हैदराबाद: घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी 'मिवी' (Mivi) की को-फाउंडर मिधुला देवभक्तुनी का कहना है कि 'बिजनेसमैन बनने का सपना आठवीं कक्षा में बना था. हमारा परिवार व्यावसायिक पृष्ठभूमि वाला नहीं है. हम विजयवाड़ा के हैं. पिता विद्यासागर और मां अन्नपूर्णा दोनों कर्मचारी हैं. फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर में मास्टर और एमबीए पूरा करने के बाद मैंने पांच साल तक अमेरिका में काम किया. वहां मेरी मुलाकात मेरे विश्वनाथ (पति) से हुई. हम दोनों की बिजनेस में रुचि है. लेकिन क्या करना चाहिए जल्दी से समझ नहीं आया.'
'विश्वास करें या न करें, भारत पहुंचने पर हमें चार्जिंग केबल के लिए बहुत कुछ खोजना पड़ता है. कुछ भी सही नहीं है. इसके अलावा, सभी विदेशी कंपनियों के हैं. हम भी उन्हें पसंद नहीं करते. उस समस्या ने हमारे व्यावसायिक विचार में स्पष्टता ला दी. हमने अपनी नौकरियों से इस्तीफा दे दिया और भारत आ गए. हमारा आइडिया सुनकर घर वालों ने कहा, 'तुम दोनों की तो अच्छी नौकरी है, क्या ये एडवेंचर जरूरी है.'
उन्होंने बताया कि 'आख़िरकार वे इससे इनकार नहीं कर सके. हमने रिसर्च भी शुरू किया. हमें मिलने वाली सभी चार्जिंग केबल पड़ोसी देशों में बनी होती हैं. ब्रांडेड वाले महंगे होते हैं. न केवल हमारा स्वाद और संस्कृति, बल्कि जलवायु भी अलग है. हमारे पास दीवार में प्लग पॉइंट हैं. बाजार में उपलब्ध केबल छोटे होते हैं और पिन अलग होते हैं. इसके अलावा वोल्टेज में भी अंतर होता है. इसलिए हमें अनुचित चार्जिंग और जल्दी खराब होने जैसी समस्याएं मिलीं.'
'इस सब से निपटने के लिए हमने ऐसे केबल और चार्जर पेश किए हैं जो अधिक नियंत्रकों के साथ सामान्य से दोगुने लंबे हैं. इसके लिए हम छह महीने तक चीन गए और डिजाइन तैयार किया.2016 में हम दोनों के नाम से 'मिवी' शुरू हुई. हमने 2020 में हैदराबाद में विनिर्माण शुरू किया. हम देश में ई-कॉमर्स में बिक्री की श्रेणी में विनिर्माण करने वाली पहली कंपनी हैं.'
'एक अकेले व्यक्ति ने एक साथ दो नए कार चार्जर खरीदे. उस वक्त हर चीज का ख्याल मैं और मेरी मां रखती थीं. हमें चिंता थी कि उत्पाद ख़राब हो सकता है. क्यों क्योंकि प्रतिदिन 3 या 4 ऑर्डर ही मिलते थे. जब हमने उन्हें फोन किया, तो उन्होंने कहा, 'अतीत में खरीदी गई कोई भी चीज़ काम नहीं करती. यह बहुत अच्छा काम कर रहा है, इसलिए हमने उसके लिए एक और खरीदा. यह सुनकर हमें बहुत ख़ुशी हुई. अब हमारा बिजनेस 300 करोड़ रुपये का है.'
'हम विश्वास नहीं कर सकते कि यह एक स्थानीय उत्पाद है. हम सबसे अधिक संतुष्ट हैं. अंतरराष्ट्रीय मानकों का इस्तेमाल किया जा रहा है.' उन्होंने कहा कि 'इस प्रकार की टिप्पणियां हमें अधिक खुश करती हैं. फिलहाल 1500 कर्मचारी हैं. लेकिन शुरुआती दिनों में ऐसे संगठनों की कमी के कारण हमें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. हमने अधिक वेतन और लाभ दिए हैं. चार्जर और केबल से शुरू करके, हम ईयरबड, ईयरफ़ोन, स्पीकर, साउंडबार और स्मार्टवॉच जैसे कई उत्पाद लाए हैं. हमें पिछले वर्ष निर्माता पुरस्कार सहित कई पुरस्कार प्राप्त हुए. मेरा सपना है कि Mivi को अमेरिका में Apple, दक्षिण कोरिया और भारत में Samsung के रूप में याद किया जाए. हम इस साल ऑफलाइन बिक्री शुरू करने जा रहे हैं.'
' खुद को कम मत समझो' : उन्होंने कहा कि 'सिर्फ बिजनेस ही नहीं बल्कि आप जो भी करना चाहते हैं, लड़कियों से कहा जाता है कि 'तुम यह नहीं कर सकती.' आख़िरकार, बहुत से लोग सोचते हैं कि मैं 'MIVI' की सह-संस्थापक हूं. लेकिन मैं ही वह हूं जो सभी मार्केटिंग मामलों का ध्यान रखता हूं. इसके लिए मैंने कुछ सालों तक बच्चे पैदा न करने का फैसला किया है. बहस करना मेरा स्वभाव नहीं है. मेरी प्रस्तुति और विचारों को सुनने के बाद अन्य लोग अपनी राय बदल देंगे. हमारी कंपनी के 80 प्रतिशत कर्मचारी महिलाएं हैं! इलेक्ट्रॉनिक्स स्थापित करने के लिए बहुत धैर्य की आवश्यकता होती है. यह हमारे भीतर अधिक है. अभी तक उत्पाद के संबंध में कोई शिकायत नहीं है. क्या यह उदाहरण काफी है... यह कहने के लिए कि अगर हमें खुद पर विश्वास है तो हम कुछ भी करने में सक्षम हैं.'