पिथौरागढ़: भारत चीन सीमा को जोड़ने वाला तवाघाट, लिपुलेख सड़क मार्ग तपोवन, दोबाट और कूलागाड़ सहित अन्य स्थानों पर पहाड़ियां दरकने से गिरे मलबे और बोल्डरों के कारण मार्ग बंद है, जिससे आदि कैलाश यात्रा से वापस आ रहे लगभग 23 यात्री बीते तीन-चार दिनों से तवाघाट में फंसे हुए थे, जिनका अब एसएसबी और एनडीआरएफ टीम ने संयुक्त रेस्क्यू किया है.
तवाघाट में फंसे यात्रियों का हुआ रेस्क्यू: बता दें कि मार्ग में फंसे यात्रियों के लिए उप जिलाधिकारी धारूचला मंजीत सिंह की उपस्थिति में पुलिस , एसएसबी और एनडीआरएफ टीम ने संयुक्त रेस्क्यू अभियान चलाया था. सभी यात्रियों को सकुशल सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है. वहीं, यात्रियों द्वारा पुलिस , एसएसबी और एनडीआरएफ टीम का आभार जताया गया है. वहीं, पिथौरागढ़ जिलाधिकारी रीना जोशी ने पिथौरागढ़ घाट राष्ट्रीय राजमार्ग में 6 जुलाई से 13 जुलाई तक रात्रि तक 7:30 बजे से सुबह 5 बजे तक सभी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है. साथ ही उन्होंने लोगों से बारिश के मौसम में बेवजह यात्रा नहीं करने की अपील की है.
उत्तराखंड में मौसम का कहर: बता दें कि उत्तराखंड में मौसम ने दस्तक देते ही कहर बरपाना शुरू कर दिया है. तमाम जिलों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे मार्ग आवाजाही के लिए बंद हो गए हैं. हाल ही में हरिद्वार में सूखी नदी में खड़े वाहन भारी बारिश के कारण गंगा नदी में बह गए थे.
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