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तेलंगाना में लकी ड्रॉ के नाम पर ठगी, साइबर सुरक्षा ब्यूरो ने किया अलर्ट

Lucky Draw Scams : लकी ड्रॉ जीतने के नाम पर फोन या मैसेज करने वालों को लेकर तेलंगाना साइबर सुरक्षा ब्यूरो ने अलर्ट किया है. दरअसल ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब लोगों को कार जीतने का मैसेज कर ठगी की गई है.

Lucky Draw Scams
लकी ड्रॉ के नाम पर ठगी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 6, 2024, 4:13 PM IST

हैदराबाद: शहर की एक शादीशुदा महिला ने एक ई-कॉमर्स वेबसाइट पर साड़ी खरीदी. एक पखवाड़े बाद ठगों ने व्हाट्सएप पर मैसेज भेजा कि उन्होंने लकी ड्रॉ में कार जीती है. फिर आरोपियों ने प्रक्रिया पूरी करने के नाम पर करीब 35 हजार रुपये ठग लिए. बार-बार पैसे मांगने पर धोखाधड़ी का खुलासा हुआ. यह सिर्फ एक उदाहरण है.

ठग लोकप्रिय ई-कॉमर्स कंपनियों के नाम पर लकी ड्रॉ और स्क्रैच कार्ड का दावा कर लाखों रुपये वसूल रहे हैं. लकी ड्रॉ के तहत वे धोखा दे रहे हैं कि अगर वे उनके कहे अनुसार काम करेंगे तो उन्हें नकदी, कार और विभिन्न देशों में छुट्टियों के लिए चुना जाएगा.

तेलंगाना साइबर सिक्योरिटी ब्यूरो के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर आप उन पर भरोसा करते हैं और व्हाट्सएप पर भेजे गए क्यूआर कोड को स्कैन करते हैं, तो आप पैसे खो देंगे. जनवरी से अब तक तेलंगाना में 15 मामले दर्ज किए गए हैं..इनमें से ज्यादातर शहर की सीमा के भीतर हैं.

ऐसे करते हैं ठगी : साइबर गिरोह केवल उन्हीं उपभोक्ताओं को निशाना बनाते हैं जिन्होंने वेबसाइट पर कोई उत्पाद खरीदा है. व्हाट्सएप या मेल आईडी पर एक संदेश भेजा जाता है कि आपको उनके संगठन द्वारा आयोजित ड्रा में एक भाग्यशाली उपयोगकर्ता के रूप में चुना गया है. आपने कार पुरस्कार जीता है.

अगर उन्हें कार नहीं चाहिए तो वे उन्हें विश्वास दिलाते हैं कि वे इसके बराबर नकद ले सकते हैं. कुछ लोग फर्जी लेटर सीधे घर के पते पर भेजते हैं. चूंकि इसमें हाल ही में खरीदी गई वस्तुओं का विवरण होता है, इसलिए कुछ लोग इसमें दिए गए नंबर पर संपर्क करते हैं. अग्रिम शुल्क के तहत प्राप्तकर्ता से जीएसटी, कूरियर और अन्य शुल्क लिया जाता है. यह पाया गया है कि वे आधार और बैंक खाते का विवरण एकत्र करके एक नई प्रकार की धोखाधड़ी कर रहे हैं.

दरअसल ई-कॉमर्स वेबसाइट उपयोगकर्ताओं और अन्य डेटा को तीसरे पक्ष द्वारा नियंत्रित किया जाता है. सारी जानकारी अपराधियों के हाथों में जा रही है क्योंकि ये कंपनियां प्रति उपयोगकर्ता कीमत पर डेटा बेच रही हैं. साइबर गैंग इन डिटेल्स के जरिए सीधे यूजर्स से संपर्क कर रहे हैं.

सतर्क रहें : ई-कॉमर्स कंपनियां ओटीपी या स्क्रैचकार्ड नहीं भेजती हैं, न ही उपहार देती हैं. क्लिक करने के लिए भेजे गए किसी भी लिंक पर भरोसा न करें. केवल आधिकारिक वेबसाइटों पर ही खरीदारी करें. सोशल मीडिया पर लिंक और ऑफ़र के झांसे में न आएं.

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तेलंगाना साइबर सिक्योरिटी ब्यूरो के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर आप उन पर भरोसा करते हैं और व्हाट्सएप पर भेजे गए क्यूआर कोड को स्कैन करते हैं, तो आप पैसे खो देंगे. जनवरी से अब तक तेलंगाना में 15 मामले दर्ज किए गए हैं..इनमें से ज्यादातर शहर की सीमा के भीतर हैं.

ऐसे करते हैं ठगी : साइबर गिरोह केवल उन्हीं उपभोक्ताओं को निशाना बनाते हैं जिन्होंने वेबसाइट पर कोई उत्पाद खरीदा है. व्हाट्सएप या मेल आईडी पर एक संदेश भेजा जाता है कि आपको उनके संगठन द्वारा आयोजित ड्रा में एक भाग्यशाली उपयोगकर्ता के रूप में चुना गया है. आपने कार पुरस्कार जीता है.

अगर उन्हें कार नहीं चाहिए तो वे उन्हें विश्वास दिलाते हैं कि वे इसके बराबर नकद ले सकते हैं. कुछ लोग फर्जी लेटर सीधे घर के पते पर भेजते हैं. चूंकि इसमें हाल ही में खरीदी गई वस्तुओं का विवरण होता है, इसलिए कुछ लोग इसमें दिए गए नंबर पर संपर्क करते हैं. अग्रिम शुल्क के तहत प्राप्तकर्ता से जीएसटी, कूरियर और अन्य शुल्क लिया जाता है. यह पाया गया है कि वे आधार और बैंक खाते का विवरण एकत्र करके एक नई प्रकार की धोखाधड़ी कर रहे हैं.

दरअसल ई-कॉमर्स वेबसाइट उपयोगकर्ताओं और अन्य डेटा को तीसरे पक्ष द्वारा नियंत्रित किया जाता है. सारी जानकारी अपराधियों के हाथों में जा रही है क्योंकि ये कंपनियां प्रति उपयोगकर्ता कीमत पर डेटा बेच रही हैं. साइबर गैंग इन डिटेल्स के जरिए सीधे यूजर्स से संपर्क कर रहे हैं.

सतर्क रहें : ई-कॉमर्स कंपनियां ओटीपी या स्क्रैचकार्ड नहीं भेजती हैं, न ही उपहार देती हैं. क्लिक करने के लिए भेजे गए किसी भी लिंक पर भरोसा न करें. केवल आधिकारिक वेबसाइटों पर ही खरीदारी करें. सोशल मीडिया पर लिंक और ऑफ़र के झांसे में न आएं.

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