ETV Bharat / bharat

ये बिहार का प्राइवेट नहीं सरकारी स्कूल है, बच्चे बोलते हैं फर्राटेदार अंग्रेजी, प्रिंसिपल को मिला अवॉर्ड - Teachers Day 2024

author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 5, 2024, 3:56 PM IST

Teachers Day Special:बिहार के गया में एक ऐसा सरकारी स्कूल है जो प्राइवेट स्कूल को टक्कर दे रहा है. यहां पढ़ने वाला हर एक बच्चा फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता है और इसका सारा श्रेय यहां के प्रिंसिपल वीरेंद्र कुमार को जाता है. इस स्कूल को हाईटेक बनाने वाले गुरुजी वीरेंद्र कुमार को शिक्षक दिवस के मौके पर राजकीय शिक्षक पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया.

Gaya teacher gets honor
गया के शिक्षक को मिला सम्मान (ETV Bharat)

गया: बिहार के गया में एक सरकारी स्कूल है, जो अच्छे-अच्छे प्राइवेट स्कूलों को भी मात दे रहा है. सरकारी विद्यालय में वह सभी व्यवस्थाएं हैं, जो निजी विद्यालयों में भी नहीं है. ऐसे बड़े बदलाव के लिए यहां के प्रिंसिपल वीरेंद्र कुमार को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में राजकीय शिक्षक पुरस्कार 2024 से नवाजा गया है. बिहार के कुल 41 शिक्षकों को सम्मानित किया गया, जिसमें 9 अध्यापिकाएं शामिल हैं.

गया के शिक्षक को मिला सम्मान: विद्यालय के शैक्षणिक वातावरण को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से परिपूर्ण बनाने के लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया गया है. वीरेंद्र कुमार राष्ट्रीय टीचर्स इनोवेशन अवार्ड से भी सम्मानित हो चुके हैं. तब केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियार ने उन्हें 2019 में सम्मानित किया था. वीरेंद्र कुमार मूल रूप से गया जिले के बांकेबाजार प्रखंड के तिलैया गांव के रहने वाले हैं.पिछले 25 सालों से शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वे 1999 बैच के बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित शिक्षक हैं.

Gaya teacher gets honor
स्कूल के बच्चे चलाते हैं चिल्ड्रन बैंक (ETV Bharat)

"इस सरकारी स्कूल का शैक्षणिक शैक्षणिक वातावरण बनाए रखने के लिए कई इनोवेटिव आइडिया के साथ काम किया गया है. अपनी इनोवेटिव आइडिया के चिल्ड्रन बैंक, चिल्ड्रन पार्क, प्राइवेट स्कूल के बच्चों की तरह ड्रेस लांच, बुक हॉस्पिटल, आईसीटी लैब, डीटीएच, स्मार्ट क्लास, सिटी बजाओ स्कूल चलाओ अभियान समेत कई तरह के पहल किए गए हैं. इस बार से हमारे द्वारा 2024 में नामांकित पहली कक्षा के सभी बच्चों को गोद लिया गया है. मुझे जो पुरस्कार मिला है मैं उसे अपने दिवंगत पिता को समर्पित करता हूं.-" वीरेंद्र कुमार, मध्य विद्यालय डिहुरी, गया

Gaya teacher gets honor
प्राइवेट स्कूल के बच्चों की तरह ड्रेस लांच (ETV Bharat)

राजकीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित: वीरेंद्र कुमार बताते हैं कि राजकीय शिक्षक पुरस्कार मेरे द्वारा बच्चों के लिए शिक्षा के लिए किये जा रहे सर्वांगीण विकास के लिए दिया जा रहा है. शैक्षणिक वातावरण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हमारे विद्यालय में है. इसे बेहतर बनाने को लेकर यह बताते हैं, कि जब से शिक्षा के क्षेत्र में वह आए हैं, तब से बच्चों के लिए निरंतर प्रयास करते रहते हैं. जहां भी पोस्टिंग होती है, विद्यालय को बेहतर करने का प्रयास किया जाता है. दूसरे प्रखंडों में जब सेवा का मौका मिला, तो वहां भी सरकारी स्कूल की महत्ता को बताया और लोगों को जागरूक किया, कि सरकारी विद्यालय में क्यों बच्चों को भेजें.

