ETV Bharat / bharat

संथाल में नहीं हुआ है बांग्लादेशी घुसपैठ, छह जिलों के उपायुक्तों के शपथ पत्र में जिक्र, हाईकोर्ट ने पूछे कई सवाल - Bangladeshi infiltration

author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 5, 2024, 5:35 PM IST

Jharkhand High Court. झारखंड के संथाल में एक भी बांग्लादेशी घुसपैठ नहीं हुआ है. हाईकोर्ट में दाखिल छह जिलों के डीसी के शपथ पत्र में इसका जिक्र है. अदालत ने शपथ में दी गई जानकारी को लेकर कई सवाल किए हैं.

No Bangladeshi infiltration in Santhal
झारखंड हाईकोर्ट (ईटीवी भारत)

रांची: झारखंड के संथाल परगना के छह जिलों (दुमका, साहिबगंज, जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा और देवघर) में बांग्लादेशी घुसपैठ की वजह से बदल रही डेमोग्राफी मामले में दानियल दानिश की जनहित याचिका पर अब 12 सितंबर को सुनवाई होनी है. क्योंकि 5 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों को एक साथ बैठक करना होगा. सभी के साथ विचार विमर्श के बाद ही शपथ पत्र दायर किया जाएगा. इसलिए समय एक सप्ताह का समय दिया जाए.

छह जिलों के उपायुक्त स्तर के हलफनामे पर सवाल

इससे पहले इस मामले में 22 अगस्त को अपने आदेश में एक्टिंग चीफ जस्टिस एसएन प्रसाद और जस्टिस एके राय की खंडपीठ ने कई सवाल खड़े किए थे. कोर्ट ने कहा कि संबंधित जिलों के उपायुक्तों के शपथ पत्र के मुताबिक बांग्लादेशी घुसपैठ नहीं हुआ है. लेकिन शपथ पत्र में यह नहीं बताया गया है कि वहां आदिवासियों की संख्या में कमी क्यों हो रही है.

यह भी नहीं बताया गया है कि किस आधार पर Aadhaar Card जारी किए गये हैं. क्या इसे जमीन के कागजात के आधार पर जारी किया गया है. कोर्ट ने यह भी पूछा है कि किस आधार पर मतदाता सूची बनाई गयी है.

खंडपीठ ने 8 अगस्त 2024 के आदेश का हवाला देते हुए इस बात पर आश्चर्य जताया कि उपायुक्तों की ओर से पेश शपथ पत्र में इस बात का जवाब नहीं है कि 1951 में आदिवासियों की 44.67 प्रतिशत आबादी घटकर 2011 में 28.11 प्रतिशत कैसे हो गई. कोर्ट ने कहा कि इस बाबत कोई वैध डाटा भी पेश नहीं किया गया. इसलिए कोर्ट ने डाटा पेश करने का आदेश दिया .

खंडपीठ ने यह भी कहा था कि उपायुक्त स्तर के शपथ पत्र में इस बात का जिक्र नहीं है कि जब संथाल में आदिवासियों के अधिकार की रक्षा के लिए सीएनटी एक्ट के तहत भूमि का हस्तांतरण हो ही नहीं सकता तो फिर ये सब कैसे हो रहा है. इसको क्लियर करने के लिए कोर्ट ने संबंधित विभाग को अलग से शपथ पत्र दायर करने को कहा था.

ये भी पढ़ें- झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ पर केंद्रीय एजेंसियां करना चाहती हैं विचार विमर्श, शपथ पत्र के लिए हाईकोर्ट से मांगा समय - Bangladeshi infiltration

रांची: झारखंड के संथाल परगना के छह जिलों (दुमका, साहिबगंज, जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा और देवघर) में बांग्लादेशी घुसपैठ की वजह से बदल रही डेमोग्राफी मामले में दानियल दानिश की जनहित याचिका पर अब 12 सितंबर को सुनवाई होनी है. क्योंकि 5 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों को एक साथ बैठक करना होगा. सभी के साथ विचार विमर्श के बाद ही शपथ पत्र दायर किया जाएगा. इसलिए समय एक सप्ताह का समय दिया जाए.

छह जिलों के उपायुक्त स्तर के हलफनामे पर सवाल

इससे पहले इस मामले में 22 अगस्त को अपने आदेश में एक्टिंग चीफ जस्टिस एसएन प्रसाद और जस्टिस एके राय की खंडपीठ ने कई सवाल खड़े किए थे. कोर्ट ने कहा कि संबंधित जिलों के उपायुक्तों के शपथ पत्र के मुताबिक बांग्लादेशी घुसपैठ नहीं हुआ है. लेकिन शपथ पत्र में यह नहीं बताया गया है कि वहां आदिवासियों की संख्या में कमी क्यों हो रही है.

यह भी नहीं बताया गया है कि किस आधार पर Aadhaar Card जारी किए गये हैं. क्या इसे जमीन के कागजात के आधार पर जारी किया गया है. कोर्ट ने यह भी पूछा है कि किस आधार पर मतदाता सूची बनाई गयी है.

खंडपीठ ने 8 अगस्त 2024 के आदेश का हवाला देते हुए इस बात पर आश्चर्य जताया कि उपायुक्तों की ओर से पेश शपथ पत्र में इस बात का जवाब नहीं है कि 1951 में आदिवासियों की 44.67 प्रतिशत आबादी घटकर 2011 में 28.11 प्रतिशत कैसे हो गई. कोर्ट ने कहा कि इस बाबत कोई वैध डाटा भी पेश नहीं किया गया. इसलिए कोर्ट ने डाटा पेश करने का आदेश दिया .

खंडपीठ ने यह भी कहा था कि उपायुक्त स्तर के शपथ पत्र में इस बात का जिक्र नहीं है कि जब संथाल में आदिवासियों के अधिकार की रक्षा के लिए सीएनटी एक्ट के तहत भूमि का हस्तांतरण हो ही नहीं सकता तो फिर ये सब कैसे हो रहा है. इसको क्लियर करने के लिए कोर्ट ने संबंधित विभाग को अलग से शपथ पत्र दायर करने को कहा था.

ये भी पढ़ें- झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ पर केंद्रीय एजेंसियां करना चाहती हैं विचार विमर्श, शपथ पत्र के लिए हाईकोर्ट से मांगा समय - Bangladeshi infiltration

ये भी पढ़ें: रांची के खलारी से बांग्लादेशी घुसपैठिया गिरफ्तार, बिना वैध कागजात के ट्रेन से भारत में कर गया था प्रवेश, सुरक्षा पर गंभीर सवाल

ये भी पढ़ें: संथाल में बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान के लिए चलाएं अभियान, हाईकोर्ट का आदेश, स्पेशल ब्रांच की लें मदद, लैंड रिकॉर्ड को बनाएं आधार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.