महबूबाबाद: तेलंगाना के महमूदाबाद जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक यहां की एक कालोनी में बिजली की सुविधा नहीं है. बताया जा रहा है कि सरकारी जमीन पर बसे होने के चलते कॉलोनी का विद्युतीकरण नहीं किया गया. यहां करीब 300 घरों में औपचारिक रूप से बिजली नहीं है. कुछ लोग जुगाड़ से घरों में रोशनी का इंतजाम करते हैं.
कॉलोनी में करीब 300 घर हैं लेकिन पूरे कॉलोनी में एक भी बिजली के खंभे नहीं हैं. वे सिर्फ एक मीटर से बिजली की समस्या हल कर रहे हैं. यह सोचना भूल है कि यह कहीं दूरदराज के इलाके में है. यह है जिला मुख्यालय महबूबाबाद की कॉलोनी का हाल है. कुछ साल पहले यहां के 26वें वार्ड के पास मांडा कोमुरम्मानगर में कुछ घर बनाए गए थे.
अधिकारियों ने यह कहकर उस कॉलोनी में बिजली के खंभे नहीं लगाए कि घर सरकारी जमीन पर बने हैं. इस वजह से उस इलाके में किसी ने उद्योग चलाने के नाम पर बिजली का कनेक्शन लिया. उससे उस कॉलोनी के कुछ लोगों की बिजली की समस्या हल हो रही है. जिन लोगों ने वहां मकान बनाए हैं उनमें से 136 को पिछली सरकार ने कानूनी दस्तावेज प्रदान कर दिया.
इनमें से 115 घरों को नगर पालिका द्वारा मकान नंबर आवंटित किए गए. हालांकि अधिकारियों ने कॉलोनी में बिजली के खंभे नहीं लगाए. स्ट्रीट लाइट भी नहीं है. कुछ कॉलोनीवासी कमर्शियल कनेक्शन से अपने घरों में बिजली पहुंचाया है. इसके लिए उन्होंने डंडे और पेड़ की टहनियों का इस्तेमाल किया. एक मीटर का बिल जहां हर महीने 50 हजार से 65 हजार रुपये तक आ रहा है, वहीं हर व्यक्ति उपयोग के हिसाब से भुगतान कर रहे हैं.
हालांकि पिछले 4 महीने से बिजली बिल नहीं भरे गए हैं. इससे बिजली का बिल 2.65 लाख रुपए हो गया. कॉलोनी के लोगों का कहना है कि बिजली विभाग के अधिकारियों ने बिजली के खंभे नहीं लगाए. नगर निगम के अधिकारियों ने सभी घरों के नंबर आवंटित नहीं किए हैं. इसलिए उन्होंने मीटर के लिए आवेदन नहीं किया. महबूबाबाद के एनपीडीसीएल के डीईई विजय ने कहा कि अगर नगर निगम खर्च वहन करे तो वे कॉलोनी में खंभे और मीटर लगाएंगे.