Gaya teacher gets honor
प्रिंसिपल वीरेंद्र कुमार का सम्मान (ETV Bharat)

प्राइवेट स्कूल को टक्कर दे रहा सरकारी स्कूल: गया का यह सरकारी विद्यालय किसी निजी विद्यालय से कम नहीं है. गया जिले के नगर प्रखंड चंदौती अंतर्गत मध्य विद्यालय डिहुरी है. पूरी तरह से ग्रामीण परिवेश और पिछड़े इलाके में यह विद्यालय अवस्थित है. हालांकि विद्यालय में जब लोग आते हैं, तो उन्हें कहीं से भी यह नहीं लगता है, कि यह सरकारी विद्यालय है. इस विद्यालय में वह सब कुछ है, जो एक निजी विद्यालय में होता है.

फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं छोटे-छोटे बच्चे: स्कूल के बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं. इन बच्चों की अंग्रेजी सुन यकीन कर पाना मुश्किल हो जाता है कि ये सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं. इसके लिए स्कूल के प्रिंसिपल और अन्य शिक्षक काफी मेहनत करते हैं. यही कारण है कि हर विधा में पूरे जिले में ये स्कूल हमेशा नंबर एक पर रहता है. साल 2022 को बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार भी स्कूल को मिला था.

विद्यालय का बैंक, हॉस्पिटल और भी काफी कुछ: इस विद्यालय का बैंक है, हॉस्पिटल समेत और भी सुविधाएं हैं. मध्य विद्यालय डिहुरी मे चिल्ड्रन बैंक, चिल्ड्रन पार्क, बुक हॉस्पिटल, आईटीपी लैब, हैंड वॉशिंग स्टेशन, सिटी बजाओ स्कूल चलाओ का अभियान, ऐसे कई पहलू हैं, जो इस विद्यालय को खास बनाते हैं.

मध्य विद्यालय डिहुरी बना मिसाल: यह विद्यालय बिहार का ऐसा सरकारी विद्यालय है जो निजी स्कूलों से जुड़ी आम लोगों की धारणा को भी मात दे रहा है. इस सरकारी विद्यालय में बैंक, हॉस्पिटल जैसे शब्दों को देख एकबारगी कोई भी भौंचक रह जाता है. वहीं यहां अपने बच्चों को भेजने वाले अभिभावक खुद को गौरवान्वित मानते हैं, क्योंकि उनके बच्चे स्कूल जाते हैं, तो उन्हें जरा भी नहीं एहसास होता कि वे किसी सरकारी स्कूल में पढ़ने आए हैं. गौरतलब हो, कि बिहार में आज भी दर्जनों सरकारी विद्यालय हैं, जहां उनकी दुर्दशा हुई है. हालांकि गया का मध्य विद्यालय डिहुरी एक मिसाल पेश कर रहा है.

'सीटी बजाओ स्कूल चलाओ' का अनोखा अभियान: विद्यालय के प्रधानाध्यापक वीरेंद्र कुमार की इनोवेटिव आइडिया के कारण पूरे गांव में सीटी बजती है. बस्ती का कोई बच्चा स्कूल न जाकर अपने घरों में न छूट जाए, यहां अभिभावकों को सचेत करने के लिए सीटी बजती है. सीटी बजाने से अभिभावकों को पता चल जाता है, कि वह अपने बच्चों के विद्यालय भेजें. विद्यालय का समय हो रहा है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक वीरेंद्र कुमार की पहल पर पूरे गांव में सीटी बजती है. टोला लीडर को यह काम दिया गया है, कि रोज सीटी की आवाज सुनकर अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल पहुंचाने से प्रति जागरूक रहे. इस तरह यहां रोजाना शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों की भी काफी अच्छी खासी संख्या है.

Gaya teacher gets honor
प्राइवेट स्कूल को टक्कर दे रहा सरकारी स्कूल (ETV Bharat)

विद्यालय में ड्रेस लॉन्च: निजी विद्यालयों की तरह इस सरकारी विद्यालय में ड्रेस लॉन्च किया गया है. ऐसी पहल से इस विद्यालय के बच्चे स्वाभिमान के साथ स्कूल आते हैं. बच्चे स्वाभिमान की भावना से इस सरकारी स्कूल में पढ़ रहे हैं. इसके लिए यहां के प्रिंसिपल ने बच्चों के लिए ड्रेस भी लॉन्च किया है. सप्ताह में बच्चे शुक्रवार शनिवार को टाई बेल्ट जूते पहनकर विद्यालय को आते हैं. बच्चे खुद को हीन भावना से न देखें, इसके लिए यह व्यवस्था की गई है.

पहली कक्षा के सभी बच्चों को लिया गोद: मध्य विद्यालय डिहुरी के प्रधानाध्यापक वीरेंद्र कुमार ने कई बड़ी पहल की है. उनमें से एक वर्ष 2024-25 शैक्षणिक सत्र में इस विद्यालय में जितने भी बच्चों ने प्रथम कक्षा में नामांकन लिया है, उन सभी बच्चों को गोद लेना है. प्रिंसिपल के द्वारा इन बच्चों को भविष्य में हर मदद की जाएगी.

