हैदराबाद : साइबर अपराधों की जांच में देश का नेतृत्व कर रहे तेलंगाना पुलिस विभाग ने एक और कदम आगे बढ़ाया है. हाल ही में तेलंगाना पुलिस विभाग ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को अपराध के पैटर्न का अध्ययन करने के बाद उठाए जाने वाले उपायों के संबंध में कुछ सुझाव दिए हैं.
तेलंगाना पुलिस विभाग के अनुसार, प्रतिदिन बढ़ रहे साइबर अपराधों की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने विशेष रूप से तेलंगाना राज्य साइबर सुरक्षा ब्यूरो (TSCSB) की स्थापना की. इस साइबर सुरक्षा ब्यूरो के जरिए तेलंगाना पुलिस विभाग के अधिकारी अपराध पैटर्न का गहनता से अध्ययन कर रहे हैं. इसी क्रम में पीड़ितों द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बावजूद यह पाया गया कि उचित व्यवस्था के अभाव के कारण, लूटा गया पैसा पीड़ितों को वापस नहीं किया गया जाता है.
इसी संबंध में टीएससीएसबी अधिकारियों ने आरबीआई को एक सुझाव दिया है. साथ ही कहा है कि पीड़ितों की तरफ से शिकायत मिलने का बाद भी इस बैंक से लेनदेन की प्रक्रिया को रोकने में काफी समय लग जाता है.
मालूम हो कि साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल स्थापित किया गया है, और 1930 नंबर इससे जुड़ा है. साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल से कर्मचारी पीड़ित से सारी जानकारी जुटाकर संबंधित बैंक को देते है. जिसके बाद बैंक को यह पता लगाना होता है कि पीड़ित के खाते से किस खाते में पैसे जमा किए गए हैं, जिसके बाद खाते से लेनदेन को तुरंत रोकना होता है.
हालांकि, साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल से शिकायत मिलने के बाद भी बैंकों के द्वारा तुरंत एक्शन नहीं लिया जाता है. ऐसा प्रतीत होता है कि बैंकों के बीच समन्वय की कमी और जागरूकता की कमी के कारण वे जल्दी प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं.
इस संबंध में तेलंगाना राज्य साइबर सुरक्षा ब्यूरो के अधिकारियों ने आरबीआई को एक केंद्रीकृत प्रणाली स्थापित करने की सलाह दी है. इसके जरिए शिकायत मिलने पर बैंकों से लेनदेन तुरंत बंद हो जाएगी. उन्होंने कहा कि पैसा किस शाखा से गया है और किस शाखा में जमा किया गया है, यह सारी जानकारी कुछ ही देर में पता चल जाएगी. टीएससीएसबी के अधिकारियों ने कहा कि आरबीआई हर बैंक के लिए सख्त साइबर सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य बनाने और उनकी सिफारिशों को लागू करने पर सहमत हो गया है.