट वैल्यू 100 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक की है, लेकिन कई कंपनियों के आने के बाद मार्केटिंग में काफी मंदी आई है. 100 रुपये में बिकने वाली मूर्ति अब 70 और 80 रुपए में बिक रही है, वहीं 200 से लेकर 400 रुपये तक की मूर्तियां अधिकतर लोग खरीद रहे हैं.

व्यापारी ध्रुव गुप्ता ने बताया कि रामलला की अधिकतर मूर्तियां फाइबर और रबड़ की बिक रही हैं, क्योंकि यह मूर्ति लोगों के लिए सस्ती पड़ती है और कहीं ले जाने में भी आसानी होती है. उन्होंने बताया कि मूर्ति कंपनियों में डाई तैयार कर मशीनों से तैयार की जाती है. एक मशीन प्रतिदिन सैकड़ों मूर्तियां तैयार करती है, उसके बाद मूर्तियों में कारीगरों के द्वारा मुकुट, धनुष, वस्त्र को रंगों से सजाया जाता है.

यह भी पढ़ें : प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रद्धालुओं के लिए खुला मंदिर, रामलला के दर्शन को उमड़ी भीड़, दोपहर में कपाट बंद

यह भी पढ़ें : रामलला की मूर्ति की तस्वीर लीक होने से मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास नाराज, बोले- जांच की जाए

अयोध्या में रामलला की हूबहू मूर्तियों का बढ़ा व्यापार (Video credit: ETV Bharat)

अयोध्या : रामनगरी अयोध्या में इन दिनों रामलला की मूर्ति का कारोबार बढ़ गया है. दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु व पर्यटक राम मंदिर में दर्शन करने के बाद रामलला की मूर्ति को खरीद रहे हैं. छोटी हो या बड़ी साइज की मूर्ति लोगों को खूब भा रही है. राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब भक्त अपने आराध्य को घर के आंगन में भी विराजमान करने के लिए ले जा रहे हैं.

रामलला की मूर्ति और उनकी तस्वीर वालीं वस्तुओं का कारोबार अयोध्या का मुख्य व्यवसाय बन गया है. सरयू घाट से लेकर राम मंदिर तक हजारों दुकानें लगी हुईं हैं और प्रतिदिन हजारों की संख्या में मंदिर में विराजमान रामलला की जैसी मूर्तियों की मांग हो रही है. इसकी आपूर्ति के लिए मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, दिल्ली सहित अन्य स्थानों पर इन मूर्तियों को तैयार कर अयोध्या लाया जा रहा है तो वहीं रामलला से संबंध सामानों के लिए चाइना से भी मार्केटिंग की जा रही है, जिसमें पेन, बिल्ला, रबड़ से बनी मूर्ति, सहित अन्य प्रकार की वस्तुएं शामिल हैं.

थोक व्यापारी उमाशंकर गुप्ता का कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद लोग रामलला की हूबहू मूर्तियों को खरीद रहे हैं. उन्होंने कहा कि अयोध्या में बहुत से उत्सव आ रहे हैं, अभी सावन मेला चल रहा है, इसको लेकर भगवान के काले रंग की मूर्ति की मांग बहुत है. उन्होंने कहा कि दुकान से 4 इंच की मूर्ति से लेकर 12 इंच तक की मूर्ति की मांग है. उन्होंने बताया कि वैसे तो मार्केट वैल्यू 100 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक की है, लेकिन कई कंपनियों के आने के बाद मार्केटिंग में काफी मंदी आई है. 100 रुपये में बिकने वाली मूर्ति अब 70 और 80 रुपए में बिक रही है, वहीं 200 से लेकर 400 रुपये तक की मूर्तियां अधिकतर लोग खरीद रहे हैं.

व्यापारी ध्रुव गुप्ता ने बताया कि रामलला की अधिकतर मूर्तियां फाइबर और रबड़ की बिक रही हैं, क्योंकि यह मूर्ति लोगों के लिए सस्ती पड़ती है और कहीं ले जाने में भी आसानी होती है. उन्होंने बताया कि मूर्ति कंपनियों में डाई तैयार कर मशीनों से तैयार की जाती है. एक मशीन प्रतिदिन सैकड़ों मूर्तियां तैयार करती है, उसके बाद मूर्तियों में कारीगरों के द्वारा मुकुट, धनुष, वस्त्र को रंगों से सजाया जाता है.

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