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जिन हथियारों को अफगानिस्तान छोड़ आई थी US आर्मी, उन्हें भारत के खिलाफ यूज कर रहे आतंकी - Jammu Kashmir

Jammu Kashmir: पुंछ हमले में आतंकवादियों ने उच्च क्षमता वाली असॉल्ट राइफलों, अमेरिका में बनी एम4 और रूस में बनी एके-47 का इस्तेमाल किया था. पुंछ हमला इस साल का पहला बड़ा हमला था.

अमेरिकी हथियार यूज कर रहे आतंकी
अमेरिकी हथियार यूज कर रहे आतंकी (सांकेतिक तस्वीर (IANS))
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 25, 2024, 5:19 PM IST

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों ने हाल ही में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया था. हमलों को लेकर सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई जांच से पता चला है कि आतंकवादी ज्यादातर हमलों में अमेरिकी निर्मित हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

चिंता की बात यह है कि आतंकवादी उन हथियारों और गोला-बारूद का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनका इस्तेमाल अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ अमेरिकी सेना ने किया था. खुफिया एजेंसियों के अनुसार पाकिस्तानी सेना भारत में अराजकता पैदा करने के लिए तालिबान का भी इस्तेमाल कर रही है.

अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान छोड़ थे हथियार
इस संबंध में एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने गुरुवार को ईटीवी भारत को बताया कि पिछले हफ्ते कठुआ में हुए हमलों के दौरान आतंकवादियों ने अमेरिकी निर्मित एम4 कार्बाइन असॉल्ट राइफलों का इस्तेमाल किया था. ये हथियार अमेरिकी सेना ने 2021 में अफगानिस्तान से वापसी के बाद वहीं छोड़ दिए थे. और अब वे कश्मीर पहुंच गए हैं.

सुरक्षा बलों के हाथ लगे थे अत्याधुनिक हथियार
गौरतलब है कि कई मौकों पर सुरक्षा बलों को एके-47 के अलावा कई अन्य अत्याधुनिक हथियार भी मिले हैं. दिसंबर 2022 में जम्मू क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हथियारों और गोला-बारूद का एक बड़ा जखीरा जब्त किया था, जिसमें सात एके-47 राइफलें, एक यूएस-निर्मित एम4 राइफल और तीन पिस्तौल के साथ-साथ ग्रेनेड भी शामिल थे.

अधिकारी के अनुसार, इस साल मई में हुए पुंछ हमले में आतंकवादियों ने हाई पावर्ड असॉल्ट राइफलों, अमेरिका में बनी एम4 और रूस में बनी एके-47 का इस्तेमाल किया था. पुंछ हमला इस साल का पहला बड़ा हमला था, क्योंकि पिछले साल इस इलाके में सैन्य ठिकानों और सैनिकों पर कई आतंकी हमले हुए थे. पुंछ हमला इस साल का पहला बड़ा हमला था, इस इलाके में पिछले साल सैन्य ठिकानों और सैनिकों पर कई आतंकी हमले हुए थे.

बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के जुटाए लेटेस्ट आंकड़ों से पता चला है कि 2021 से अत्याधुनिक हथियारों की बरामदगी में वृद्धि हुई है. इस साल मई तक, बीएसएफ ने एके-सीरीज गोला-बारूद के लगभग 1,600 राउंड बरामद किए थे, जबकि पिछले साल यह संख्या केवल 435 राउंड थी. पिछले साल हथगोले की बरामदगी में भी भारी वृद्धि देखी गई, 2022 में 19 की तुलना में कुल 309 हथगोले बरामद किए गए.

अफगानिस्तान से जम्मू-कश्मीर तक पहुंचे हथियार
इसको लेकर ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीके खन्ना ने कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ अमेरिका निर्मित हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में सेवा दे चुके ब्रिगेडियर खन्ना ने कहा, "पाकिस्तान के समर्थन से, विदेशी हथियार और गोला-बारूद अफगानिस्तान से जम्मू-कश्मीर तक पहुंच गए. मेरा मानना ​​है कि पाकिस्तानी एजेंसियां ​​भारतीय सेना के खिलाफ तालिबान विद्रोहियों का इस्तेमाल कर सकती हैं."

