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झारखंड INDIA ब्लॉक के दलों में घमासान के मिलने लगे संकेत! चुनावी हार का ठीकरा सहयोगियों के सिर फोड़ने के आने लगे बयान - Conflict in Jharkhand India Bloc

लोकसभा चुनाव 2024 के रिजल्ट आने के बाद सभी दल परिणामों पर चर्चा कर रहे हैं कि कहां उन्होंने अच्छा किया और किस वजह से उन्हें नुकसान उठाना पड़ा. रिजल्ट के मंथन के बीच नेता अपनी हार का ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ रहे हैं. इंडिया ब्लॉक के नेताओं के भी कई ऐसे बयान आए हैं, जिससे उन्होंने अपनी हार का ठीकरा दूसरे दलों पर फोड़ा है.

CONFLICT IN JHARKHAND INDIA BLOC
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 13, 2024, 6:41 PM IST

रांची: लोकसभा चुनाव 2024 में INDIA ब्लॉक ने झारखंड में 2019 की महागठबंधन से बेहतर प्रदर्शन भले ही किया हो. लेकिन चुनावी नतीजे INDIA ब्लॉक के उम्मीदों के अनुकूल नहीं रहे. राज्य में अनुसूचित जाति रिजर्व पलामू के साथ साथ INDIA ब्लॉक के उम्मीदवार सभी सामान्य सीटें हार गए.

झामुमो, कांग्रेस और बीजेपी नेता के बयान (ईटीवी भारत)

भाजपा विरोधी वोटों के बिखराव को रोक कर राज्य में अधिक से अधिक सीटें जीत लेने का उम्मीद बांधें INDIA ब्लॉक के नेताओं को इस बात का मलाल है कि सबसे अधिक लोकसभा सीट जीतने वाली पार्टी भाजपा ही है. भाजपा ने राज्य में 08 लोकसभा सीट जीती हैं जबकि सहयोगी आजसू को 01 सीट मिली. लोकसभा चुनाव में मनोकुल नतीजा नहीं आने के बाद अब राजद, कांग्रेस और झामुमो के नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप भी शुरू हो गए हैं.

हार का ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ रहे नेता

राजद के झारखंड प्रदेश प्रधान महासचिव संजय प्रसाद यादव पलामू में राजद की बड़े मतों के अंतर से हार का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा है. इसी तरह जमशेदपुर लोकसभा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार समीर मोहंती की भाजपा उम्मीदवार बिद्युत बरण महतो से हार की वजह भीतरघात को बताते हैं. जाहिर है कि जमशेदपुर में भीतरघात की बात कहकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष कांग्रेस पर ही निशाना साध रहे हैं. झामुमो नेता कहते हैं कि समय आने पर भीतरघात की सभी पन्ने खोल दिए जाएंगे.

वहीं, अपने सहयोगियों की ओर से कांग्रेस पर हार का ठीकरा फोड़े जाने से आहत कांग्रेस के प्रधान महासचिव ने कहा कि हम भी विधानसभा वार अपनी हार की समीक्षा करेंगे और तब बताएंगे कि हमारी हार क्यों हुई.

क्या INDIA ब्लॉक में दरार पड़ने का संकेत हैं

राज्य में चम्पाई सोरेन की सरकार, महागठबंधन की सरकार है जिसमें झामुमो, राजद और कांग्रेस शामिल हैं. INDIA ब्लॉक के एक अन्य दल सीपीआई माले का सरकार को बाहर से समर्थन हैं. ऐसे में अपने सहयोगियों पर ही भीतरघात और असहयोग वाले बयान क्या महागठबंधन या राज्य में INDIA ब्लॉक में बिखराव के संकेत है? इस सवाल के जवाब में झारखंड के वरिष्ठ राजनीतिक पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि महागठबंधन के तीनों दलों के नेताओं को यह बखूबी पता है कि राज्य में 2024 विधानसभा के आसन्न चुनाव जीतकर दोबारा सत्ता पाने की संभावना तभी तक जीवित है जब तक ये सभी दल एकजुट हैं. ऐसे में झामुमो हो या कांग्रेस-राजद का कोई भी नेता यह नहीं चाहेगा कि वह अकेले चुनाव मैदान में जाएं. ऐसे में वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह के अनुसार झारखंड में महागठबंधन के ये नेता अपनी अपनी हार का ठीकरा सहयोगी दलों के ऊपर फोड़ कर अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही की नाकामी को सहयोगी दलों के ऊपर थोपना चाहते हैं.

