थूथुकुडी/चेन्नई (तमिलनाडु): थूथुकुडी जिले के तिरुचेंदूर के पास थंडुपाथु गांव में 22 मार्च की शाम को डीएमके उम्मीदवार कनिमोझी के समर्थन में I.N,D,I.A एलायंस की ओर से कार्यकर्ताओं की एक बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में सांसद कनिमोझी भी शामिल हुईं.
बैठक में तमिलनाडु सरकार के मत्स्य-मछुआरे कल्याण और पशुपालन मंत्री, अनिता आर राधाकृष्णन ने कहा, 'जब मैंने अखबार में विज्ञापन दिया तो उसमें गलती से चीन के रॉकेट की तस्वीर शामिल हो गई. हालांकि, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के प्रधानमंत्री के साथ बनियान शर्ट में महापालिपुरम सहित विभिन्न स्थानों की यात्रा की. साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी ने कामराज (तमिलनाडु के पूर्व सीएम और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष) की भी प्रशंसा की. लेकिन जब कामराज दिल्ली में थे तो उन्होंने कामराज को मारने की कोशिश की. कामराज के बारे में बात करने के लिए उनके (भाजपा) पास क्या योग्यता है?.'
उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों को तीखे संबोधन में कहा, 'आगामी थूथुकुडी संसदीय चुनावों में कनिमोझी का विरोध करने वाले सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जानी चाहिए.'
इस प्रकरण के बाद थूथुकुडी दक्षिण जिले के भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष चित्रांगथन की ओर से तमिलनाडु के निर्वाचन अधिकारी और भारत निर्वाचन आयोग से आग्रह किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में अशोभनीय बात करने वाले मंत्री अनिता राधाकृष्णन के खिलाफ कार्रवाई की जाए. इस संबंध में कमिश्नर को याचिका सौंपी गई है.
बीजेपी की ओर से दायर याचिका में कहा गया, 'तमिलनाडु के मत्स्य पालन मंत्री अनिता राधाकृष्णन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेहद घृणित और भद्दे शब्दों में आलोचना की है, जिससे वे बेहद सदमे में हैं.
साथ ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सलेम में आयोजित एक सार्वजनिक सभा में लोगों की प्रशंसा करते हुए उन्हें कर्मवीर कामराज बताया. हालांकि, जिस मंत्री ने इसकी आलोचना की और थंडुपाथु में बैठक को संबोधित किया, उन्होंने कामराज के बारे में इस तरह बात करने का साहस न करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की.
चित्रांगथन ने कहा कि 'एक मंत्री के रूप में, इस तरह के चौथे दर्जे के शब्दों का उपयोग करने से डीएमके को कभी प्रसिद्धि नहीं मिलेगी. इसलिए ऐसे शब्दों से विपक्ष की आलोचना करना भी चुनाव नियमों के तहत अपराध है.' उन्होंने कहा, 'इस तरह की गतिविधियों में शामिल मंत्री और प्रभारी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.'