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चंद्रबाबू नायडू ने आपसी मतभेद खत्म करने की कोशिश में अमित शाह से मुलाकात की

Chandrababu Naidu Meets Amit Shah: तेलगु देशम पार्टी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. इस बात की चर्चा है कि टीडीपी प्रमुख बीजेपी के साथ आगामी चुनाव लड़ सकते हैं.

TDP chief Chandrababu Naidu meets Amit Shah in Delhi
चंद्रबाबू नायडू ने आपसी मतभेद खत्म करने की कोशिश में अमित शाह से मुलाकात की
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By ANI

Published : Feb 8, 2024, 7:40 AM IST

नई दिल्ली: तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की और पर्याप्त संकेत दिए कि दोनों दल आगामी लोकसभा चुनावों के लिए आंध्र प्रदेश में एक साथ आ सकते हैं. राज्य में संसदीय चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव भी होंगे. चंद्रबाबू नायडू ने शाह से उनके आवास पर मुलाकात की. सूत्रों ने बताया कि बैठक में नड्डा भी मौजूद थे.

यदि नायडू भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में लौटते हैं, तो वह जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विपक्ष से नाता तोड़कर पिछले महीने उसके खेमे में शामिल होने के बाद ऐसा करने वाले दूसरे प्रमुख क्षेत्रीय नेता होंगे.

सूत्रों ने कहा कि टीडीपी अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा के साथ हाथ मिलाने के इच्छुक हैं और सत्तारूढ़ दल के एक वर्ग का मानना है कि नायडू के साथ गठबंधन से राजग को वाईएसआर कांग्रेस शासित राज्य में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि उनकी पार्टी गठबंधन के लिए तैयार है लेकिन यह सब इस पर निर्भर करेगा कि राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी टीडीपी कितनी सीटें देने पर सहमत होती है, खासकर लोकसभा चुनावों के लिए.

दोनों ने 2014 का चुनाव एक साथ मिलकर लड़ा था जब तेलंगाना औपचारिक रूप से आंध्र प्रदेश से अलग नहीं हुआ था. भाजपा ने तब संयुक्त राज्य की 42 सीटों में से तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था और सभी पर जीत हासिल की थी. सूत्रों ने कहा कि तेलंगाना के गठन के बाद आंध्र प्रदेश में 25 सीटें हैं और भाजपा छह से आठ सीटों के बीच चुनाव लड़ने की इच्छुक है.

टीडीपी 2018 में एनडीए से बाहर हो गई. वहीं, 2019 के चुनावों में उसे बड़ी हार झेलनी पड़ी. उस समय वह केवल तीन लोकसभा सीटें जीत सकी और राज्य में वाईएसआर कांग्रेस के हाथों सत्ता खो दी. वाईएसआर कांग्रेस पिछले पांच वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के प्रमुख मुद्दों का समर्थन किया.

हालाँकि, राजनीतिक समीकरणों ने भाजपा को टीडीपी के साथ अपने संबंधों को पुनर्जीवित करने की संभावना तलाशने के लिए प्रेरित किया है, जो लंबे समय से इस मामले पर गंभीरता से विचार कर रही है. अभिनेता पवन कल्याण के नेतृत्व वाली जन सेना पार्टी, जो भाजपा की सहयोगी थी, पहले ही टीडीपी के साथ हाथ मिलाने का फैसला कर चुकी है.

ये भी पढ़ें- क्या आंध्र प्रदेश में बदलेगा राजनीतिक समीकरण, शाह से मुलाकात के लिए नायडू दिल्ली रवाना

नई दिल्ली: तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की और पर्याप्त संकेत दिए कि दोनों दल आगामी लोकसभा चुनावों के लिए आंध्र प्रदेश में एक साथ आ सकते हैं. राज्य में संसदीय चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव भी होंगे. चंद्रबाबू नायडू ने शाह से उनके आवास पर मुलाकात की. सूत्रों ने बताया कि बैठक में नड्डा भी मौजूद थे.

यदि नायडू भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में लौटते हैं, तो वह जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विपक्ष से नाता तोड़कर पिछले महीने उसके खेमे में शामिल होने के बाद ऐसा करने वाले दूसरे प्रमुख क्षेत्रीय नेता होंगे.

सूत्रों ने कहा कि टीडीपी अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा के साथ हाथ मिलाने के इच्छुक हैं और सत्तारूढ़ दल के एक वर्ग का मानना है कि नायडू के साथ गठबंधन से राजग को वाईएसआर कांग्रेस शासित राज्य में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि उनकी पार्टी गठबंधन के लिए तैयार है लेकिन यह सब इस पर निर्भर करेगा कि राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी टीडीपी कितनी सीटें देने पर सहमत होती है, खासकर लोकसभा चुनावों के लिए.

दोनों ने 2014 का चुनाव एक साथ मिलकर लड़ा था जब तेलंगाना औपचारिक रूप से आंध्र प्रदेश से अलग नहीं हुआ था. भाजपा ने तब संयुक्त राज्य की 42 सीटों में से तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था और सभी पर जीत हासिल की थी. सूत्रों ने कहा कि तेलंगाना के गठन के बाद आंध्र प्रदेश में 25 सीटें हैं और भाजपा छह से आठ सीटों के बीच चुनाव लड़ने की इच्छुक है.

टीडीपी 2018 में एनडीए से बाहर हो गई. वहीं, 2019 के चुनावों में उसे बड़ी हार झेलनी पड़ी. उस समय वह केवल तीन लोकसभा सीटें जीत सकी और राज्य में वाईएसआर कांग्रेस के हाथों सत्ता खो दी. वाईएसआर कांग्रेस पिछले पांच वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के प्रमुख मुद्दों का समर्थन किया.

हालाँकि, राजनीतिक समीकरणों ने भाजपा को टीडीपी के साथ अपने संबंधों को पुनर्जीवित करने की संभावना तलाशने के लिए प्रेरित किया है, जो लंबे समय से इस मामले पर गंभीरता से विचार कर रही है. अभिनेता पवन कल्याण के नेतृत्व वाली जन सेना पार्टी, जो भाजपा की सहयोगी थी, पहले ही टीडीपी के साथ हाथ मिलाने का फैसला कर चुकी है.

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