झामुमो की महत्वाकांक्षा शुरू से अकेले बहुमत की सरकार बनाने की, राजद चाहता है अधीक सीट

वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि दो-तीन बातें महत्वपूर्ण हैं जो आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति और महागठबंधन के भविष्य को तय करेगी. उन्होंने कहा कि सबसे पहली बात झामुमो की अकेले बहुमत पाने की महत्वाकांक्षा है. यहीं वजह है कि झामुमो हर बार पिछली बार की अपेक्षा कुछ सीटें बढ़वा लेता है. 2019 में महागठबंधन में उसने 43 सीट पर उम्मीदवार खड़ा किए थे. जबकि 31 सीटों पर कांग्रेस और 07 सीट पर राजद ने चुनाव लड़ा था. अब उसकी इच्छा 43 से अधिक सीट पाने की है, ऐसे में जमशेदपुर में भीतरघात वाला बयान कांग्रेस पर दवाब बढ़ाने के लिए हो सकता है. इसी तरह राजद भी कई बार कह चुका है कि इस बार विधानसभा चुनाव में किसी भी सूरत में 07 सीट स्वीकार्य नहीं है, ऐसे में वह भी अभी से दबाव बनाना शुरू कर दिया है. कांग्रेस भी अब अपनी सीट बढ़ाना चाहती है क्योंकि 2019 विधानसभा चुनाव के बाद JVM की सिंबल पर जीतकर प्रदीप यादव और बीजेपी के सिंबल पर जीत कर जेपी पटेल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में वह भी महागठबंधन में 33 सीट चाहती है.

लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव की शुरू हो गयी तैयारी

नवम्बर-दिसम्बर में झारखंड विधानसभा का चुनाव होना है. राज्य में 2019 के महागठबंधन और वर्तमान समय के INDIA ब्लॉक का मुकाबला मजबूत भाजपा और NDA से होना है. ऐसे में बहुत संभव है कि भविष्य में INDIA ब्लॉक के अंदर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप और तीखा हो, लेकिन विधानसभा चुनाव आते आते सभी फिर एक होकर भाजपा के खिलाफ चुनाव मैदान में नजर आएं.

अपने-अपने कुनबों को बचाने के लिए एकजुट हैं झामुमो-राजद-कांग्रेस-भाजपा

लोकसभा आम चुनाव में INDIA ब्लॉक के नेताओं द्वारा अपने-अपने कोटे की सीट पर हार का ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ रहे हैं. उनके बयानों पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कहते हैं कि लोकसभा चुनाव के समय रांची महारैली के दौरान राजद-कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प को सबने देखा है. दरअसल ये लोग अपने अपने कुनबे और जागीर को बचाने के लिये एकजुट हुए हैं और राज्य की जनता त्राहि त्राहि कर रही है.

ये भी पढ़ें:

संथाल परगना की लोकसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन को बढ़त, पर विधानसभावार हो गया तीन सीटों का नुकसान, जानिए कैसे हुआ ये खेल - Jharkhand Lok Sabha Election Result 2024

पलामू में हार के बाद इंडिया गठबंधन में घमासान, राजद ने कांग्रेस और झामुमो पर लगाए गंभीर आरोप - RJD allegations

रांची: लोकसभा चुनाव 2024 में INDIA ब्लॉक ने झारखंड में 2019 की महागठबंधन से बेहतर प्रदर्शन भले ही किया हो. लेकिन चुनावी नतीजे INDIA ब्लॉक के उम्मीदों के अनुकूल नहीं रहे. राज्य में अनुसूचित जाति रिजर्व पलामू के साथ साथ INDIA ब्लॉक के उम्मीदवार सभी सामान्य सीटें हार गए.

झामुमो, कांग्रेस और बीजेपी नेता के बयान (ईटीवी भारत)

भाजपा विरोधी वोटों के बिखराव को रोक कर राज्य में अधिक से अधिक सीटें जीत लेने का उम्मीद बांधें INDIA ब्लॉक के नेताओं को इस बात का मलाल है कि सबसे अधिक लोकसभा सीट जीतने वाली पार्टी भाजपा ही है. भाजपा ने राज्य में 08 लोकसभा सीट जीती हैं जबकि सहयोगी आजसू को 01 सीट मिली. लोकसभा चुनाव में मनोकुल नतीजा नहीं आने के बाद अब राजद, कांग्रेस और झामुमो के नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप भी शुरू हो गए हैं.

हार का ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ रहे नेता

राजद के झारखंड प्रदेश प्रधान महासचिव संजय प्रसाद यादव पलामू में राजद की बड़े मतों के अंतर से हार का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा है. इसी तरह जमशेदपुर लोकसभा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार समीर मोहंती की भाजपा उम्मीदवार बिद्युत बरण महतो से हार की वजह भीतरघात को बताते हैं. जाहिर है कि जमशेदपुर में भीतरघात की बात कहकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष कांग्रेस पर ही निशाना साध रहे हैं. झामुमो नेता कहते हैं कि समय आने पर भीतरघात की सभी पन्ने खोल दिए जाएंगे.

