पटना: बिहार में लोकसभा की 40 सीटों में से पहले चरण में 19 अप्रैल को 4 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इन चारों सीटों पर इस बार एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है. अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए दोनों तरफ से दिग्गज नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है. एनडीए के पक्ष में जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन जनसभाओं को संबोधित किया है, वही, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह भी एक-एक रैली कर चुके है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2 और बिहार के मुख्यमंत्री ने 4 जनसभा को संबोधित किया है. उधर, महागठबंधन के उम्मीदवार के लिए तेजस्वी यादव ने अकेले सबसे अधिक 47 चुनावी सभाएं की हैं. हालांकि कांग्रेस के दिग्गज राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे की अभी तक एंट्री भी नहीं हुई है.
पीएम मोदी सबसे भरोसेमंद कैंपेनर: पहले चरण की चारों सीट गया, औरंगाबाद, नवादा और जमुई एनडीए की सीटिंग सीट है. इसलिए फिर से जीतने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए उम्मीदवार के लिए कई जनसभा की है. बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी आधा दर्जन चुनावी सभा की है. वहीं उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने चारों लोकसभा सीट में लगातार रोड शो किया है.
चिराग जमुई तो मांझी गया में सिमटे: जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान ने भी कई जनसभाएं की है. चिराग पासवान का पूरा फोकस जमुई लोकसभा सीट पर रहा है तो जीतन राम मांझी ने अपनी लोकसभा सीट गया पर पूरी ताकत लगाई है. एनडीए के दिग्गज नेता प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में भी दिखे हैं. प्रधानमंत्री की जनसभा 4 अप्रैल को जमुई, 7 अप्रैल को नवादा और 16 अप्रैल को गया में आयोजित हुई थी. वहीं 10 अप्रैल को गृह मंत्री अमित शाह ने औरंगाबाद में तो 14 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की जमुई में सभा हुई. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 अप्रैल को औरंगाबाद और नवादा में दो चुनावी जनसभा की.
तेजस्वी ने 47 रैलियां कीं: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी चारों लोकसभा सीट में एक-एक जनसभा की है लेकिन जनसभा करने के मामले में महागठबंधन की बिहार में कमान संभाल रहे तेजस्वी यादव एनडीए नेताओं पर अकेले भारी दिख रहे हैं. तेजस्वी यादव ने चारों सीट पर 47 चुनावी सभाएं अकेले की है. नवादा, गया, जमुई और औरंगाबाद में उन्होंने रैलियों की झड़ी लगा दी.
कांग्रेस नेता पूरी तरह से गायब: तेजस्वी के साथ कई सभाओं में वीआईपी के मुकेश सहनी जरूर दिखे हैं लेकिन सबसे ताज्जुब की बात रही कि कांग्रेस के दिग्गज नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बिहार के पहले चरण के चुनाव प्रचार में कहीं नहीं दिखे. वैसे बिहार कांग्रेस और आरजेडी और वामदलों के नेताओं ने जरूर अपने-अपने स्तर से चुनाव प्रचार और सभाएं की हैं.
स्थानीय स्तर पर नेताओं ने संभाला मोर्चा: इसके साथ ही बिहार के कई मंत्रियों ने भी चुनाव प्रचार में एनडीए उम्मीदवार के लिए ताकत लगाई है. प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने भी एक दर्जन सभाएं की है और जनसंपर्क अभियान चलाया है. जेडीयू के राज्यसभा सांसद संजय झा, मंत्री विजय कुमार चौधरी, मंत्री अशोक चौधरी और मंत्री लेसी सिंह सहित अधिकांश मंत्रियों को लोकसभा क्षेत्र में उतारा गया. दूसरी तरफ आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट के विधायकों ने भी मोर्चा संभाला है. अब देखना है कि पहले चरण में जनता किस पर सबसे अधिक भरोसा जताती है, 19 अप्रैल को इन चारों सीटों पर वोट डाले जाएंगे.
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