लखनऊः प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से विभाग की तरफ से कई परियोजनाओं का संचालन किया जा रहा है. मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन सबसे अधिक उभर कर सामने आया है. धार्मिक पर्यटन को तेजी से उत्तर प्रदेश में बढ़ाने के लिए इससे जुड़े हर तबके के लोगों को विभाग प्रशिक्षण देकर या किसी दूसरे माध्यम से उन्हें पर्यटन से जोड़ने की कोशिश कर रहा है.
यूपी टूरिस्ट डिपार्टमेंट ने शुरू की नयी योजना: पर्यटन विभाग प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर नदी पार करने या जल भ्रमण करने वाले नाविकों कि आय को बढ़ाने के लिए एक नई योजना शुरू की है. इसके तहत नाव से भ्रमण के साथ लोक कथाओं का आनंद दिलाने का प्रबंध पर्यटन विभाग करने जा रहा है. पहले चरण में 6 तीर्थ स्थलों को इसके लिए चुना गया है.
नाविक रोचक और पौराणिक इतिहास से जुड़ी जानकारी देंगे: प्रदेश में भगवान श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या, भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा, भगवान शिव की नगरी काशी में सबसे अधिक पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं. इन तीनों तीर्थ स्थलों का विशेष धार्मिक महत्व होने के साथ ही यहां के अधिक तक पर्यटन स्थल नदियों के किनारे हैं. यहां पर नौकायन करने वाले पर्यटकों की संख्या अधिक होती है.
पर्यटन विभाग का प्रयास है कि पर्यटकों को नदी भ्रमण करने के साथ-साथ कहानी किस्सों के जरिए जगह के महत्व के बारे में बताया जाए. अयोध्या, मथुरा, चित्रकूट, कानपुर का बिठूर, प्रयागराज और बटेश्वर जैसे अन्य धार्मिक स्थलों पर नाविक वहां से जुड़ी कहानियां रोचक अंदाज में सुनाएंगे.
एमकेआईटीएम देगा नाविकों को ट्रेनिंग: प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश घरेलू पर्यटन के मामले में पहले स्थान पर है. प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद हमारे धार्मिक स्थल होते हैं. पर्यटक उन धार्मिक स्थलों के बारे में जानते हैं, पर इनसे जुड़ी कई ऐसी रोचक और पौराणिक कथाएं हैं, जिनके बारे में उनको जानकारी नहीं होती है. ऐसी चीजों से टूरिस्ट परिचित हों, इसके लिए पर्यटन विभाग ने यह पहल की है.
पहले चरण में छह तीर्थ स्थल चुने गये: पर्यटन मंत्री ने बताया कि इन 6 तीर्थ स्थलों को पहले चरण में चिन्हित किया गया है. यहां पर करीब 50 नाविकों को पहले चरण में ट्रेनिंग दी जाएगी. उन्होंने बताया की कहानी सुनाने का प्रशिक्षण देने के लिए पर्यटन विभाग ने मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान (एमकेआईटीएम) और एक अन्य संस्था के साथ एक एमओयू साइन किया है. इससे पर्यटकों का ज्ञानवर्धन होगा, साथ ही कहानी सुनाने वाले नाविकों की आय भी बढ़ेगी.
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