शिमला: तारादेवी-शिमला रोपवे के तौर पर देश के पहले और विश्व के दूसरे नंबर के सबसे लंबे रोपवे के लिए एनडीबी यानी न्यू डवलपमेंट बैंक ने अग्रिम टेंडर लगाने की मंजूरी दे दी है. शिमला रोपवे 13.79 किलोमीटर लंबा होगा. शिमला रोपवे मार्ग का कार्य वर्ष 2025 में पहली मार्च से शुरू करने का लक्ष्य है. ये रोपवे मां तारा देवी से शिमला तक बनेगा. इसके बीच के स्टेशन में शुरुआत में 220 ट्रॉली लगाई जाएंगी. जब पूरा रोपवे बन जाएगा तो इनकी संख्या 660 हो जाएगी. हालांकि तारा देवी-शिमला रोपवे का निर्माण अभी शुरू होगा, लेकिन इस खबर में हम बनकर तैयार हो चुके भारत के 10 सबसे लंबे रोपवे के बारे में जानेंगे.
गुलमर्ग गंडोला
ये रोपवे एक घंटे में 600 के करीब लोगों को गुलमर्ग में अपने बेस से कांगडोरी पहाड़ी और कांगडोरी से गुलमर्ग तक पहुंचाता है. कांगडोरी तक इसका पहला चरण है और दूसरा चरण कांगडोरी से अपरवट पहाड़ी तक है. इसकी लंबाई 4200 मीटर है. इसमें 108 कैबिन और 18 टावर हैं. इस रोपवे पर 600 यात्री हर घंटे सफर कर सकते हैं.
औली रोपवे
उत्तराखंड में स्थित इस रोपवे की जोशीमठ से औली तक की दूरी करीब साढ़े चार किमी है. जोशीमठ-औली रोपवे में 10 टावर हैं. टावर से औली का नजारा 360 डिग्री में दिखता है. रोपवे से जोशीमठ से औली पहुंचने में 15 मिनट का समय लगता है. औली जाने के लिए पर्यटकों की पहली पसंद रोपवे ही रहता है.
नैना देवी रोपवे
नैना देवी रोपवे हिमाचल के बिलासपुर जिले में है. ये रोपवे 52 शक्तिपीठों में से एक नैना देवी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए शुरू किया गया था. इसे बने हुए 25 साल से अधिक हो चुके हैं. इस रोपवे की लंबाई 3,751 मीटर है. इसमें 21 केबल कार लगी हैं. इसकी क्षमता एक घंटे में 800 यात्रियों की है.
नामची रोपवे
ये सिक्किम में स्थित है. इसकी लंबाई 3500 मीटर है. इसमें 18 कैबिन लगे हैं. एक बार एक कैबिन में लगभग छह लोग सफर कर सकते हैं. ये रोपवे समुद्र तल से 1,800 मीटर की ऊंचाई से शुरू होकर 3,500 मीटर तक चढ़ता है, इससे कंचनजंगा पर्वत का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है.
गंगटोक रोपवे
ये रोपवे सिक्किम में स्थित है. ये रोपवे समुद्रतल से 3500 मीटर से ऊंचा है. इस रोपवे के जरिए एक घंटे में 720 लोग सफर कर सकते हैं. एक कैबिन में 24 यात्रियों के बैठने की क्षमता होती है. इसमें 30 कैबिन लगाए गए हैं.
मनाली रोपवे
ये हिमाचल प्रदेश के कुल्लू मनाली जिले में स्थित हैं. ये सोलंगनाला से फातरू तक जाता है. इससे सोलंगनाला की विहंगम घाटियां नजर आती हैं. इसकी लंबाई 3200 मीटर है. इसमें 19 कैबिन लगे हैं. हर कैबिन में 8 यात्री एक बार में सफर कर सकते हैं.
गलेनमोर्गन रोपवे
ये तमिलनाडु में स्थित है. इसकी लंबाई 3 हजार मीटर है. ग्लेनमोर्गन प्रसिद्ध पिकनिक स्थलों में से एक है. यहां का मुख्य आकर्षण सिंगारा में एक पावर हाउस से ग्लेनमोर्गन तक 3 किलोमीटर का रोप वे है. यहा से मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान, मैसूर, मोयार घाटी और सिंगारा में पावर हाउस का सुंदर दृश्य नजर आता है.
वैष्णो देवी रोपवे
यह जम्मू कश्मीर में स्थित है. इसकी लंबाई 24 सौ मीटर है. इसमें 24 केबल कार है. इसकी क्षमता एक घंटे में 800 यात्रियों को ले जाने की है. ये रोपवे वैष्णो देवी मंदिर को भैरों नाथ मंदिर से जोड़ता है. रोपवे के जरिए यात्री खूबसूरत वादियों का दीदार कर पाएंगे. इसके लिए आप ऑनलाइन टिकट बुक करवा सकते हैं.
दार्जिलिंग रोपेवे
पश्चिम बंगाल में स्थित इस रोपवे की लंबाई 2300 मीटर है. इसमें 16 केबल कार हैं. इसमें एक समय में छह यात्रियों को ले जाने की क्षमता है.
गिरनार रोपवे
गुजरात के जूनागढ़ में स्थित है. पहले गिरनार पर्वत पर पहुंचने के लिए लोगों को 10,000 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती थीं, लेकिन रोप वे के बाद से अब लोग आसानी से इस पर्वत तक पहुंच सकते हैं. अब ये चढ़ाई सिर्फ 7 मिनट में ही पूरी हो जाएगी. गिरनार रोपवे प्रोजेक्ट भवनाथ तलहटी से पर्वत पर स्थित अंबाजी मंदिर तक है. इसमें नौ टावर लगाए गए हैं. इसमें 25 से 30 केबल कार लगी हैं. इसकी लंबाई 2126.4 किलोमीटर है.
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