उन्होंने सुझाव दिया कि जम्मू-कश्मीर में सभी सुरक्षा एजेंसियों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि वे वास्तविक समय के आधार पर खुफिया जानकारी साझा कर सकें. आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई में खुफिया जानकारी का उचित और वास्तविक समय पर साझाकरण हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर को लेकर हाल ही में हुई सुरक्षा बैठक के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने भी सभी सुरक्षा एजेंसियों को समन्वित तरीके से काम करने और खुफिया जानकारी जुटाने को मजबूत करने के लिए कहा था.

यह भी पढ़ें- कठुआ हमले में पुलिस को मिली बड़ी सफलता, दो आतंकी मददगार गिरफ्तार

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों ने हाल ही में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया था. हमलों को लेकर सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई जांच से पता चला है कि आतंकवादी ज्यादातर हमलों में अमेरिकी निर्मित हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

चिंता की बात यह है कि आतंकवादी उन हथियारों और गोला-बारूद का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनका इस्तेमाल अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ अमेरिकी सेना ने किया था. खुफिया एजेंसियों के अनुसार पाकिस्तानी सेना भारत में अराजकता पैदा करने के लिए तालिबान का भी इस्तेमाल कर रही है.

अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान छोड़ थे हथियार
इस संबंध में एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने गुरुवार को ईटीवी भारत को बताया कि पिछले हफ्ते कठुआ में हुए हमलों के दौरान आतंकवादियों ने अमेरिकी निर्मित एम4 कार्बाइन असॉल्ट राइफलों का इस्तेमाल किया था. ये हथियार अमेरिकी सेना ने 2021 में अफगानिस्तान से वापसी के बाद वहीं छोड़ दिए थे. और अब वे कश्मीर पहुंच गए हैं.

सुरक्षा बलों के हाथ लगे थे अत्याधुनिक हथियार
गौरतलब है कि कई मौकों पर सुरक्षा बलों को एके-47 के अलावा कई अन्य अत्याधुनिक हथियार भी मिले हैं. दिसंबर 2022 में जम्मू क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हथियारों और गोला-बारूद का एक बड़ा जखीरा जब्त किया था, जिसमें सात एके-47 राइफलें, एक यूएस-निर्मित एम4 राइफल और तीन पिस्तौल के साथ-साथ ग्रेनेड भी शामिल थे.

अधिकारी के अनुसार, इस साल मई में हुए पुंछ हमले में आतंकवादियों ने हाई पावर्ड असॉल्ट राइफलों, अमेरिका में बनी एम4 और रूस में बनी एके-47 का इस्तेमाल किया था. पुंछ हमला इस साल का पहला बड़ा हमला था, क्योंकि पिछले साल इस इलाके में सैन्य ठिकानों और सैनिकों पर कई आतंकी हमले हुए थे. पुंछ हमला इस साल का पहला बड़ा हमला था, इस इलाके में पिछले साल सैन्य ठिकानों और सैनिकों पर कई आतंकी हमले हुए थे.

बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के जुटाए लेटेस्ट आंकड़ों से पता चला है कि 2021 से अत्याधुनिक हथियारों की बरामदगी में वृद्धि हुई है. इस साल मई तक, बीएसएफ ने एके-सीरीज गोला-बारूद के लगभग 1,600 राउंड बरामद किए थे, जबकि पिछले साल यह संख्या केवल 435 राउंड थी. पिछले साल हथगोले की बरामदगी में भी भारी वृद्धि देखी गई, 2022 में 19 की तुलना में कुल 309 हथगोले बरामद किए गए.

अफगानिस्तान से जम्मू-कश्मीर तक पहुंचे हथियार
इसको लेकर ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीके खन्ना ने कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ अमेरिका निर्मित हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में सेवा दे चुके ब्रिगेडियर खन्ना ने कहा, "पाकिस्तान के समर्थन से, विदेशी हथियार और गोला-बारूद अफगानिस्तान से जम्मू-कश्मीर तक पहुंच गए. मेरा मानना ​​है कि पाकिस्तानी एजेंसियां ​​भारतीय सेना के खिलाफ तालिबान विद्रोहियों का इस्तेमाल कर सकती हैं."

उन्होंने सुझाव दिया कि जम्मू-कश्मीर में सभी सुरक्षा एजेंसियों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि वे वास्तविक समय के आधार पर खुफिया जानकारी साझा कर सकें. आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई में खुफिया जानकारी का उचित और वास्तविक समय पर साझाकरण हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर को लेकर हाल ही में हुई सुरक्षा बैठक के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने भी सभी सुरक्षा एजेंसियों को समन्वित तरीके से काम करने और खुफिया जानकारी जुटाने को मजबूत करने के लिए कहा था.

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