रांची: चिलचिलाती धूप और गर्मी लोगों को बीमार कर रही है. निजी के साथ-साथ सरकारी अस्पतालों में भी मरीजों की भीड़ देखी जा रही है. झारखंड की राजधानी रांची की बात करें तो कई तरह के मरीज अस्पताल में पहुंच रहे हैं. लेकिन इनमें भी मानसिक रोगियों और दिल के मरीज की संख्या ज्यादा हैं. चिकित्सकों का मानना है कि अत्यधिक गर्मी का प्रभाव इन दो तरह के मरीजों पर ज्यादा होता है. इसलिए लोगों को अपने दिल और दिमाग का खास ख्याल रखना चाहिए.
मानसिक रोगियों की बढ़ रही संख्या
रांची में मानसिक रोगियों के लिए सीआईपी और रिनपास जैसे राष्ट्रीय स्तर के अस्पताल हैं. रिनपास अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अमूल रंजन सिंह का कहना है कि लगातार बढ़ती गर्मी के कारण राज्य के मानसिक अस्पतालों में रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है. बढ़ती गर्मी के कारण झारखंड के विभिन्न जिलों से पुराने रोगियों के साथ-साथ हर दिन 15 से 20 नए रोगी पहुंच रहे हैं.
वहीं, प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉ. अशोक प्रसाद ने बताया कि सरकारी अस्पताल ही नहीं, निजी क्लीनिकों में भी मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ी है. बढ़ते तापमान के कारण शरीर का सारा पानी पसीने के जरिए बाहर निकल जाता है. जिसके कारण कई बार दिमाग में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. इससे लोगों की सोचने की क्षमता कम हो जाती है. जिसके कारण लोग अपनों को भी भूल जाते हैं.
उन्होंने बताया कि गर्मी में नींद और भूख की कमी के कारण चिड़चिड़ापन और गुस्सा भी देखने को मिलता है. इसके कारण लोग मानसिक बीमारी के शिकार हो रहे हैं. गर्मी के कारण लकवा की शिकायत भी देखी जा रही है. मानसिक बीमारी से बचने के लिए डॉक्टर गर्मी में खूब पानी पीने की सलाह दे रहे हैं ताकि डिहाइड्रेशन की वजह से शरीर और दिमाग में ऑक्सीजन की कमी न हो.
बढ़ते तापमान ने बढ़ाई हृदय रोगियों की मुसीबत
गर्मी के कारण सिर्फ मानसिक बीमारियां ही नहीं बल्कि दिल की बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. रांची के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश चौधरी का कहना है कि पिछले एक दशक में रांची के मौसम में काफी बदलाव आया है. जिसके कारण दिल की बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. हाल के दिनों में बढ़ता तापमान दिल के मरीजों की जटिलताओं को बढ़ा रहा है.
उन्होंने बताया कि दिल के मरीजों को गर्मी के मौसम में कम पानी पीने की सलाह दी जाती है. लेकिन उन्हें नियमित मात्रा में पानी लेने की जरूरत है. हृदय रोगियों को डॉक्टरों की सलाह का पालन करना चाहिए और उनके द्वारा दी गई दवाओं का समय-समय पर सेवन करते रहना चाहिए, तभी बढ़ती गर्मी में हृदय संबंधी बीमारियों से राहत मिल सकती है.
बच्चे हो रहे डिहाइड्रेशन और डायरिया का शिकार
बढ़ती गर्मी में वयस्क ही नहीं बल्कि बच्चे भी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. रांची के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ अभिषेक कुमार का कहना है कि बढ़ती गर्मी के कारण बच्चे डिहाइड्रेशन और डायरिया का शिकार हो रहे हैं. उन्होंने बच्चों के लिए अभिभावकों को सुझाव देते हुए कहा कि बच्चों को कड़ी धूप में न खेलने दें. बच्चों के शरीर में पानी की मात्रा बरकरार रहे इसके लिए समय-समय पर इलेक्ट्रॉल पाउडर और ठंडा पानी देते रहें. इसी तरह एक माह से दो साल तक के बच्चों को डॉक्टरों की सलाह पर इलेक्ट्रॉल पाउडर और पानी दें ताकि बच्चों के शरीर का पूर्ण विकास हो सके.
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