संगरूर: एक तरफ पंजाब सरकार नशाखोरी खत्म करने का दावा कर रही है तो दूसरी तरफ प्रदेश में जहरीली शराब का कहर जारी है. दिड़बा के गांव गुजरान में जहरीली शराब से मरने वालों का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि संगरूर जिले से एक और खबर सामने आई है. सुनाम से सटे गांव रविदासपुरा टिब्बी और जखेपल में जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई और कुछ की आंखें चली गईं. आंखों की रोशनी कम होने की खबर का पता चला है.
सुनाम में जहरीली शराब से तीन मौतें
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार लच्छा सिंह (40) पुत्र लीला सिंह लेहल खुर्द, यहां गांव रविदासपुरा टिब्बी में अपनी बहन के पास रहता था. इनकी कल रात मौत हो गई. इसी गांव के देस राज के बेटे गुरमीत सिंह (45) की भी कल मौत हो गई. बताया जा रहा है कि उन्होंने गांव के एक विक्रेता से शराब ली और पी. ऐसी शराब पीने वाले करीब चार लोगों का अभी भी सिविल अस्पताल सुनाम में इलाज चल रहा है, जिनमें सुखदेव सिंह, भोला सिंह, बूटा सिंह और बाधू सिंह शामिल हैं. इसके साथ ही जानकारी है कि ऐसे ही एक मामले में गांव जखेपालवास के ज्ञान सिंह (32) पुत्र गुरुमीत सिंह की मौत हो गई.
पुलिस कर रही कार्रवाई
जब इसकी खबर पुलिस को मिली तो उन्होंने कार्रवाई शुरू कर दी. इसके चलते सुनाम पुलिस डीएसपी मनदीप सिंह संधू के नेतृत्व में गांव रविदासपुरा टिब्बी पहुंची और इलाके का निरीक्षण किया. इसके साथ ही डीएसपी का कहना है कि उन्हें जहरीली शराब मामले की सूचना मिली थी, जिसके चलते वे एक्शन में आ गए हैं. जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. उधर, सत्ता पक्ष का कोई प्रतिनिधि व प्रशासनिक पदाधिकारी के मौके पर नहीं पहुंचने से ग्रामीणों में काफी आक्रोश है.
चार बहनों के इकलौते भाई की मौत
जहरीली शराब पीने से मरे युवक गुरसेवक सिंह के परिजन मृतक का शव लेने के लिए पटियाला स्थित मोर्चरी हाउस पहुंचे. जानकारी के मुताबिक, मृतक गुरसेवक सिंह की उम्र करीब 35 साल थी और उसके दो बेटे और एक बेटी है. इसके साथ ही मृतक चार भाइयों का इकलौता भाई था. मृतक की पत्नी ने बताया कि गुरसेवक सिंह की तबीयत खराब हो गई थी, जिसके चलते उन्हें अस्पताल लाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. पत्नी का कहना है कि डॉक्टरों ने बताया कि गुरसेवक की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है.
जहरीली शराब से आठ 8 मौतें
गौरतलब है, संगरूर में ही बीते दिनों जहरीली शराब से आठ मौतें हुई थीं, जिनमें कुछ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं, विपक्षी दल इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है और आबकारी मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी कर रही है.