जमशेदपुर: देश के जाने-माने उद्योगपति पद्म विभूषण रतन टाटा के निधन पर जमशेदपुर में शोक की लहर है. टाटा स्टील प्रबंधन, टाटा वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों, खेल जगत के खिलाड़ियों के अलावा शहरवासियों ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी है और उन्हें नमन किया है. टाटा वर्कर्स यूनियन परिसर में शोक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें टाटा स्टील के वीपीसीएस चाणक्य चौधरी, टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष समेत कमेटी के सभी सदस्य मौजूद रहे.
दो मिनट का मौन रखकर लोगों ने रतन टाटा के जमशेदपुर आगमन पर उनके साथ बिताए पलों को याद किया. उधर, सेंटर फॉर एक्सीलेंस परिसर में शोक सभा का आयोजन किया गया. टाटा स्टील के वीपीसीएस चाणक्य चौधरी ने कहा कि पूरा टाटा स्टील मर्माहत है. उनकी क्षति की भरपाई कभी नहीं की जा सकती. उनके द्वारा पूर्व में लिए गए निर्णय आज टाटा स्टील के लिए मील का पत्थर साबित हो रहे हैं. इस दुख की घड़ी में पूरा टाटा ग्रुप उन्हें नमन कर श्रद्धांजलि दे रहा है.
टाटा वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष शाहनवाज आलम ने कहा कि जब रतन टाटा पहली बार टाटा वर्कर्स यूनियन आए थे, तो उन्होंने कहा था कि यूनियन कार्यालय आने से पहले उनकी यूनियन के बारे में अलग राय थी, लेकिन जब वे यूनियन कार्यालय पहुंचे और लोगों से मिले, तो उन्हें बहुत ही सुखद अनुभव हुआ. उन्होंने साफ कहा कि प्रबंधन, यूनियन और मजदूरों के बीच कोई दूरी नहीं होनी चाहिए और सभी को मिलकर कंपनी को आगे बढ़ाने की जरूरत है. चाय बेचने वाले से लेकर ऑफिस बॉय तक, सभी उनके पसंदीदा थे.
रतन टाटा उद्योग के साथ-साथ खेल में भी रुचि रखते थे. उन्होंने जमशेदपुर में हॉकी अकेडमी की स्थापना की. आर्चरी में द्रोणाचार्य और पद्मश्री पुरस्कार विजेता पूर्णिमा महतो ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि रतन सर उच्च विचारों वाले व्यक्ति थे, लेकिन उनका व्यवहार सभी के साथ सामान्य था. वे खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन भी करते थे. उनके निधन से हम सभी दुखी हैं. मैं खुद को टाटा परिवार का सदस्य मानती हूं और मुझे इस पर गर्व है.
टाटा स्टील के पूर्व एमडी स्वर्गीय डॉ. जेजे ईरानी की पत्नी डेजी ईरानी ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि रतन टाटा जब-जब जमशेदपुर आते थे, तो उनसे मुलाकात होती थी. रतन टाटा एक मृदुभाषी और सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति थे.
यह भी पढ़ें:
देश के महान उद्योगपति पद्म विभूषण रतन टाटा का निधन, जमशेदपुर में शोक की लहर
रतन टाटा ने जमशेदपुर से शुरू की थी करियर, निधन के बाद झारखंड में एक दिवसीय शोक की घोषणा