ये भी पढ़ें- रिटायरमेंट के बाद भी स्कूल से नहीं टूटा नाता, 19 साल से निशुल्क पढ़ाने वाले नागेंद्र साह बोले- 'अंतिम सांस तक पढ़ाऊंगा' - Teachers Day 2024

गया: बिहार के गया में एक सरकारी स्कूल है, जो अच्छे-अच्छे प्राइवेट स्कूलों को भी मात दे रहा है. सरकारी विद्यालय में वह सभी व्यवस्थाएं हैं, जो निजी विद्यालयों में भी नहीं है. ऐसे बड़े बदलाव के लिए यहां के प्रिंसिपल वीरेंद्र कुमार को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में राजकीय शिक्षक पुरस्कार 2024 से नवाजा गया है. बिहार के कुल 41 शिक्षकों को सम्मानित किया गया, जिसमें 9 अध्यापिकाएं शामिल हैं.

गया के शिक्षक को मिला सम्मान: विद्यालय के शैक्षणिक वातावरण को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से परिपूर्ण बनाने के लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया गया है. वीरेंद्र कुमार राष्ट्रीय टीचर्स इनोवेशन अवार्ड से भी सम्मानित हो चुके हैं. तब केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियार ने उन्हें 2019 में सम्मानित किया था. वीरेंद्र कुमार मूल रूप से गया जिले के बांकेबाजार प्रखंड के तिलैया गांव के रहने वाले हैं.पिछले 25 सालों से शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वे 1999 बैच के बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित शिक्षक हैं.

Gaya teacher gets honor
स्कूल के बच्चे चलाते हैं चिल्ड्रन बैंक (ETV Bharat)

"इस सरकारी स्कूल का शैक्षणिक शैक्षणिक वातावरण बनाए रखने के लिए कई इनोवेटिव आइडिया के साथ काम किया गया है. अपनी इनोवेटिव आइडिया के चिल्ड्रन बैंक, चिल्ड्रन पार्क, प्राइवेट स्कूल के बच्चों की तरह ड्रेस लांच, बुक हॉस्पिटल, आईसीटी लैब, डीटीएच, स्मार्ट क्लास, सिटी बजाओ स्कूल चलाओ अभियान समेत कई तरह के पहल किए गए हैं. इस बार से हमारे द्वारा 2024 में नामांकित पहली कक्षा के सभी बच्चों को गोद लिया गया है. मुझे जो पुरस्कार मिला है मैं उसे अपने दिवंगत पिता को समर्पित करता हूं.-" वीरेंद्र कुमार, मध्य विद्यालय डिहुरी, गया

Gaya teacher gets honor
प्राइवेट स्कूल के बच्चों की तरह ड्रेस लांच (ETV Bharat)

राजकीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित: वीरेंद्र कुमार बताते हैं कि राजकीय शिक्षक पुरस्कार मेरे द्वारा बच्चों के लिए शिक्षा के लिए किये जा रहे सर्वांगीण विकास के लिए दिया जा रहा है. शैक्षणिक वातावरण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हमारे विद्यालय में है. इसे बेहतर बनाने को लेकर यह बताते हैं, कि जब से शिक्षा के क्षेत्र में वह आए हैं, तब से बच्चों के लिए निरंतर प्रयास करते रहते हैं. जहां भी पोस्टिंग होती है, विद्यालय को बेहतर करने का प्रयास किया जाता है. दूसरे प्रखंडों में जब सेवा का मौका मिला, तो वहां भी सरकारी स्कूल की महत्ता को बताया और लोगों को जागरूक किया, कि सरकारी विद्यालय में क्यों बच्चों को भेजें.

Gaya teacher gets honor
प्रिंसिपल वीरेंद्र कुमार का सम्मान (ETV Bharat)

प्राइवेट स्कूल को टक्कर दे रहा सरकारी स्कूल: गया का यह सरकारी विद्यालय किसी निजी विद्यालय से कम नहीं है. गया जिले के नगर प्रखंड चंदौती अंतर्गत मध्य विद्यालय डिहुरी है. पूरी तरह से ग्रामीण परिवेश और पिछड़े इलाके में यह विद्यालय अवस्थित है. हालांकि विद्यालय में जब लोग आते हैं, तो उन्हें कहीं से भी यह नहीं लगता है, कि यह सरकारी विद्यालय है. इस विद्यालय में वह सब कुछ है, जो एक निजी विद्यालय में होता है.

फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं छोटे-छोटे बच्चे: स्कूल के बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं. इन बच्चों की अंग्रेजी सुन यकीन कर पाना मुश्किल हो जाता है कि ये सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं. इसके लिए स्कूल के प्रिंसिपल और अन्य शिक्षक काफी मेहनत करते हैं. यही कारण है कि हर विधा में पूरे जिले में ये स्कूल हमेशा नंबर एक पर रहता है. साल 2022 को बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार भी स्कूल को मिला था.

विद्यालय का बैंक, हॉस्पिटल और भी काफी कुछ: इस विद्यालय का बैंक है, हॉस्पिटल समेत और भी सुविधाएं हैं. मध्य विद्यालय डिहुरी मे चिल्ड्रन बैंक, चिल्ड्रन पार्क, बुक हॉस्पिटल, आईटीपी लैब, हैंड वॉशिंग स्टेशन, सिटी बजाओ स्कूल चलाओ का अभियान, ऐसे कई पहलू हैं, जो इस विद्यालय को खास बनाते हैं.

मध्य विद्यालय डिहुरी बना मिसाल: यह विद्यालय बिहार का ऐसा सरकारी विद्यालय है जो निजी स्कूलों से जुड़ी आम लोगों की धारणा को भी मात दे रहा है. इस सरकारी विद्यालय में बैंक, हॉस्पिटल जैसे शब्दों को देख एकबारगी कोई भी भौंचक रह जाता है. वहीं यहां अपने बच्चों को भेजने वाले अभिभावक खुद को गौरवान्वित मानते हैं, क्योंकि उनके बच्चे स्कूल जाते हैं, तो उन्हें जरा भी नहीं एहसास होता कि वे किसी सरकारी स्कूल में पढ़ने आए हैं. गौरतलब हो, कि बिहार में आज भी दर्जनों सरकारी विद्यालय हैं, जहां उनकी दुर्दशा हुई है. हालांकि गया का मध्य विद्यालय डिहुरी एक मिसाल पेश कर रहा है.

'सीटी बजाओ स्कूल चलाओ' का अनोखा अभियान: विद्यालय के प्रधानाध्यापक वीरेंद्र कुमार की इनोवेटिव आइडिया के कारण पूरे गांव में सीटी बजती है. बस्ती का कोई बच्चा स्कूल न जाकर अपने घरों में न छूट जाए, यहां अभिभावकों को सचेत करने के लिए सीटी बजती है. सीटी बजाने से अभिभावकों को पता चल जाता है, कि वह अपने बच्चों के विद्यालय भेजें. विद्यालय का समय हो रहा है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक वीरेंद्र कुमार की पहल पर पूरे गांव में सीटी बजती है. टोला लीडर को यह काम दिया गया है, कि रोज सीटी की आवाज सुनकर अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल पहुंचाने से प्रति जागरूक रहे. इस तरह यहां रोजाना शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों की भी काफी अच्छी खासी संख्या है.

Gaya teacher gets honor
प्राइवेट स्कूल को टक्कर दे रहा सरकारी स्कूल (ETV Bharat)

विद्यालय में ड्रेस लॉन्च: निजी विद्यालयों की तरह इस सरकारी विद्यालय में ड्रेस लॉन्च किया गया है. ऐसी पहल से इस विद्यालय के बच्चे स्वाभिमान के साथ स्कूल आते हैं. बच्चे स्वाभिमान की भावना से इस सरकारी स्कूल में पढ़ रहे हैं. इसके लिए यहां के प्रिंसिपल ने बच्चों के लिए ड्रेस भी लॉन्च किया है. सप्ताह में बच्चे शुक्रवार शनिवार को टाई बेल्ट जूते पहनकर विद्यालय को आते हैं. बच्चे खुद को हीन भावना से न देखें, इसके लिए यह व्यवस्था की गई है.

पहली कक्षा के सभी बच्चों को लिया गोद: मध्य विद्यालय डिहुरी के प्रधानाध्यापक वीरेंद्र कुमार ने कई बड़ी पहल की है. उनमें से एक वर्ष 2024-25 शैक्षणिक सत्र में इस विद्यालय में जितने भी बच्चों ने प्रथम कक्षा में नामांकन लिया है, उन सभी बच्चों को गोद लेना है. प्रिंसिपल के द्वारा इन बच्चों को भविष्य में हर मदद की जाएगी.

ये भी पढ़ें- रिटायरमेंट के बाद भी स्कूल से नहीं टूटा नाता, 19 साल से निशुल्क पढ़ाने वाले नागेंद्र साह बोले- 'अंतिम सांस तक पढ़ाऊंगा' - Teachers Day 2024

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.