नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से फोन पर बातचीत की और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति और क्वाड सहित बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग की समीक्षा की. पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "अपने मित्र एंथनी अल्बनी से बात करके बहुत खुशी हुई. हमने क्वाड सहित बहुपक्षीय मंचों पर द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग में प्रगति की समीक्षा की.
पीएम मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समक्ष अल्बनीज के बीच यह बातचीत इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत इस साल के अंत में क्वाड लीडर्स समिट की मेजबानी करेगा. चार देशों के समूह क्वाड में भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका शामिल हैं. भारत में होने वाली समिट अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का विदेश में आखिरी सम्मेलन होगा, जिसमें वह भाग लेंगे. क्वाड लीडर्स समिट इस साल जनवरी में होनी थी, लेकिन बाइडेन के इसमें शामिल न हो पाने के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था.
भारत के लिए क्यों अहम है क्वाड
क्वाड्रिलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग यानी क्वाड एक बहुपक्षीय रणनीतिक गठबंधन है, जिसमें चार प्रमुख लोकतंत्रित देश अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. इसका मुख्य उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करते हुए स्वतंत्र, खुला और समावेशी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र सुनिश्चित करना है. क्वाड में भारत की अहम भूमिका है. मध्य पूर्व, मध्य एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच भारत की रणनीतिक स्थिति इसे इंडो-पैसिफिक में क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भागीदार बनाती है. प्रमुख समुद्री मार्गों से भारत की निकटता भी क्वाड के भीतर इसके महत्व को बढ़ाती है.
हिंद महासागर की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारत अग्रणी भूमिका निभाना चाहता है, क्योंकि यह भारत के व्यापार और ऊर्जा आपूर्ति मार्गों के लिए महत्वपूर्ण है. क्वाड के जरिये, भारत अपने भागीदार देशों के साथ समुद्री सुरक्षा पहलों में सहयोग करता है, जिसमें मालाबार अभ्यास जैसे संयुक्त नौसैनिक अभ्यास शामिल हैं. नई दिल्ली क्वाड को क्षेत्र में चीन के प्रभाव को संतुलित करने के लिए एक मंच के रूप में देखता है, खासकर भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवादों के मद्देनजर. क्वाड भारत को चीन की आक्रामकता से उत्पन्न क्षेत्रीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए समान विचारधारा वाले देशों के साथ जुड़ने के लिए बहुपक्षीय ढांचा प्रदान करता है.
क्वाड का उद्देश्य आर्थिक सहयोग बढ़ाना...
क्वाड का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ाना भी है. भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे और आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. क्योंकि भारत को प्रौद्योगिकी और नवाचार के केंद्र के रूप में पहचान मिली है. क्वाड फ्रेमवर्क के भीतर, भारत उभरती प्रौद्योगिकियों, साइबर सुरक्षा और नवाचार पर चर्चा में योगदान देता है, जो डिजिटल स्पेस में नियम-आधारित व्यवस्था बनाए रखने के समूह के व्यापक लक्ष्यों से जुड़ा है.
क्वाड ने कोविड-19 महामारी जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए अपने दायरे का विस्तार किया है. 'दुनिया की फार्मेसी' के कहे जाने वाले भारत ने क्वाड की वैक्सीन पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और वैश्विक वैक्सीन वितरण प्रयासों में योगदान दिया. क्वाड में भारत की सक्रिय भागीदारी बहुध्रुवीय दुनिया और स्थिर हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है. जैसे-जैसे क्वाड का दायरा बढ़ेगा, भारत की भूमिका बढ़ने की संभावना है, जो नई दिल्ली के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और रणनीतिक महत्व को दर्शाता है.
टोक्यों में हुई थी क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक
क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने इस साल जुलाई में टोक्यो में बैठक की थी, जिसमें वैश्विक समुदाय की भलाई के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने और इसे मजबूत करने के उद्देश्य से अपनी साझा प्रतिबद्धता, सामान्य सिद्धांतों और सामूहिक क्षमताओं पर जोर दिया था. बैठक में मंत्रियों ने साझा चुनौतियों पर चर्चा की और हिंद-प्रशांत क्षेत्र और उससे आगे के अन्य देशों के साथ सहयोग में स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अपने-अपने दृष्टिकोण सामने रखे. इसके अतिरिक्त, उन्होंने क्षेत्र को लाभ पहुंचाने के लिए क्वाड के लिए अपनी सक्रिय योजनाओं की रूपरेखा तैयार की, जो रचनात्मक जुड़ाव और सकारात्मक प्रभाव की दिशा में ठोस प्रयास को दर्शाता है.
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