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ठाणे: मिलिए दो भाइयों से जो बाइक पर देते हैं एंबुलेंस की सेवा

ambulance service on bike : अपना बचपन सड़कों पर बिताने वाले दो भाई हमराज जोशी और समीर शेख बेघर गरीबों की मदद के लिए आगे आए हैं. अपने पैसे खर्च कर सड़कों पर रहने वाले बेघरों को मुफ्त मोबाइल एम्बुलेंस सेवा प्रदान की है. पढ़ें पूरी खबर...

ambulance service on bike
मिलिए दो भाइयों से जो बाइक पर देते हैं एंबुलेंस की सेवा
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 10, 2024, 8:02 PM IST

ठाणे : जब कोई व्यक्ति स्वयं स्थिति का अनुभव करता है, तभी उसे दूसरों की पीड़ा का भी पता चलता है. महाराष्ट्र के ठाणे शहर के दो भाईयों की दरियादिली की खबर सामने आई है. दरअसल, अपना बचपन सड़कों बिता देने वाले दो भाई हमराज जोशी और समीर शेख बेघर गरीबों की मदद के लिए आगे आए हैं. अपने पैसे खर्च कर सड़कों पर रहने वाले बेघरों को मुफ्त मोबाइल एम्बुलेंस सेवा प्रदान की है. हमराज जोशी और समीर शेख नाम ने गरीबों की मदद के लिए अपनी सेवा संस्था के माध्यम से एक बाइक एम्बुलेंस उन्हें उपलब्ध कराई है.

कहते हैं इंसान सब कुछ अपने अनुभव से ही सीखता है. ठाणे शहर में हम कई बेघर लोगों को सड़कों और फुटपाथों पर रहते हुए देखते हैं. जब ऐसे लोग बीमार पड़ते हैं या मर जाते हैं तो उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए कोई एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं होता है. ऐसे शवों या मरीजों को ले जाने के लिए अक्सर ठेले का इस्तेमाल किया जाता है. इनका परेशानियों को देखते हुए दोनों भाईयों ने इनकी मदद की है.

हमराज जोशी और समीर शेख दोनों भाई गरीबों को उकी इस स्थिति से बाहर निकलने का ढ़ूढ़ रहे थे, तभी उनके मन में बाइक एम्बुलेंस का विचार आया और उन्होंने खुद के पैसे और कुछ दूसरों की मदद से अहमदाबाद से लगभग चार लाख रुपये खर्च करके एक बाइक एम्बुलेंस गरीबों को मुहैया करवाया है.

बता दें, इस बाईक एम्बुलेंस में एक व्यक्ति को अस्पताल तक ले जाने की व्यव्स्था है. मरीज के लिए एम्बुलेंस में एक छोटा बक्सा है और इसमें एक पंखे की रोशनी के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर भी आ सकता है.

बड़ी एंबुलेंस गाड़ी दुर्गम इलाकों में नहीं जा पातीं और मरीजों और शवों को ले जाने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है. इसे को ध्यान में रखरक यह बाइक एम्बुलेंस बनाया गया है. दरअसल, बाइक एंबुलेंस बहुत छोटी है, इसलिए यह दुर्गम इलाकों से गुजर सकती है. इस बाईक का इस्तेमाल मरीजों और शवों को लाने-ले और जाने के लिए अच्छी तरह से किया जाने लगा है.

बता दें, हमराज जोशी ने 26 जनवरी 2024 को अपने पुकार सेवा प्रतिष्ठान ट्रस्ट के माध्यम से इस बाइक एम्बुलेंस सेवा की शुरूआत की थी. तब से लेकर अब तक वे करीब 15 से 20 मरीजों को सरकारी अस्पतालों तक पहुंचा चुके हैं और निशुल्क सेवाएं दे रहे हैं. हमराज जोशी ने आगे कहा कि उनका इरादा इसे और विस्तारित करने करना है, और इसका विस्तार जनभागीदारी से ही होगा. उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि जब उन्होंने अपने इस कार्य के लिए नगर पालिका और मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क किया तो उनकी तरफ से उन्हें कोई मदद नहीं मिली.

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ठाणे : जब कोई व्यक्ति स्वयं स्थिति का अनुभव करता है, तभी उसे दूसरों की पीड़ा का भी पता चलता है. महाराष्ट्र के ठाणे शहर के दो भाईयों की दरियादिली की खबर सामने आई है. दरअसल, अपना बचपन सड़कों बिता देने वाले दो भाई हमराज जोशी और समीर शेख बेघर गरीबों की मदद के लिए आगे आए हैं. अपने पैसे खर्च कर सड़कों पर रहने वाले बेघरों को मुफ्त मोबाइल एम्बुलेंस सेवा प्रदान की है. हमराज जोशी और समीर शेख नाम ने गरीबों की मदद के लिए अपनी सेवा संस्था के माध्यम से एक बाइक एम्बुलेंस उन्हें उपलब्ध कराई है.

कहते हैं इंसान सब कुछ अपने अनुभव से ही सीखता है. ठाणे शहर में हम कई बेघर लोगों को सड़कों और फुटपाथों पर रहते हुए देखते हैं. जब ऐसे लोग बीमार पड़ते हैं या मर जाते हैं तो उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए कोई एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं होता है. ऐसे शवों या मरीजों को ले जाने के लिए अक्सर ठेले का इस्तेमाल किया जाता है. इनका परेशानियों को देखते हुए दोनों भाईयों ने इनकी मदद की है.

हमराज जोशी और समीर शेख दोनों भाई गरीबों को उकी इस स्थिति से बाहर निकलने का ढ़ूढ़ रहे थे, तभी उनके मन में बाइक एम्बुलेंस का विचार आया और उन्होंने खुद के पैसे और कुछ दूसरों की मदद से अहमदाबाद से लगभग चार लाख रुपये खर्च करके एक बाइक एम्बुलेंस गरीबों को मुहैया करवाया है.

बता दें, इस बाईक एम्बुलेंस में एक व्यक्ति को अस्पताल तक ले जाने की व्यव्स्था है. मरीज के लिए एम्बुलेंस में एक छोटा बक्सा है और इसमें एक पंखे की रोशनी के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर भी आ सकता है.

बड़ी एंबुलेंस गाड़ी दुर्गम इलाकों में नहीं जा पातीं और मरीजों और शवों को ले जाने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है. इसे को ध्यान में रखरक यह बाइक एम्बुलेंस बनाया गया है. दरअसल, बाइक एंबुलेंस बहुत छोटी है, इसलिए यह दुर्गम इलाकों से गुजर सकती है. इस बाईक का इस्तेमाल मरीजों और शवों को लाने-ले और जाने के लिए अच्छी तरह से किया जाने लगा है.

बता दें, हमराज जोशी ने 26 जनवरी 2024 को अपने पुकार सेवा प्रतिष्ठान ट्रस्ट के माध्यम से इस बाइक एम्बुलेंस सेवा की शुरूआत की थी. तब से लेकर अब तक वे करीब 15 से 20 मरीजों को सरकारी अस्पतालों तक पहुंचा चुके हैं और निशुल्क सेवाएं दे रहे हैं. हमराज जोशी ने आगे कहा कि उनका इरादा इसे और विस्तारित करने करना है, और इसका विस्तार जनभागीदारी से ही होगा. उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि जब उन्होंने अपने इस कार्य के लिए नगर पालिका और मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क किया तो उनकी तरफ से उन्हें कोई मदद नहीं मिली.

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