वहीं, अपने सहयोगियों की ओर से कांग्रेस पर हार का ठीकरा फोड़े जाने से आहत कांग्रेस के प्रधान महासचिव ने कहा कि हम भी विधानसभा वार अपनी हार की समीक्षा करेंगे और तब बताएंगे कि हमारी हार क्यों हुई.

क्या INDIA ब्लॉक में दरार पड़ने का संकेत हैं

राज्य में चम्पाई सोरेन की सरकार, महागठबंधन की सरकार है जिसमें झामुमो, राजद और कांग्रेस शामिल हैं. INDIA ब्लॉक के एक अन्य दल सीपीआई माले का सरकार को बाहर से समर्थन हैं. ऐसे में अपने सहयोगियों पर ही भीतरघात और असहयोग वाले बयान क्या महागठबंधन या राज्य में INDIA ब्लॉक में बिखराव के संकेत है? इस सवाल के जवाब में झारखंड के वरिष्ठ राजनीतिक पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि महागठबंधन के तीनों दलों के नेताओं को यह बखूबी पता है कि राज्य में 2024 विधानसभा के आसन्न चुनाव जीतकर दोबारा सत्ता पाने की संभावना तभी तक जीवित है जब तक ये सभी दल एकजुट हैं. ऐसे में झामुमो हो या कांग्रेस-राजद का कोई भी नेता यह नहीं चाहेगा कि वह अकेले चुनाव मैदान में जाएं. ऐसे में वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह के अनुसार झारखंड में महागठबंधन के ये नेता अपनी अपनी हार का ठीकरा सहयोगी दलों के ऊपर फोड़ कर अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही की नाकामी को सहयोगी दलों के ऊपर थोपना चाहते हैं.

झामुमो की महत्वाकांक्षा शुरू से अकेले बहुमत की सरकार बनाने की, राजद चाहता है अधीक सीट

वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि दो-तीन बातें महत्वपूर्ण हैं जो आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति और महागठबंधन के भविष्य को तय करेगी. उन्होंने कहा कि सबसे पहली बात झामुमो की अकेले बहुमत पाने की महत्वाकांक्षा है. यहीं वजह है कि झामुमो हर बार पिछली बार की अपेक्षा कुछ सीटें बढ़वा लेता है. 2019 में महागठबंधन में उसने 43 सीट पर उम्मीदवार खड़ा किए थे. जबकि 31 सीटों पर कांग्रेस और 07 सीट पर राजद ने चुनाव लड़ा था. अब उसकी इच्छा 43 से अधिक सीट पाने की है, ऐसे में जमशेदपुर में भीतरघात वाला बयान कांग्रेस पर दवाब बढ़ाने के लिए हो सकता है. इसी तरह राजद भी कई बार कह चुका है कि इस बार विधानसभा चुनाव में किसी भी सूरत में 07 सीट स्वीकार्य नहीं है, ऐसे में वह भी अभी से दबाव बनाना शुरू कर दिया है. कांग्रेस भी अब अपनी सीट बढ़ाना चाहती है क्योंकि 2019 विधानसभा चुनाव के बाद JVM की सिंबल पर जीतकर प्रदीप यादव और बीजेपी के सिंबल पर जीत कर जेपी पटेल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में वह भी महागठबंधन में 33 सीट चाहती है.

लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव की शुरू हो गयी तैयारी

नवम्बर-दिसम्बर में झारखंड विधानसभा का चुनाव होना है. राज्य में 2019 के महागठबंधन और वर्तमान समय के INDIA ब्लॉक का मुकाबला मजबूत भाजपा और NDA से होना है. ऐसे में बहुत संभव है कि भविष्य में INDIA ब्लॉक के अंदर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप और तीखा हो, लेकिन विधानसभा चुनाव आते आते सभी फिर एक होकर भाजपा के खिलाफ चुनाव मैदान में नजर आएं.

अपने-अपने कुनबों को बचाने के लिए एकजुट हैं झामुमो-राजद-कांग्रेस-भाजपा

लोकसभा आम चुनाव में INDIA ब्लॉक के नेताओं द्वारा अपने-अपने कोटे की सीट पर हार का ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ रहे हैं. उनके बयानों पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कहते हैं कि लोकसभा चुनाव के समय रांची महारैली के दौरान राजद-कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प को सबने देखा है. दरअसल ये लोग अपने अपने कुनबे और जागीर को बचाने के लिये एकजुट हुए हैं और राज्य की जनता त्राहि त्राहि कर रही है.

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